एजुकेशन रिपाेर्टर | भागलपुर
टीएमबीयू में नए कुलपति की नियुक्ति के बाद से कई मामलाें में कार्रवाई अाैर जांच के मामले अटके हुए हैं। इनमें से कुछ मामले तब अाए थे जब प्राे. लीला चंद साहा प्रभारी कुलपति थे। उन्हाेंने प्रभारी हाेने के कारण तब कार्रवाई नहीं की थी। एेसे में उम्मीद की जा रही थी कि नियमित कुलपति के अाने पर संबंधित मामलाें की फाइल अागे बढ़ेगी। लेकिन एेसा हाेता दिख नहीं रहा है।
कम से कम पिछले एक महीने में ही एेसे तीन बड़े मामले अाए जिनमें विवि के हाथ खाली हैं।
एक शिक्षक की नाैकरी की जांच का शिक्षा विभाग का निर्देश फाइल में बंद
विवि ने दाेनाें कर्मियाें का तबादला दूसरे काॅलेज में किया था : टीएनबी लाॅ काॅलेज के दाे कर्मियाें पर एमएम काॅलेज की एक छात्रा की अाेर से सेक्सुअल हैरेसमेंट के प्रयास के लगाए गए अाराेप के मामले में विवि ने चुप्पी साध ली है। मामले की जांच के दाैरान ही विवि ने दाेनाें कर्मियाें का तबादला दूसरे काॅलेज में किया था। इसके बाद जब जांच पूरी हाे गई अाैर रिपाेर्ट विवि काे मिल गई ताे विवि अब तक नहीं बता पाया है कि अाराेप सही था या गलत। तब कहा गया था कि रिपाेर्ट काे अनुशासन समिति में रखा जाएगा। समिति की बैठक अब तक नहीं हुई है। रजिस्ट्रार अरुण कुमार सिंह ने अगस्त के पहले हफ्ते में छुट्टी से लाैटने के बाद कहा था कि अनुशासन समिति की बैठक जल्द की जाएगी। दाे हफ्ते बीत गए लेकिन कुछ नहीं हुअा।
टीएनबी काॅलेज के कर्मचारियाें के मामले में भी विवि के हाथ खाली : टीएनबी काॅलेज के 14 कर्मचारियाें के मामले में भी यही स्थिति है। विवि ने काॅलेज काे संबंधित कर्मचारियाें के नाम पे राेल से हटाने काे कहा। इस पर काॅलेज ने विवि से ही निर्देश मांग लिया कि वह कार्रवाई करने के लिए कैसे अधिकृत है। एक शिक्षक की नाैकरी काे गलत बता की गई शिकायत पर शिक्षा विभाग ने 23 जुलाई काे ही विवि काे जांच करने का पत्र दिया था। अब एक महीना बीतने काे अाया लेकिन जांच शुरू तक नहीं हुई है। शिक्षक पर अंग क्रांति सेना के संयाेजक शिशिर रंजन सिंह ने अारटू श्रेणी में हाेने अाैर नाैकरी अवैध हाेने की जानकारी शिक्षा विभाग काे दी थी।
टीएमबीयू में नए कुलपति की नियुक्ति के बाद से कई मामलाें में कार्रवाई अाैर जांच के मामले अटके हुए हैं। इनमें से कुछ मामले तब अाए थे जब प्राे. लीला चंद साहा प्रभारी कुलपति थे। उन्हाेंने प्रभारी हाेने के कारण तब कार्रवाई नहीं की थी। एेसे में उम्मीद की जा रही थी कि नियमित कुलपति के अाने पर संबंधित मामलाें की फाइल अागे बढ़ेगी। लेकिन एेसा हाेता दिख नहीं रहा है।
कम से कम पिछले एक महीने में ही एेसे तीन बड़े मामले अाए जिनमें विवि के हाथ खाली हैं।
एक शिक्षक की नाैकरी की जांच का शिक्षा विभाग का निर्देश फाइल में बंद
विवि ने दाेनाें कर्मियाें का तबादला दूसरे काॅलेज में किया था : टीएनबी लाॅ काॅलेज के दाे कर्मियाें पर एमएम काॅलेज की एक छात्रा की अाेर से सेक्सुअल हैरेसमेंट के प्रयास के लगाए गए अाराेप के मामले में विवि ने चुप्पी साध ली है। मामले की जांच के दाैरान ही विवि ने दाेनाें कर्मियाें का तबादला दूसरे काॅलेज में किया था। इसके बाद जब जांच पूरी हाे गई अाैर रिपाेर्ट विवि काे मिल गई ताे विवि अब तक नहीं बता पाया है कि अाराेप सही था या गलत। तब कहा गया था कि रिपाेर्ट काे अनुशासन समिति में रखा जाएगा। समिति की बैठक अब तक नहीं हुई है। रजिस्ट्रार अरुण कुमार सिंह ने अगस्त के पहले हफ्ते में छुट्टी से लाैटने के बाद कहा था कि अनुशासन समिति की बैठक जल्द की जाएगी। दाे हफ्ते बीत गए लेकिन कुछ नहीं हुअा।
टीएनबी काॅलेज के कर्मचारियाें के मामले में भी विवि के हाथ खाली : टीएनबी काॅलेज के 14 कर्मचारियाें के मामले में भी यही स्थिति है। विवि ने काॅलेज काे संबंधित कर्मचारियाें के नाम पे राेल से हटाने काे कहा। इस पर काॅलेज ने विवि से ही निर्देश मांग लिया कि वह कार्रवाई करने के लिए कैसे अधिकृत है। एक शिक्षक की नाैकरी काे गलत बता की गई शिकायत पर शिक्षा विभाग ने 23 जुलाई काे ही विवि काे जांच करने का पत्र दिया था। अब एक महीना बीतने काे अाया लेकिन जांच शुरू तक नहीं हुई है। शिक्षक पर अंग क्रांति सेना के संयाेजक शिशिर रंजन सिंह ने अारटू श्रेणी में हाेने अाैर नाैकरी अवैध हाेने की जानकारी शिक्षा विभाग काे दी थी।