लखीसराय (बिहार)। बिहार के लखीसराय जिले में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में पाया गया कि ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर नियमों का उल्लंघन करते हुए 12 शिक्षकों ने फर्जी हाजिरी दर्ज की, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने उनके वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है।
📌 क्या है पूरा मामला?
बिहार सरकार द्वारा लागू ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों को प्रतिदिन विद्यालय परिसर में उपस्थित रहकर ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करनी होती है। इसके लिए जियो-लोकेशन, चेहरे की फोटो और इन-आउट टाइम अनिवार्य है।
जांच में सामने आया कि कुछ शिक्षक विद्यालय आए बिना ही तकनीकी जुगाड़ के जरिए हाजिरी दर्ज कर रहे थे। यह कृत्य विभागीय नियमों और शिक्षक आचरण संहिता का गंभीर उल्लंघन माना गया है।
👩🏫 प्रधानाध्यापक की भूमिका भी संदिग्ध
सूत्रों के अनुसार, कुछ मामलों में विद्यालय प्रधानाध्यापक की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। आशंका जताई जा रही है कि शिक्षकों को फर्जी हाजिरी दर्ज कराने में आंतरिक सहयोग मिला।
🧾 विभागीय कार्रवाई शुरू
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी दोषी शिक्षकों से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक वेतन भुगतान रोकने का निर्णय लिया गया है।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं रहा, तो आगे अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
⚠️ शिक्षा विभाग की सख्त चेतावनी
शिक्षा विभाग ने चेतावनी दी है कि डिजिटल उपस्थिति प्रणाली में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में इस तरह की गतिविधियों पर और कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
📍 क्यों अहम है यह मामला?
यह मामला न केवल शिक्षकों की जवाबदेही से जुड़ा है, बल्कि डिजिटल गवर्नेंस और पारदर्शिता की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करता है। विभाग इस घटना को उदाहरण बनाकर आगे कड़े कदम उठाने की तैयारी में है।