पटनाः बिहार के प्राथमिक स्कूलों में नियोजन के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है. शिक्षा विभाग से अभ्यर्थियों को ठोस आश्वासन नहीं मिला है, लेकिन अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग की बेरुखी के साथ-साथ एक नई परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है. ये परेशानी है केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) 2022 को लेकर.
दरअसल, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 तक होनी है. इस परीक्षा में बिहार के हजारों छात्र शामिल होंगे और इसमें पास होने वालों की संख्या भी हजारों में होगी. लिहाजा अब अभ्यर्थी विभाग से जल्द ही अधिसूचना जारी करने की मांग कर रहे हैं.
सातवें दौर का आयोजन कब होगा शुरू
बिहार में सातवें दौर का आयोजन कब शुरू होगा, ये सवाल एक पहेली के रूप में
तब्दील हो चुका है. क्योंकि विभाग की तरफ से अभी यह साफ नहीं हुआ है कि
सूबे में सातवें दौर का प्राथमिक शिक्षक नियोजन कब होगा. शिक्षा विभाग के
फैसले और अभ्यर्थियों के इंतजार के बीच सीटीईटी परीक्षा भी मौजूद
अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ाने वाली है. अभी ऐसे अभ्यर्थी जिनके पास बीएड
और सीटीईटी की डिग्री है, वो हर हाल में सीटीईटी दिसंबर 2022 के नतीजे से
पहले शिक्षा विभाग से अधिसूचना जारी करने की मांग कर रहे हैं. एक तरह से
अभ्यर्थियों की मांग जायज भी है. अभ्यर्थियों को डर है कि अगर सीटीईटी
दिसंबर 2022 के सफल अभ्यर्थी भी शिक्षक नियोजन में शामिल होंगे तो फिर
प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी.
दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 के बीच सीटीईटी की परीक्षा
बिहार में शिक्षक बनने की योग्यताओं में एक योग्यता सीटीईटी की डिग्री भी
होती है. दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 के बीच सीटीईटी की परीक्षा होगी जिसके
परिणाम फरवरी 2023 तक आ जाएंगे. यानि क्लास एक से लेकर क्लास आठ तक शिक्षक
बनने की दौड़ में नए अभ्यर्थी शामिल होंगे. पदों की संख्या यथावत रहेगी
लेकिन अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ जाएगी. मौजूदा शिक्षक नियोजन अभ्यर्थियों
की दलील है कि वो तीन सालों से लगातार सड़क पर नियोजन की अधिसूचना के लिए
आंदोलन कर रहे हैं. अगर अधिसूचना फरवरी मार्च 2023 में जारी होगी तो फिर
उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा, क्योंकि हजारों की संख्या में नए और सफल
सीटीईटी डिग्री धारक शिक्षक बनने के योग्य हो जाएंगे.
शिक्षक नियोजन पर राजनीति जारी
दूसरी ओर शिक्षा विभाग रटा रटाया जवाब दे रहा है. विभाग के मंत्री प्रोफेसर
चंद्रशेखर यादव नियोजन से जुड़ी अधिसूचना पर केंद्र सरकार पर ही सवाल खड़े
करने लगते हैं. हालांकि, शिक्षक नियोजन पर राजनीति भी जारी है. बीजेपी के
प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार तिवारी ने कहा है कि, रोजगार सरकार की
प्राथमिकता में नहीं है. हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार विधान
परिषद के सदस्य प्रेमचंद मिश्रा अभ्यर्थियों से सड़क पर आंदोलन नहीं करने
की अपील कर रहे हैं.