सुपौल। शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही एवं मनमानी के कारण
माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पर
ग्रहण लग गया है।
सरकार के द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद भी अभी तक न तो रोस्टर पंजी का अनुमोदन किया गया है और न ही शिक्षा विभाग द्वारा कोटिवार विषयवार रिक्ति की सूचना नियोजन इकाई को प्रेषित की गई है। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कोसी प्रमंडल सहरसा द्वारा जिले के शिक्षा विभाग के पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछते हुए अविलंब रोस्टर पंजी अनुमोदन हेतु प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया है। सरकार ने आवेदन पत्र 27 अगस्त से प्राप्त करने की तिथि निर्धारित की है। क्या है सरकार का आदेश राज्यपाल के आदेश से बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने 01 जुलाई 2019 को एक अधिसूचना जारी कर बिहार जिला परिषद माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षक एवं बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षक नियोजन की पंचम चरण की कार्रवाई पूर्ण करते हुए छठे चरण के शिक्षकों के नियोजन की कार्रवाई एवं प्रक्रिया का निर्धारण किया। उप सचिव शिक्षा विभाग पटना ने अपने कार्यालय ज्ञापांक 1142 दिनांक 01 जुलाई 2019 के द्वारा शिक्षक नियोजन संबंधित सभी गतिविधि के लिए समय निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम के अनुसार रिक्त पदों के सापेक्ष विषयवार रोस्टर पंजी तैयार की तिथि 9 अगस्त 2019 तक क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के स्तर पर रोस्टर क्लीयरेंस की अंतिम तिथि 16 अगस्त 2019 तथा जिला द्वारा कोटिवार विषयवार रिक्ति की सूचना नियोजन इकाई को प्रेषित करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त 2019 तक की गई। आदेश का उल्लंघन सुपौल शिक्षा विभाग द्वारा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन के लिए विषयवार रोस्टर पंजी की तैयारी की अंतिम तिथि 9 अगस्त 2019 तक ही थी। लेकिन समाचार प्रेषण तक रोस्टर पंजी पूर्ण नहीं की गई है। आरडीडीई सहरसा के द्वारा रोस्टर क्लीयरेंस की अंतिम तिथि 16 अगस्त 2019 समाप्त हो जाने के बाद शिक्षक नियोजन का रोस्टर क्लीयरेंस नहीं हुआ। जिसके कारण सुपौल शिक्षा विभाग द्वारा नियोजन इकाई जिला परिषद, नगरपरिषद, सुपौल, नगर पंचाचत वीरपुर एवं निर्मली को कोटिवार विषयवार रिक्ति की सूचना नियोजन इकाई को प्रेषित नहीं किया गया है। प्रथम चरण से पाचवें चरण के नियोजन में हो चुकी है अनियमितता सुपौल शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के कर्तव्यहीनता के कारण ही सुपौल जिला में शिक्षक नियोजन में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। शिक्षा विभाग के कई पदाधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है जो कई के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई चल रही है। निगरानी अन्वेषण ने शिक्षक नियोजन में अनियमितता बरतने एवं फर्जी करने के मामले में पदाधिकारी सहित कई नियोजन इकाई पर मुकदमा दर्ज किया गया है। नियोजन इकाई के सदस्य सचिव इस मामले में जेल भी जा चुके हैं। लेकिन वर्तमान पदाधिकारी भी पूर्व के राह पर चलने पर आमदा है जिसके कारण प्रथम से पाचवें चरण की ही तरह छठे चरण में भी नियोजन पर ग्रहण लग गया है। सरकार ने आवेदन पत्र प्राप्ति की 27 अगस्त से 26 सितंबर तक निर्धारित की है। तथा इसके लिए आवेदन पत्र का प्रारूप भी जारी कर दिया है।
-कोट
सरकार के द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी सुपौल द्वारा विषयवार रोस्टर पंजी उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिसके कारण रोस्टर क्लीयरेंस नहीं किया गया है। विभागीय निदेश का पालन नहीं करने वाले से स्पष्टीकरण मांगते हुए कार्रवाई की जा रही है। -डॉ. तकीउद्दीन
आरडीडीई सहरसा -कोट 20 अगस्त तक जिला शिक्षा विभाग को कोटिवार विषयवार रिक्ति की सूचना नियोजन इकाई को प्रेषित करना था जो नहीं भेजा गया। विभाग से पत्राचार किया जा रहा है। -भवेश मिश्रा, नगरपरिषद शिक्षक नियोजन सदस्य सचिव
सरकार के द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद भी अभी तक न तो रोस्टर पंजी का अनुमोदन किया गया है और न ही शिक्षा विभाग द्वारा कोटिवार विषयवार रिक्ति की सूचना नियोजन इकाई को प्रेषित की गई है। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कोसी प्रमंडल सहरसा द्वारा जिले के शिक्षा विभाग के पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछते हुए अविलंब रोस्टर पंजी अनुमोदन हेतु प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया है। सरकार ने आवेदन पत्र 27 अगस्त से प्राप्त करने की तिथि निर्धारित की है। क्या है सरकार का आदेश राज्यपाल के आदेश से बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने 01 जुलाई 2019 को एक अधिसूचना जारी कर बिहार जिला परिषद माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षक एवं बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षक नियोजन की पंचम चरण की कार्रवाई पूर्ण करते हुए छठे चरण के शिक्षकों के नियोजन की कार्रवाई एवं प्रक्रिया का निर्धारण किया। उप सचिव शिक्षा विभाग पटना ने अपने कार्यालय ज्ञापांक 1142 दिनांक 01 जुलाई 2019 के द्वारा शिक्षक नियोजन संबंधित सभी गतिविधि के लिए समय निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम के अनुसार रिक्त पदों के सापेक्ष विषयवार रोस्टर पंजी तैयार की तिथि 9 अगस्त 2019 तक क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक के स्तर पर रोस्टर क्लीयरेंस की अंतिम तिथि 16 अगस्त 2019 तथा जिला द्वारा कोटिवार विषयवार रिक्ति की सूचना नियोजन इकाई को प्रेषित करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त 2019 तक की गई। आदेश का उल्लंघन सुपौल शिक्षा विभाग द्वारा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन के लिए विषयवार रोस्टर पंजी की तैयारी की अंतिम तिथि 9 अगस्त 2019 तक ही थी। लेकिन समाचार प्रेषण तक रोस्टर पंजी पूर्ण नहीं की गई है। आरडीडीई सहरसा के द्वारा रोस्टर क्लीयरेंस की अंतिम तिथि 16 अगस्त 2019 समाप्त हो जाने के बाद शिक्षक नियोजन का रोस्टर क्लीयरेंस नहीं हुआ। जिसके कारण सुपौल शिक्षा विभाग द्वारा नियोजन इकाई जिला परिषद, नगरपरिषद, सुपौल, नगर पंचाचत वीरपुर एवं निर्मली को कोटिवार विषयवार रिक्ति की सूचना नियोजन इकाई को प्रेषित नहीं किया गया है। प्रथम चरण से पाचवें चरण के नियोजन में हो चुकी है अनियमितता सुपौल शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के कर्तव्यहीनता के कारण ही सुपौल जिला में शिक्षक नियोजन में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। शिक्षा विभाग के कई पदाधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है जो कई के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई चल रही है। निगरानी अन्वेषण ने शिक्षक नियोजन में अनियमितता बरतने एवं फर्जी करने के मामले में पदाधिकारी सहित कई नियोजन इकाई पर मुकदमा दर्ज किया गया है। नियोजन इकाई के सदस्य सचिव इस मामले में जेल भी जा चुके हैं। लेकिन वर्तमान पदाधिकारी भी पूर्व के राह पर चलने पर आमदा है जिसके कारण प्रथम से पाचवें चरण की ही तरह छठे चरण में भी नियोजन पर ग्रहण लग गया है। सरकार ने आवेदन पत्र प्राप्ति की 27 अगस्त से 26 सितंबर तक निर्धारित की है। तथा इसके लिए आवेदन पत्र का प्रारूप भी जारी कर दिया है।
सरकार के द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी सुपौल द्वारा विषयवार रोस्टर पंजी उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिसके कारण रोस्टर क्लीयरेंस नहीं किया गया है। विभागीय निदेश का पालन नहीं करने वाले से स्पष्टीकरण मांगते हुए कार्रवाई की जा रही है। -डॉ. तकीउद्दीन
आरडीडीई सहरसा -कोट 20 अगस्त तक जिला शिक्षा विभाग को कोटिवार विषयवार रिक्ति की सूचना नियोजन इकाई को प्रेषित करना था जो नहीं भेजा गया। विभाग से पत्राचार किया जा रहा है। -भवेश मिश्रा, नगरपरिषद शिक्षक नियोजन सदस्य सचिव