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अनुबंध पर नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर चला रहे राज्य के सात विवि, नियमित नियुक्ति की आस में 1,118 पद खाली

 Ranchi : राज्य में सात विश्वविद्यालय हैं. इन सभी विश्वविद्यालयों में यूजी से लेकर पीजी तक की पढ़ाई का बीड़ा अनुबंध पर नियुक्त शिक्षक उठाये हुए हैं. साल 2008 से स्थायी नियुक्ति की जगह पर केवल अनुबंध पर शिक्षकों की

नियुक्ति की जा रही है. लगभग सभी विश्वविद्यालय में औसतन 200 अनुबंध पर नियुक्त शिक्षक सेवा दे रहे हैं. अगर यह कहें की राज्य के सात विवि के पठन पाठन की व्यवस्था अनुबंध पर नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर संभाले हुए हैं तो यह गलत नहीं होगा. अब भी राज्य के विश्वविद्यालयों में 11 सौ से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं.

 

सहायक प्राध्यापकों के ही 1,118 पद रिक्त

झारखंड गठन के बाद मात्र एक बार ही शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. वर्ष 2008 तक के रिक्तियों के अनुसार राज्य के सात विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के ही 1,118 पद खाली हैं. रांची विश्वविद्यालय में 270, बिनोवा भावे विश्वविद्यालय में 155 सिदो-कान्हो विश्वविद्यालय में 188, नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय में 161 और कोल्हान विश्वविद्यालय में 364 सहायक प्राध्यापक के पद अब तक खाली है. इनमें 552 पद सीधी और 556 पर बैकलॉग नियुक्ति की जानी है. इन पदों पर नियुक्ति को लेकर जेपीएससी को बार-बार विश्वविद्यालयों की ओर से अवगत कराया जा रहा है. वर्ष 2021 में नियुक्ती को लेकर तैयारी भी हो रही है लेकिन इस दिशा में विश्वविद्यालयों को अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है. सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि यह प्रक्रिया पिछले ढाई वर्षो से चल रही है. लेकिन अब तक रिक्त पदों को भरने के लिए रोस्टर क्लीयरेंस हुआ ही नहीं है.

 

नये विश्वविद्यालय का भी ठीक नहीं हाल

नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय में 132 सृजित पद खाली हैं. वर्ष 2009 में रांची विश्वविद्यालय से अलग कर इस विश्वविद्यालय का गठन हुआ था. इस विश्वविद्यालय में कुल 161 पद खाली हैं. विश्वविद्यालय के गठन के समय 19 पीजी विभाग में शिक्षकों के लिए 132 पद हैं. जिसमें 22 प्रोफेसर और 44 एसोसिएट प्रोफेसर और 66 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद रिक्त पड़े हैं और यहां पढ़ाई का जिम्मा सिर्फ 18 प्रतिनियुक्त और गेस्ट फैकल्टी के भरोसे संचालित हैं.

 

रांची विश्वविद्यालय से ही अलग हुए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में कॉलेज के समय के ही शिक्षकों के 148 पद स्वीकृत हैं. इनमें 73 शिक्षक कार्यरत हैं और 75 पद अभी भी खाली है. विश्वविद्यालय बनने के बाद प्रोफेसर के 29 एसोसिएट प्रोफेसर के 58 असिस्टेंट प्रोफेसर के 116 पद सृजित करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है.  बात करें तो बिनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय और कोल्हान विश्वविद्यालय जैसे नये  विश्वविद्यालय भी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. बताते चलें कि राज्य के सभी विश्वविद्यालय में पूर्व और वर्तमान में अनुबंध पर नियुक्त शिक्षकों की संख्या लगभग 1500 है.

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