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फर्जी शिक्षकों की संख्या पहुंची 94 : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

सहरसा। जिले में अब तक 94 फर्जी नियोजित शिक्षकों ने स्वत: नौकरी से त्याग पत्र दे दिया है। इतनी संख्या में शिक्षकों द्वारा त्याग पत्र देने से यह साफ हो गया कि नियोजित शिक्षकों की बहाली में बड़े पैमाने पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार बनाकर लोगों ने नौकरी हासिल की है। त्याग पत्र देनेवालों में 89 प्राइमरी व मिडिल स्कूल में कार्यरत शिक्षक ही शामिल हैं। शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की निगरानी विभाग ने जांच तो शुरू की है। लेकिन अभी प्राइमरी व मिडिल स्कूल में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच अब तक शुरू नहीं हो पायी है।
सूत्रों की मानें तो निगरानी विभाग ने अब तक प्लस टू स्कूल में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच लगभग पूरी कर ली गयी है। अब माध्यमिक स्कूल में कार्यरत शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू है। माध्यमिक स्कूलों के 5 शिक्षकों ने त्याग पत्र दिया है। फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षक की नौकरी पाने वालों की शिकायत के बाद हाईकोर्ट ने इसकी जांच करने का आदेश दिया। इसके बाद ही राज्य सरकार की पहल पर निगरानी विभाग ने इसकी जांच शुरू कर दी।
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प्राइमरी व मिडिल स्कूल के नियोजित शिक्षकों का जमा नहीं हुआ है प्रमाण पत्र
करीब दो माह से चल रही जांच प्रक्रिया के दौरान शिक्षा विभाग ने उच्च माध्यमिक व माध्यमिक स्कूल की ही तरह प्राइमरी व मिडिल स्कूल में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को प्रमाण पत्र यथाशीघ्र जमा करने का निर्देश सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दिया है। लेकिन कई बार अल्टीमेटम दिए जाने के बाद भी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के नियोजित शिक्षकों ने प्रमाण पत्र जमा नहीं किया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद कि फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी पानेवाले वैसे शिक्षक जब स्वत: त्याग पत्र दे देंगे तो उनसे वसूली की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके बाद तो फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी पानेवालों ने खुद त्याग पत्र देना शुरू कर दिया है। जांच में गलत रूप से नियोजित होनेवाले शिक्षकों से पैसा रिकवरी के अलावा उन पर मुकदमा भी दायर किया जाएगा।
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नियोजित शिक्षकों को प्रमाण पत्र की अटेस्टेड कॉपी ही जमा करनी है।
जिले में 6900 है नियोजित शिक्षक। विभागीय आंकड़े बताते हैं कि 2006 के बाद अब तक हुए नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच निगरानी विभाग को करनी है। हांलाकि प्राइमरी व मिडिल स्कूलों की जांच के बाद ही इसका पूरी तरह खुलासा हो पाएगा कि आखिर फर्जी शिक्षकों का आंकड़ा कहां तक पहुंचा। महिषी प्रखंड से 10 शिक्षकों ने एक साथ त्याग पत्र देने की सूचना मिली। सूत्र बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में नियोजित शिक्षकों की बहाली में काफी गड़बड़ी हुई है। जिसकी तफ्तीश जरूरी है।
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1276 है प्राइमरी व मिडिल स्कूल
सहरसा जिले में प्राइमरी स्कूलों की संख्या 766 एवं मिडिल स्कूलों की संख्या 510 है। जिसमें तटबंध के अंदर प्राइमरी व मिडिल स्कूलों की संख्या 212 है।
अधिकारी कहते है
जिला शिक्षा पदाधिकारी अब्दुल खालिक ने बतायाकि जिले में अब तक कुल 94 फर्जी शिक्षकों ने त्याग पत्र दे दिया है। अभी जांच चल ही रही है। प्लस टू का जांच कार्य पूरा कर लिया गया है। अभी हाई स्कूलों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों की जांच चल रही है। इसके बाद प्राइमरी व मिडिल स्कूलों की जांच होगी।


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