पटना. बिहार के हजारों शिक्षकों को यह खबर चिंता में डाल सकती है. समय सीमा पूरा होने के करीब छह महीने बाद भी राज्य के एक लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों के फोल्डर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को उपलब्ध नहीं हो सके हैं. इस वजह से उनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है. बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर निगरानी ब्यूरो राज्यभर की नियोजन इकाईयों में 2006 से 2015 के बीच नियुक्त शिक्षकों के प्रमाण पत्रों पर उठाए गए सवालों की जांच कर रहा है.
इस संबंध में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक बुलाई. मैराथन बैठक में शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की निगरानी जांच का मामला भी सामने आया. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे शिक्षक अगर कागजात उपलब्ध नहीं कराते हैं तो न्यायालय के संज्ञान में देकर इनकी सेवा समाप्त करने पर विचार किया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने स्वीकार किया कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर निगरानी विभाग द्वारा जो नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है उसमें अब भी करीब एक लाख शिक्षकों के नियोजन फोल्डर (दस्तावेज व मेधा सूची) अनुपलब्ध हैं. इससे जांच की पूरी प्रक्रिया बाधित हो रही है.
शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का लगा था आरोप
गौरतलब है कि साल 2014 में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर बड़ी संख्या में
शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सामने आया था. इसको लेकर कई मामले पटना
हाईकोर्ट में भी दर्ज हुए. इस बाद 2015 में न्यायालय ने राज्य सरकार को
निर्देश दिया कि 2006 से 2015 के बीच नियुक्त सभी शिक्षकों की डिग्रियों की
जांच निगरानी से कराएं. इसके तहत करीब सवा तीन लाख शिक्षकों के शैक्षणिक,
प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों और नियोजन इकाईयों द्वारा तैयार उस मेधा सूची
की जांच की जानी है जिसके तहत शिक्षक नियुक्त किए गए हैं.
शिक्षकों की सेवा होगी समाप्त
खबरों के मुताबिक, अब तक करीब 1.03 लाख शिक्षकों के नियोजन फोल्डर गायब
हैं. जुलाई 20 तक शिक्षकों को फोल्डर उपलब्ध कराने के लिए अंतिम मौका दिया
गया. वेबसाइट की कुछ तकनीकी खराबी के कारण अगस्त 2021 में भी एक सप्ताह के
लिए इसे खोला गया था ताकि शिक्षक अपनी डिग्री अपलोड कर लें. लेकिन, तमाम
प्रयासों के बावजूद अब भी एक लाख शिक्षकों की डिग्रियों का कुछ पता नहीं
है. अब विभाग हाईकोर्ट के संज्ञान में इसे देगा और कोर्ट के निर्देश पर ऐसे
शिक्षकों की सेवा समाप्त होगी.
प्रमाण पत्रों का किया जाएगा सत्यापन
राज्य के माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों में छठे चरण की बहाली के तहत मेधा
सूची में शामिल सभी अभ्यर्थियों को 8 से 12 फरवरी तक आयोजित होने वाले
प्रमाण पत्रों के सत्यापन/मिलान में शामिल होना जरूरी है. इस मामले में
शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने आदेश जारी किया है. करीब
32 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर होने वाली इस कवायद में जो अभ्यर्थी
सत्यापन में मौजूद नहीं होंगे, उनकी दावेदारी खत्म हो जाएगी. इसके बाद
आरक्षण रोस्टर के मुताबिक चयन सूची जारी की जाएगी. इसके आधार पर 17 और 18
फरवरी को नियोजन इकाइयों द्वारा नियुक्ति पत्र निर्गत किए जाएंगे.