केंद्रीय सुरक्षा बलों में होगी 11 हजार महिलाओं की भर्ती
नई दिल्ली। महिला सशक्तीकरण की दिशा में कें द्र सरकार ने अहम फैसला लिया है। केंद्रीय सुरक्षा बलों में 11 हजार से अधिक महिलाओं की भर्ती की जाएगी, जिनके कंधों पर सीमा की निगरानी व कानून व्यवस्था को संभालने जैसी अहम जिम्मेदारी होगी। यह निर्णय सैन्य बलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए लिया गया है।
हालांकि सरकार इस दिशा में पहले से ही कदम बढ़ा चुकी है। सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआइएसएफ व आइटीबीपी में 8533 महिलाओं को भर्ती करने की योजना पहले ही बन चुकी है। नेपाल व भूटान की सीमा की पहरेदारी के लिए अकेले सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में ही वर्ष 2017 तक 2772 महिलाओं की भर्ती होगी।
भर्ती का उद्देश्य केंद्रीय सुरक्षा बलों में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देकर उनकी संख्या को पांच फीसद करना है। एक बड़े अभियान के तहत इन भर्तियों को मंजूरी दी गई है। अकेले सीआरपीएफ में दो महिला वाहिनी का गठन होगा, जो इस बल को नई ताकत देगा। जबकि, बीएसएफ , आइटीबीपी व एसएसबी में महिलाओं की भर्ती तेजी से हो रही है जिनकी तैनाती सीमावर्ती क्षेत्रों में किया जा रहा है।
सरकार ने महिलाओं की भर्ती को इसलिए काफी अहम माना है, क्योंकि केंद्रीय सुरक्षा बलों के ऊपर देश की आंतरिक सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी है। इन सभी में सीआरपीएफ के ऊपर आंतरिक सुरक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
सीआरपीएफ की महिला वाहिनी का उपयोग नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़, झारखंड में भी किया जाएगा। इनकी तैनाती मानसरोवर यात्रा व अमरनाथ यात्रा में भी प्रमुखता से की जाएगी। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) त्रिस्तरीय भर्ती प्रक्रिया का आयोजन करेगा।
बलों में महिलाओं की स्थिति प्रतिशत में :
-सीआइएसएफ : 4.89
-सीआरपीएफ : 2.13
-आइटीबीपी :1.75
-एसएसबी :1.50
- बीएसएफ :1.42
नई दिल्ली। महिला सशक्तीकरण की दिशा में कें द्र सरकार ने अहम फैसला लिया है। केंद्रीय सुरक्षा बलों में 11 हजार से अधिक महिलाओं की भर्ती की जाएगी, जिनके कंधों पर सीमा की निगरानी व कानून व्यवस्था को संभालने जैसी अहम जिम्मेदारी होगी। यह निर्णय सैन्य बलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए लिया गया है।
हालांकि सरकार इस दिशा में पहले से ही कदम बढ़ा चुकी है। सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआइएसएफ व आइटीबीपी में 8533 महिलाओं को भर्ती करने की योजना पहले ही बन चुकी है। नेपाल व भूटान की सीमा की पहरेदारी के लिए अकेले सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में ही वर्ष 2017 तक 2772 महिलाओं की भर्ती होगी।
भर्ती का उद्देश्य केंद्रीय सुरक्षा बलों में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देकर उनकी संख्या को पांच फीसद करना है। एक बड़े अभियान के तहत इन भर्तियों को मंजूरी दी गई है। अकेले सीआरपीएफ में दो महिला वाहिनी का गठन होगा, जो इस बल को नई ताकत देगा। जबकि, बीएसएफ , आइटीबीपी व एसएसबी में महिलाओं की भर्ती तेजी से हो रही है जिनकी तैनाती सीमावर्ती क्षेत्रों में किया जा रहा है।
सरकार ने महिलाओं की भर्ती को इसलिए काफी अहम माना है, क्योंकि केंद्रीय सुरक्षा बलों के ऊपर देश की आंतरिक सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी है। इन सभी में सीआरपीएफ के ऊपर आंतरिक सुरक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
सीआरपीएफ की महिला वाहिनी का उपयोग नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़, झारखंड में भी किया जाएगा। इनकी तैनाती मानसरोवर यात्रा व अमरनाथ यात्रा में भी प्रमुखता से की जाएगी। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) त्रिस्तरीय भर्ती प्रक्रिया का आयोजन करेगा।
बलों में महिलाओं की स्थिति प्रतिशत में :
-सीआइएसएफ : 4.89
-सीआरपीएफ : 2.13
-आइटीबीपी :1.75
-एसएसबी :1.50
- बीएसएफ :1.42