पटना.हर चुनाव में साफ सुथरी राजनीती करने का वादा कर
चुकी सभी दल को कड़े इम्तिहान का फैसला चुनाव आयोग ले
रही है। यह इम्तिहान तमाम नेताओं को देना होगा,
जो अभी क्रिमिनल हो या भ्रष्टाचारि।
आयोग की
पिछली दिनों हुई बैठक में सदस्यों द्वारा कुछ फैसले
लिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि नेताओं को चुनाव लड़ने से पहले कड़े इम्तिहान से गुजरना होगा।
पास नहीं हुए तो हटा दिए जाएंगे
कमेटी ने यह भी तय किया है कि
परीक्षा फेल होने पर उन्हें हटा दिया जाएगा। जो नेता राजनीती कार्य
के लायक नहीं हैं, उनपर सरकार जनता के खजाने से
अनावश्यक पैसा खर्च नहीं करने का फैसला ले
सकती है। इसी बहाने कणो आयोग गन्दी पर चुकी राजनीती
की गुणवत्ता को भी सुधराने
की बात सोच रही है।
। इनसे देश और विदेश के गंभीर मुद्दे
पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। अगर वो चोर,क्रिमिनल या भ्रष्टाचारु नहीं करने वाले नेता फेल करते हैं
तो इन्हें एक मौका और दिया जाएगा। रीटायर्मेंट की उम्र होगा क्या, इसपर
चर्चा अभी चल ही
रही है।
पीपीपी मॉडल के जरिए
सुधारी जाएगी राजनितिक
की गुणवत्ता
अब यह तय किया जा रहा है कि राजनीती की
गुणवत्ता सुधारने व इसे पटरी पर लाने के लिए
पीपीपी मॉडल अपनाया
जाएगा। नेताओ राजनीती ज्वाइन करने की
नियमावली होना चाहिए जिसमे सेवा
11 महीने में ब्रेक करने की बात
होनी थी।इन गुंडों,अपराधी,बलात्कारी के लिए
राजनीती से रोकने का प्रावधान इससे पहले नहीं
किया गया था। सरकार ने इसका ख्याल नहीं रखा
और इनके लिए भी राजनीती के दरवाजे खोल दीए गए।ये एक तकनीकी चूक
थी।
@धर्मेन्द्र कुमार
चुकी सभी दल को कड़े इम्तिहान का फैसला चुनाव आयोग ले
रही है। यह इम्तिहान तमाम नेताओं को देना होगा,
जो अभी क्रिमिनल हो या भ्रष्टाचारि।
आयोग की
पिछली दिनों हुई बैठक में सदस्यों द्वारा कुछ फैसले
लिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि नेताओं को चुनाव लड़ने से पहले कड़े इम्तिहान से गुजरना होगा।
पास नहीं हुए तो हटा दिए जाएंगे
कमेटी ने यह भी तय किया है कि
परीक्षा फेल होने पर उन्हें हटा दिया जाएगा। जो नेता राजनीती कार्य
के लायक नहीं हैं, उनपर सरकार जनता के खजाने से
अनावश्यक पैसा खर्च नहीं करने का फैसला ले
सकती है। इसी बहाने कणो आयोग गन्दी पर चुकी राजनीती
की गुणवत्ता को भी सुधराने
की बात सोच रही है।
। इनसे देश और विदेश के गंभीर मुद्दे
पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। अगर वो चोर,क्रिमिनल या भ्रष्टाचारु नहीं करने वाले नेता फेल करते हैं
तो इन्हें एक मौका और दिया जाएगा। रीटायर्मेंट की उम्र होगा क्या, इसपर
चर्चा अभी चल ही
रही है।
पीपीपी मॉडल के जरिए
सुधारी जाएगी राजनितिक
की गुणवत्ता
अब यह तय किया जा रहा है कि राजनीती की
गुणवत्ता सुधारने व इसे पटरी पर लाने के लिए
पीपीपी मॉडल अपनाया
जाएगा। नेताओ राजनीती ज्वाइन करने की
नियमावली होना चाहिए जिसमे सेवा
11 महीने में ब्रेक करने की बात
होनी थी।इन गुंडों,अपराधी,बलात्कारी के लिए
राजनीती से रोकने का प्रावधान इससे पहले नहीं
किया गया था। सरकार ने इसका ख्याल नहीं रखा
और इनके लिए भी राजनीती के दरवाजे खोल दीए गए।ये एक तकनीकी चूक
थी।
@धर्मेन्द्र कुमार