बिहार शिक्षा विभाग अब नई पटरी पर है। केके पाठक के जाने के बाद अब हर स्तर पर बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ताजा मामला परीक्षा प्रणाली से जुड़ा है। इसमें भी बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। यह बदलाव स्कूलों में 2025 से दिखेगा जब नए नियम लागू होंगे।
केके पाठक के जाने के बाद विभाग में सुधार और बदलाव की प्रक्रिया तेज
बिहार शिक्षा विभाग अब नई दिशा में कदम बढ़ा रहा है। केके पाठक के जाने के बाद विभाग में सुधार और बदलाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। ताजा मामला परीक्षा प्रणाली से जुड़ा है, जिसमें 2025 से कई बड़े बदलाव लागू होंगे।
2025 से कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए
बिहार के शिक्षा विभाग ने 2025 से कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। विभाग ने यह निर्णय लिया है कि अगले कैलेंडर वर्ष से मासिक परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा, जबकि त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा जारी रहेगी।
मासिक परीक्षा होगी समाप्त
शिक्षा विभाग ने फैसला किया है कि 2025 से कक्षा 1 से 12वीं तक मासिक परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया जाएगा।
- मौजूदा प्रणाली: मासिक परीक्षा के साथ त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाएं।
- नया नियम: सिर्फ त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा आयोजित की जाएंगी।
कक्षा 1 से 8 तक के लिए नई व्यवस्था
- इन कक्षाओं की सभी परीक्षाएं राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा आयोजित होंगी।
- उद्देश्य: परीक्षा प्रणाली को सरल और व्यवस्थित बनाना।
कक्षा 9 से 12 तक के लिए बोर्ड का नियंत्रण
- 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं स्कूल स्तर पर ही आयोजित होंगी।
- 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं पहले की तरह बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) के नियंत्रण में होंगी।
- प्रायोगिक और सेंटअप परीक्षाएं भी BSEB द्वारा आयोजित होंगी।
बदलाव का उद्देश्य
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य है:
- छात्रों पर अनावश्यक परीक्षा के बोझ को कम करना।
- शिक्षा के गुणवत्ता स्तर को सुधारना।
- परीक्षा प्रणाली को आधुनिक और छात्र केंद्रित बनाना।
शिक्षा विभाग का बयान
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा:
“हम चाहते हैं कि छात्र न केवल परीक्षा पास करें, बल्कि शिक्षा को गहराई से समझें। यह बदलाव शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाएगा।”
शिक्षकों और छात्रों की प्रतिक्रिया
- शिक्षक: नए नियमों से शिक्षकों का भी बोझ कम होगा, क्योंकि मासिक परीक्षा तैयार करना और उसका मूल्यांकन समय लेता था।
- छात्र: मासिक परीक्षा के हटने से पढ़ाई का दबाव थोड़ा कम होगा।
निष्कर्ष
बिहार में शिक्षा विभाग के ये बदलाव शिक्षा प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं।
- 2025 से लागू होने वाले ये नियम न केवल शिक्षकों और छात्रों के बीच सकारात्मक माहौल बनाएंगे, बल्कि शिक्षा के स्तर को सुधारने में भी मदद करेंगे।