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Bihar Teacher: ट्रांसफर-पोस्टिंग में सिंगल महिला को मिलेगी बड़ी राहत, नीतीश कैबिनेट में भेजा जाएगा प्रस्ताव

 PATNA : बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए जल्द ही स्थानांतरण और पदस्थापन की नई नीति लागू होने जा रही है। शिक्षा विभाग ने प्रस्तावित नीति के मसौदे को मंजूरी दे दी है और अब इसे विधि विभाग से मंतव्य लेकर मंत्रिमंडल में स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। इस नीति के तहत दिव्यांग महिला, असाध्य रोगों से पीड़ित शिक्षक, महिला शिक्षक एवं ऐसी महिलाएं जो सिंगल हैं, इनका विशेष ध्यान रखेंगे।


दरअसल, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने इसी माह पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर घोषणा की थी कि इस माह के अंत तक शिक्षकों के स्थानातंरण-पदस्थापन की नीति तय हो जाएगी। इसके आलोक में शिक्षा विभाग ने प्रस्तावित नीति पर होमवर्क पूरा कर लिया है। शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों के स्थानातंरण-पदस्थापन की प्रस्तावित नीति तैयार है। इसमें शामिल सभी बिंदुओं पर सहमति बन चुकी है। प्रस्तावित नीति के ड्राफ्ट को शिक्षा विभाग द्वारा मंजूर किए जाने के बाद उस पर सरकार से मुहर लगने की औपचारिकता मात्र रह गयी है। कैबिनेट की प्रस्तावित नीति पर मुहर लगने के साथ ही उसकी अधिसूचना जारी होगी। फिर, उसके कार्यान्वयन की प्रक्रिया शुरू होगी।


शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि अनुकंपा के जो मामले थे, उसमें छह हजार से अधिक पदों की स्वीकृति मिल गयी है। इस मामले का शीघ्र निष्पादन होगा। बहाल होने वाले प्रत्याशी का सही इस्तेमाल कर सकें। पद सृजन की स्वीकृति पूर्व में ही कैबिनेट से मिल चुकी है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि तबादला नीति बनाने की प्रक्रिया बिल्कुल अंतिम चरण में है। इसी आधार पर शिक्षकों का पदस्थापन और स्थानांतरण किया जाएगा। दिव्यांग, असाध्य रोगों से पीड़ित और महिला शिक्षक का विशेष ध्यान रखेंगे। सेवानिवृत्ति की कगार पर पहुंचे शिक्षकों का भी विशेष ध्यान रखा गया है।


मालूम हो कि राज्य में साढ़े पांच लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें पुराने वेतनमान वाले, बिहार लोक सेवा से बहाल और नियोजित शिक्षक शामिल हैं। शिक्षकों के पदस्थापन और स्थानांतरण को लेकर विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता में दो जुलाई को कमेटी गठित की गयी थी। कमेटी द्वारा तैयार प्रस्ताव को लेकर इसके अध्यक्ष और सदस्यों के साथ विभागीय मंत्री और विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने भी विमर्श किया है।

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