बांका। कोरोना संक्रमण को लेकर सरकारी गाइडलाइन के खिलाफ जिला के अधिकांश स्कूलों में शत प्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति हो रही है। प्रधानाध्यापक भी अपने उपस्थित रहने की स्थिति सभी शिक्षकों को नियमित रूप से विद्यालय बुला रहे हैं, जबकि प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक कक्षा तक के विद्यालयों में अभी कोई काम नहीं हो रहा है।
इसके बाद भी गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के खिलाफ शत प्रतिशत शिक्षक आ ही नहीं रहे हैं, बल्कि उनकी नियमित उपस्थिति भी बन रही है। ऐसे जिला में 18 अप्रैल को नई गाइडलाइन जारी होने के बाद भी जिलास्तर पर कोई पत्र नहीं निकलना है। मालूम हो कि पहले भी जब बिहार सरकार ने कर्मियों की 33 प्रतिशत उपस्थिति लागू किया तो बांका के सरकारी विद्यालयों में इसका अनुपालन नहीं किया गया। बाद में डीईओ ने 16 अप्रैल इसका पत्र निकाला, लेकिन इसे 18 अप्रैल तक ही प्रभावी किया। नतीजा, कई विद्यालय नियमित खुल रहे हैं और शिक्षक विद्यालय पहुंच कर गप्पे लड़ा रहे हैं। बताया जा रहा है कि डीइओ के खुद संक्रमित हो जाने से ऐसी समस्या उत्पन्न हुई है। प्राथमिक शिक्षक संघ के सरोज कुमार, उमेश मंडल, नियोजित शिक्षक संघ के प्रमोद कुमार, माध्यमिक शिक्षक संघ के कई शिक्षकों ने बताया कि पास के मुंगेर और जमुई जिला में विद्यालयों को 15 मई तक पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इस दौरान शिक्षकों को भी नहीं आना है। पर बांका में शिक्षकों को एक तिहाई बुलाने के आदेश का भी अनुपालन नहीं हो सका है। इस संबंध में डीईओ के स्तर से पत्र नहीं निकलने पर दुविधा बरकरार हैं और शिक्षक विद्यालय पहुंच रहे हैं। दूसरी तरफ कई प्राइवेट कोचिग और ट्यूशन सेंटर भी बच्चों को नियमित बुला रहे हैं। इससे स्थिति खतरनाक बनी हुई है। हर मुहल्ला में कोरोना कहर बरपा रहा है, ऐसे में यह खतरनाक साबित हो सकता है।