बिहार में सातवें चरण के शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है। पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि चुनाव आचार संहिता की वजह से देर हो रही है। लेकिन अब निकाय चुनाव में पेंच फंस गया है।
इसलिए चुनाव में देर संभव है। अब शिक्षक अभ्यर्थी ये सवाल कर रहे हैं कि क्या सरकार अब सातवें चरण की शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू करेगी या इंतजार लोकसभा चुनाव या विधान सभा चुनाव का है? विभिन्न शिक्षक संघों ने मांग रखी है कि सातवें चरण की बहाली प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए। यह मांग इसलिए भी की जा रही है कि शिक्षकों की काफी कमी स्कूलों में हैं और इसका असर बच्चों की पढ़ाई के साथ ही कार्यरत शिक्षकों पर भी पड़ रहा है।अभ्यर्थी इसके लिए आंदोलन कर चुके हैं, सरकार की लाठियां खा चुके हैं
बता दें कि सातवें चरण की शिक्षक बहाली की मांग को लेकर अभ्यर्थी धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। सड़क पर उतरकर भी आंदोलन किया गया। उसी आंदोलन में हाथ में तिरंगे से खुद का बचाव करते छात्र पर लगातार लाठी चार्ज हुआ था और मामला काफी चर्चा में आया था। उसके बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आश्वसन दिया था। उन्होंने कहा था कि- 'विद्यार्थियों(STET) से अपील है कि धैर्य रखें। हम काम कर रहे हैं। हमारी रोजगार और नौकरी को लेकर ही लड़ाई रही है। हमने 15 अगस्त को ऐलान किया है कि 10 लाख नौकरी देंगे और उसके अलावा भी रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे और 20 लाख को रोज़गार मिलेंगे।' लेकिन अब तक सातवें चरण के शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। शिक्षक नियोजन की अब जो भी प्रक्रिया शुरू होगी वह सेंट्रलाइज आवेदन वाली होगी। इसके लिए नई नियमावली तैयार हो गई है। इसे कैबिनेट की स्वीकृति का इंतजार है। नई नियमावली को कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद ही सातवें चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। सातवें चरण की नियोजन प्रक्रिया में एक पेंच यह भी है कि छठे चरण की माध्यमिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है।
विभिन्न शिक्षक संघों ने रखी मांग
टीईटी-एसटीईटी नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा है कि जब महागठबंधन की सरकार बनी तो सबसे ज्यादा खुश बिहार के शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थी हुए। लेकिन दोनों के साथ सरकार अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है। सातवें चरण की बहाली किसी न किसी बहाने सरकार टाल रही है। स्कूलों में शिक्षकों की खासी कमी है। सरकार को युवाओं की बेरोजगारी को देखते हुए जल्द से जल्द सातवें चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। संघर्षशील शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सातवें चरण को लेकर कई तरह की परिस्थितियां हैं। मेरा कहना है कि सातवें चरण की बहाली जल्द से जल्द शुरू करते हुए पूर्ण किया जाए क्योंकि काफी देर हो चुकी है। तमाम परिस्थितियों को दूर करते हुए नियमावली को तुरंत लागू करते हुए सातंवें चरण की बहाली प्रक्रिया शुरू की जाए। बिहार नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम कहते हैं कि सरकार जान बूझ कर सातवें चरण की शिक्षक बहाली को लटका रही है। सरकार की मंशा हजारों-लाखों की संख्या में बहाली नहीं करने की है ! कभी नियमावली तो कभी लंबित बहाली का बहाना बना कर सरकार ऐसा कर रही है। अंदरूनी हकीकत यह है कि सरकार के पास वर्तमान शिक्षकों को वेतन देने के लिए ही पैसे नहीं हैं। सरकार ने बहाली को चुनावी जुमला बना दिया है। अगर बहाली जल्द से जल्द नहीं हुई तो बिहार के शिक्षक भी आंदोलन के लिए उतरेंगे क्योंकि शिक्षकों को भी कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है।