पटना, राज्य ब्यूरो। राज्य में छठे चरण में नियोजित पहली से पांचवीं कक्षा तक के बीएड योग्यताधारी शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने संबंधित शिक्षकों के लिए छह माह का ब्रिज कोर्स चलाएगी। इससे शिक्षकों के शिक्षण कार्य में दक्षता लायी जाएगी। छठे चरण में 43 हजार शिक्षक नियुक्त किए गए हैं जो प्रारंभिक विद्यालयों में कार्य कर रहे हैं।
नियुक्ति की तिथि से दो वर्ष के अंदर करना होगा ब्रिज कोर्स
प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने बीएड योग्यताधारी शिक्षकों को ट्रेनिंग देने हेतु ब्रिज कोर्स का प्रस्ताव तैयार किया है और इस पर विभागीय सहमति मिल चुकी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के प्रविधान के तहत पहली से पांचवीं कक्षा के बीएड योग्यताधारी शिक्षकों के लिए नियुक्ति की तिथि से दो वर्षों के अंदर छह माह के ब्रिज कोर्स की अनिवार्यता है। लेकिन, शिक्षकों की नियुक्ति के नौ माह के अंदर ब्रिज कोर्स शुरू नहीं किए जाने की स्थिति में ऐसे शिक्षकों की परेशानी बढ़ जाती है।
विद्यालय समेत समाहरणालय एवं पुलिस लाइन में वेंडिंग मशीन
माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को लेकर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में सभी विभागों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की गई। बैठक में पटना सचिवालय में 19 महिला शौचालय, सभी जिलों के शहरी क्षेत्र के 225 कन्या, मध्य व उच्च विद्यालयों के अलावा प्रदेश के सभी कस्तूरबा कन्या आवासीय विद्यालय व सभी जिलों के समाहरणालय एवं जिला पुलिस लाइन में एक-एक सेनेटरी पैड वेंडिग मशीन एवं भस्मक मशीन लगाने का निर्णय लिया गया। महिला एवं बाल विकास निगम की ओर से चार दिवसीय आवसीय प्रशिक्षण का समापन शहर के होटल चाणक्या में किया गया।
निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक हरजोत कौर बम्हरा ने कहा कि चार दिनों चलने वाले माहवारी स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रम में स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग, जीविका से जुड़े महिला ट्रेनर ने भाग लेकर जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम में यूनिसेफ का भी सहयोग मिला। बम्हरा ने सभी प्रतिभागियों को कहा कि प्रशिक्षण के बाद अन्य को भी प्रशिक्षित कर माहवारी के बारे में सही जानकारी देंगे।