मोहन प्रकाश/सुपौल. व्यक्ति और समाज के विकास के लिए शिक्षा का महत्व सबसे ज्यादा है. बेहतर शिक्षा हासिल कर ही अपना और समाज का विकास किया जा सकता है. इसी सपने को साकार करने के लिए एक युवक ने आर्मी में चयनित होकर 16 वर्ष 4 महीने 21 दिन तक देश की सेवा की. उसी दौरान बेहतर समाज निर्माण के लिए बीएड तक की पढ़ाई की. इसके बाद नौकरी छोड़ कर शिक्षक बनने घर आ गए. लेकिन शिक्षक की बहाली में विभागीय देरी देख बिहार पुलिस में डायल 112 ज्वाइन कर लिया.
इसके डेढ़ वर्ष बाद उस नौकरी छोड़ कर अब बीपीएससी के दूसरे चरण में सफलता हासिल कर प्लस टू हाई स्कूल के शिक्षक बन गए. हम बात कर रहे हैं सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड अंतर्गत गद्दी वार्ड-12 निवासी 38 वर्षीय शंकर चौधरी की.
आर्मी में रहते की बीएड की पढ़ाई
शंकर चौधरी बताते हैं कि छात्र जीवन से ही पढ़कर अधिकारी बनने की इच्छा थी.
लेकिन परिवार की माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी. इसलिए इंटर तक की पढ़ाई पूरी
करने के बाद पहले ही प्रयास में 9 जनवरी 2005 को आर्मी की नौकरी ज्वाइन कर
ली. चुकी उन्हें पता था कि आर्मी में रहकर सरकारी खर्च पर आप पढ़ाई कर सकते
हैं, इसलिए शंकर ने पढ़ाई को जारी रखा.
आर्मी में नौकरी करते हुए उन्होंने बीएड तक की पढ़ाई पूरी की. इसी बीच सरकारी टीचर बन कर बच्चों को अच्छी तालिम देकर बेहतर समाज निर्माण की मन में इच्छा जागृत हो गई. साेच यह थी कि देश सेवा तो 16 वर्ष 4 महीने 21 कर ली, अब सरकारी टीचर बनकर समाज की सेवा करूं.
प्लस टू के छात्रों को पढ़ाएंगे समाज शास्त्र
वे बताते हैं कि वर्ष 2021 में एसटीईटी परीक्षा पास करने के बाद आर्मी
की नौकरी छोड़ दी और घर लौट आए. लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से बहाली नहीं हो
सकी. इसके बाद तत्काल राज्य की सेवा के उद्देश्य से एडब्ल्यूपीओ के माध्यम
से 112 नंबर की बिहार पुलिस की नौकरी 25 जून 2022 को ज्वाइन कर लिया.
वहां से ही काम करते हुए शंकर ने बीपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें वे पास भी कर गए. शंकर का चयन प्लस टू हाई स्कूल शिक्षक के रूप में हुआ है. उन्होंने पुलिस की नौकरी से त्याग-पत्र शिक्षक की नौकरी ज्वाइन कर ली है.13 जनवरी को उन्हें नियुक्ति-पत्र दिया गया.