बिहार के जहानाबाद जिले में शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन किया। आक्रोशित शिक्षकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) के खिलाफ मार्च निकाला और पुतला दहन कर न्याय की मांग की। यह प्रदर्शन शिक्षा विभाग में व्याप्त कथित अनियमितताओं और लंबित समस्याओं के विरोध में किया गया।
✊ शिक्षकों का मार्च और पुतला दहन
शिक्षक संगठनों के आह्वान पर बड़ी संख्या में शिक्षक एकत्र हुए।
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शिक्षकों ने उंटा मोड़ से अस्पताल मोड़ तक विरोध मार्च निकाला
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इसके बाद DEO और DPO का पुतला दहन कर विरोध दर्ज कराया
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प्रदर्शन के दौरान शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई
📌 शिक्षकों की प्रमुख मांगें
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने आरोप लगाया कि:
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शिक्षा अधिकारियों द्वारा चयनात्मक (पिक एंड चूज) तरीके से काम किया जा रहा है
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उच्च अधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं हो रहा
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शिक्षकों और विद्यालय कर्मचारियों की समस्याओं को जानबूझकर लंबित रखा जा रहा है
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एक विद्यालय में रसोइयों का मानदेय लगभग 11 महीनों से बकाया है
⚠️ भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोप
शिक्षक नेताओं ने DEO और DPO पर:
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भ्रष्टाचार
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गलत रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजने
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शिक्षकों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार
जैसे गंभीर आरोप लगाए।
🔥 आंदोलन तेज करने की चेतावनी
शिक्षकों ने चेतावनी दी कि:
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यदि 25 दिसंबर तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ
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तो 26 दिसंबर से जिला शिक्षा कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा
👥 प्रदर्शन में शामिल प्रमुख शिक्षक नेता
प्रदर्शन में कई शिक्षक नेता और संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने एक स्वर में आंदोलन को और तेज करने की बात कही।
📝 निष्कर्ष
जहानाबाद शिक्षक आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। यदि समय रहते शिक्षा विभाग ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र हो सकता है। यह मामला अब सिर्फ शिक्षकों का नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है।