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फर्जी अनुपस्थिति विवरणी पर मानदेय भुगतान : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

सुपौल। प्रशासनिक व्यवस्था एवं सेवा नियमावली को धता बताते हुए एक नियोजित शिक्षिका को बीते 17 माह से फर्जी अनुपस्थिति विवरणी के आधार पर प्रतिमाह मानदेय का भुगतान खाता में होता रहा है। अंतिम भुगतान जून 2015 तक हुए जिसका आधार प्रतिनियुक्ति विद्यालय के प्रधानाध्यापक की विवरणी को बनाया गया है। सूत्र बताते हैं कि बीआरसी के साठगाठ से प्रखंड के विभिन्न विद्यालय में ऐसे दर्जनों शिक्षक हैं जिनका कर्तव्य निर्वहन कागजों पर हो रहा है, जिनका मानदेय भुगतान उनके खाते में हस्तातरित कर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाया जा रहा है।
पड़ताल के दौरान मामले की पुष्टि तब हुई जब प्रखंड के चुन्नी पंचायत स्थित प्रावि आदिवासी टोला में मूलरूप से नियोजित शिक्षिका रोजी कुमारी बीते 17 माह से लगातार गायब पायी गई। कायदे को ताक पर रख कर बीआरसी द्वारा मार्च 2014 में प्रावि कामत टोला जीवछपुर में शिक्षिका को प्रतिनियुक्ति दिखाया गया है। रोचक प्रसंग यह है कि प्रतिनियुक्त विद्यालय के प्रधान ने योगदान की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उक्त शिक्षिका का दर्शन तक नहीं किया है। और ना ही प्रतिनियुक्ति से संबंधित किसी प्रकार का पत्र या आदेश उन्हें प्राप्त हुआ है। विद्यालय के उपस्थिति पंजी से लेकर छात्र व प्रधान या फिर पदस्थापित शिक्षिकाओं तक को यह पता नहीं कि उनके विद्यालय में इस नाम की कोई शिक्षिका प्रतिनियुक्ति पर आई।

जबकि शिक्षिका के मूल विद्यालय प्रावि चुन्नी आदिवासी टोला के शिक्षकोपस्थिति पंजी पर स्पष्ट रूप से अंकित है कि 18 मार्च 2014 को बीइओ छातापुर के पत्राक 219-2 के पत्रादेश के आलोक में उक्त शिक्षिका को प्रावि कामत टोला जीवछपुर में अगले आदेश तक के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया। शिक्षिका के प्रभाव का नतीजा यह रहा कि प्रतिनियुक्ति की अवधि विस्तार के लिए बीआरसी कार्यालय से पुन: 19 सितंबर 2014 को ज्ञापाक 787 मूल विद्यालय को भेजे अगले आदेश तक के लिए प्रतिनियुक्ति विस्तार दी गयी। हैरत की बात रही कि मार्च 2014 में प्रतिनियुक्त उक्त शिक्षिका ने कभी विद्यालय में योगदान ही नहीं दिया और अवधि का विस्तार जारी रहा। 

इस मामले में दोनों विद्यालय के प्रधानाध्यापक सहित बीईओ एवं बीआरसी कर्मी के क्रियाकलाप पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इधर मानदेय भुगतान की अद्यतन स्थिति पर मूल विद्यालय के प्रधानाध्यापक उमेश मंडल का कहना है कि प्रतिनियुक्त विद्यालय के प्रधान द्वारा प्रतिमाह भेजी जा रही अनुपस्थिति विवरणी को चुन्नी के पंचायत सचिव को हस्तगत कराने के उपरात मानदेय भुगतान हो रहा है। जबकि प्रतिनियुक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक ब्रज नारायण कुमार बताते हैं कि चुंकि उनके विद्यालय में इस नाम की शिक्षिका ने योगदान ही नहीं किया तो फिर अनुपस्थिति विवरणी देने का सवाल ही नहीं है।
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