देवघर/रांची। झारखंड के विभिन्न कॉलेजों में जल्द ही 1200 व्याख्याताओं की भर्ती करने की तैयारी कर ली गई है। इन सभी व्याख्याताओं की नियुक्तियां कांट्रैक्ट पर ही की जानी हैं।
व्याख्याताओं की स्थायी नियुक्ति में हो रहे विलंब को देखते हुए सरकार ने कॉलेजों में यह निर्णय लिया है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी है।
जानकारी के अनुसार अब प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजा जायेगा। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। बताया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2017-18 के शुरू होने से पहले व्याख्याताओं की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। जिससे कि जून से स्नातक की शुरू होने वाली कक्षा के पूर्व शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाये।
विश्वविद्यालय के कॉलेजों के साथ ही पॉलिटेक्निक कॉलेजों में भी व्याख्याता रखे जायेंगे। कांट्रैक्ट पर बहाल होने वाले व्याख्याताओं को प्रति क्लास 600 रुपये मानदेय दिया जाएगा। एक व्याख्याता एक दिन में अधिकतम चार क्लास ले सकेंगे़ एक माह में एक व्याख्याता 60 से अधिक क्लास नहीं ले सकेंगे। यानी व्याख्याता को प्रतिमाह 36,000 रुपए से अधिक का भुगतान नहीं किया जायेगा।
प्रस्ताव के अनुसार, नेट व पीएचडी सफल अभ्यर्थी ही कांट्रैक्ट पर बहाल होने वाले व्याख्याता के लिए योग्य होंगे। व्याख्याताओं की नियुक्ति विवि स्तर पर की जायेगी। कांट्रैक्ट तीन साल का होगा़।
व्याख्याताओं की स्थायी नियुक्ति में हो रहे विलंब को देखते हुए सरकार ने कॉलेजों में यह निर्णय लिया है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी है।
जानकारी के अनुसार अब प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजा जायेगा। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। बताया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2017-18 के शुरू होने से पहले व्याख्याताओं की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। जिससे कि जून से स्नातक की शुरू होने वाली कक्षा के पूर्व शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाये।
विश्वविद्यालय के कॉलेजों के साथ ही पॉलिटेक्निक कॉलेजों में भी व्याख्याता रखे जायेंगे। कांट्रैक्ट पर बहाल होने वाले व्याख्याताओं को प्रति क्लास 600 रुपये मानदेय दिया जाएगा। एक व्याख्याता एक दिन में अधिकतम चार क्लास ले सकेंगे़ एक माह में एक व्याख्याता 60 से अधिक क्लास नहीं ले सकेंगे। यानी व्याख्याता को प्रतिमाह 36,000 रुपए से अधिक का भुगतान नहीं किया जायेगा।
प्रस्ताव के अनुसार, नेट व पीएचडी सफल अभ्यर्थी ही कांट्रैक्ट पर बहाल होने वाले व्याख्याता के लिए योग्य होंगे। व्याख्याताओं की नियुक्ति विवि स्तर पर की जायेगी। कांट्रैक्ट तीन साल का होगा़।