बकाया वेतन देने की मांग करने पर बिहार के मदरसा शिक्षकों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसायीं। पटना के गर्दनीबाग इलाके में पुलिसिया लाठीचार्ज में करीब 40 शिक्षक घायल हो गए। इनमें कई शिक्षकों की हालत गंभीर है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राज्य सरकार ने पटना लाठीचार्ज की घटना के बाद पटना के डीएम और एसएसपी को हटा दिया है। दूसरी तरफ कई नेताओं और संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है।
साल 2010 में बिहार सरकार ने 2460 मान्यता प्राप्त मदरसा शिक्षकों को वेतन देने का फैसला लिया था। इनमें 205 मदरसा शिक्षकों को कुछ महीने वेतन भी दिया गया, लेकिन ज़्यादातर शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा था। शिक्षक लगातार सरकार से वेतन दिए जाने की मांग कर रहे थे। शिक्षकों के संगठन के फैसला किया कि विरोध के लिए वह 24 अगस्त से धरना देंगे। तब से करीब पांच सौ शिक्षक पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे थे। इस दौरान कई बार शिक्षकों ने सरकार को अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन धरने पर न तो कोई मंत्री आया और न ही कोई अफसर।
जब सरकार ने मदरसा शिक्षकों की सुधि नहीं ली तो मदरसा शिक्षकों ने सीएम आवास घेरने का फैसला किया। वे गर्दनीबाग से जैसे ही निकले पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। इस बीच पुलिस और शिक्षकों के बीच भिड़ंत हो गई। धक्का मुक्की के बीच पुलिस जबरदस्त लाठीचार्ज किया। पुलिस को जहां भी मदरसा शिक्षक मिले, दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। कई शिक्षक जान बचाने के लिए नाले और कीचड़ में कूद गए। लाठीचार्ज में करीब 3 दर्जन शिक्षक घायल हुए हैं। कई शिक्षकों की हालत गंभीर है। अब्दुल हन्नान, फैयाज अहमद, वहाब समेत कईयों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें कई शिक्षकों की हालत गंभीर बनी हुई है।
मदरसा शिक्षकों का नेतृत्व बिहार मदरसा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन मौलाना एजाज़ अहमद कर रहे हैं। पत्रकारों से बात करते हुए मौलाना एजाज़ ने कहा कि सरकार ने मदरसा शिक्षकों पर लाठीचार्ज करवाया है। वह 24 घंटे का अल्टीमेटम देते है कि सरकार शिक्षकों की मांग को स्वीकार कर ले। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह पूरे बिहार आंदोलन करेंगे। मौलाना एजाज़ ने कहा कि इस बार वह अपनी मांग पूरी हुए बिना नहीं जाएंगे। धरने में घायल मो. फखरुद्दीन ने कहा कि इस बार वह अपनी मांग पूरी करवाकर रहेंगे, चाहे पुलिस उनकी जान क्यों न लेले।
इधर राज्य सरकार ने मदरसा शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज की घटना को गंभीरता से लिया है। पटना के डीएम और एसएसपी की तबादला कर दिया है। गया के डीएम संजय कुमार अग्रवाल को पटना का नया डीएम बनाया गया है, जबकि दशहरा हादसे के बाद हटाए गए एसएसपी मनु महाराज की एक बार फिर पटना में वापसी हुई है। वे भी फिलहाल गया में एसएसपी थे। पटना डीएम प्रतिमा सतीश कुमार वर्मा को नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड का प्रबंध निदेशक बनाया गया है, जबकि एसएसपी विकास वैभव अब पूर्णिया के नए एसपी होंगे। बिहार में जल्द ही विधान सभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में राज्य की नीतीश सरकार के लिए मदरसा शिक्षकों पर लाठीचार्ज चुनाव में मुद्दा बन सकता है।
मदरसा शिक्षकों पर लाठीचार्ज के बाद राजनीति भी शुरु हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, पूर्व शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल, महाचंद्र प्रसाद सिंह के अलावा सांसद पप्पू यादव शिक्षकों से मिलने पहुंचे। इन नेताओं ने कहा कि शिक्षकों पर लाठीचार्ज नीतीश सरकार के इशारे पर हुआ है। इसी बीच देर शाम में पटना के डीएम और एसएसपी मदरसा शिक्षकों से मिलने आए। दूसरी तरफ पुलिस ने 12 नामजद शिक्षकों के साथ 200 अज्ञात लोगों पर गर्दनीबाग थाने में प्राथमिकी दर्ज की है।
लाठीचार्ज के खिलाफ कई मुस्लिम संगठनों ने नीतीश सरकार की आलोचना की है, और इसे तानाशाही बताया है। इमारत-ए-शरिया संगठन से जुड़े मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी ने कहा कि ये शर्मनाक घटना है, अपनी मांग के लिए शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन करने का सबको हक हासिल है। ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशावरत के महासचिव अनवारुल हुदा ने कहा है कि लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर पर कार्रवाई हो। लोक जनशक्ति पार्टी के अशरफ अंसार ने भी घटना की निंदा की है।
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