एजुकेशन रिपोर्टर | भागलपुर 1983-84 में अंगीभूत हुए टीएनबी लाॅ कॉलेज से जुड़ा जो सीजर लिस्ट
विजिलेंस की टीम पिछले हफ्ते लेने टीएमबीयू आई थी, वह अगर सामने आ जाए तो
कई शिक्षकाें की नियुक्ति और नियमितीकरण में गड़बड़ी की पोल खुल सकती है।
केवल लॉ कॉलेज नहीं बल्कि उस समय अंगीभूत हुए 5 कॉलेजों में इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं। लॉ कॉलेज से जुड़ी सीजर लिस्ट से लॉ काॅलेज आैर उसे आधार बनाकर दूसरे कॉलेजों की पड़ताल की जाए तो चौंकाने वाले मामले सामने आएंगे। बताया जा रहा है कि इसी से बचने के लिए विजिलेंस की टीम को पिछले हफ्ते यह कहकर टाल दिया गया था कि नियमित रजिस्ट्रार छुट्टी पर हैं।
सीजर लिस्ट का मामला लॉ कॉलेज के एक पार्ट टाइम टीचर से जुड़ा है जिन्होंने कोर्ट में दावा किया था कि विवि ने उन्हें सेवा से जुड़े लाभ नहीं दिए और करीब 50 लाख रुपए का भुगतान होना बाकी है। अपने दावे को पुख्ता करने के लिए जो डॉक्यूमेंट उन्हें चाहिए उनमें से कुछ उनके पास उपलब्ध नहीं थे। इसकी जानकारी उन्होंने कोर्ट को दी थी और कहा था कि विजिलेंस ने कुछ डॉक्यूमेंट सीज किए थे, क्योंकि 34-35 साल पहले जब कॉलेज अंगीभूत हुआ था और तृतीय तथा चतुर्थवर्गीय कर्मियों की नियुक्ति हुई थी तब इसमें गड़बड़ी की शिकायत पर विजिलेंस जांच कराई गई थी। तब विजिलेंस ने उनके डॉक्यूमेंट भी जब्त कर लिए थे। इधर जब कोर्ट ने उक्त शिक्षक के मूल डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने को विवि से कहा तो विवि ने कहा दिया कि सारे डॉक्यूमेंट विजिलेंस ने जब्त कर लिए थे। इधर, विजिलेंस का कहना है कि मूल डॉक्यूमेंट उसने नहीं लिए थे और अगर लिए थे तो विवि सीजर लिस्ट दे। सूत्रों ने बताया कि इस सीजर लिस्ट को जानबूझकर लटकाया जा रहा है ताकि गड़बड़ी की पोल न खुले। एक शिक्षक के बारे में बताया गया कि उनकी सेवा नियमितीकरण के बाद जो वेतन निर्धारण किया गया है, उसके लिए उन्हें कायदे से इसके लिए बने आयोग के पास जाना चाहिए था। लेकिन यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। ऐसे मामले कुछ दूसरे कॉलेजों में भी मिल सकते हैं। बताया जा रहा है कि जो सीजर लिस्ट विजिलेंस की टीम ढूंढ रही है वह विवि के पास भी है और कॉलेज के पास भी। लेकिन इसे ढूंढने की बात कहकर मामले को अटकाया जा रहा है।
सूची लेने विश्वविद्यालय पहुंचे थे डीएसपी
14 मार्च को सीजर लिस्ट लेने विजिलेंस के डीएसपी विवि गए थे। प्रभारी रजिस्ट्रार डॉ. सरोज राय ने उन्हें बताया था कि नियमित रजिस्ट्रार के आने पर ही जानकारी मिल पाएगी। 16 मार्च को नियमित रजिस्ट्रार अरुण कुमार सिंह छुट्टी से लौटकर आए तो कहा कि जो कर्मचारी रिकॉर्ड रखता है, वह छुट्टी पर है। उसके लौटने पर सीजर लिस्ट की जानकारी ली जाएगी।
केवल लॉ कॉलेज नहीं बल्कि उस समय अंगीभूत हुए 5 कॉलेजों में इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं। लॉ कॉलेज से जुड़ी सीजर लिस्ट से लॉ काॅलेज आैर उसे आधार बनाकर दूसरे कॉलेजों की पड़ताल की जाए तो चौंकाने वाले मामले सामने आएंगे। बताया जा रहा है कि इसी से बचने के लिए विजिलेंस की टीम को पिछले हफ्ते यह कहकर टाल दिया गया था कि नियमित रजिस्ट्रार छुट्टी पर हैं।
सीजर लिस्ट का मामला लॉ कॉलेज के एक पार्ट टाइम टीचर से जुड़ा है जिन्होंने कोर्ट में दावा किया था कि विवि ने उन्हें सेवा से जुड़े लाभ नहीं दिए और करीब 50 लाख रुपए का भुगतान होना बाकी है। अपने दावे को पुख्ता करने के लिए जो डॉक्यूमेंट उन्हें चाहिए उनमें से कुछ उनके पास उपलब्ध नहीं थे। इसकी जानकारी उन्होंने कोर्ट को दी थी और कहा था कि विजिलेंस ने कुछ डॉक्यूमेंट सीज किए थे, क्योंकि 34-35 साल पहले जब कॉलेज अंगीभूत हुआ था और तृतीय तथा चतुर्थवर्गीय कर्मियों की नियुक्ति हुई थी तब इसमें गड़बड़ी की शिकायत पर विजिलेंस जांच कराई गई थी। तब विजिलेंस ने उनके डॉक्यूमेंट भी जब्त कर लिए थे। इधर जब कोर्ट ने उक्त शिक्षक के मूल डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने को विवि से कहा तो विवि ने कहा दिया कि सारे डॉक्यूमेंट विजिलेंस ने जब्त कर लिए थे। इधर, विजिलेंस का कहना है कि मूल डॉक्यूमेंट उसने नहीं लिए थे और अगर लिए थे तो विवि सीजर लिस्ट दे। सूत्रों ने बताया कि इस सीजर लिस्ट को जानबूझकर लटकाया जा रहा है ताकि गड़बड़ी की पोल न खुले। एक शिक्षक के बारे में बताया गया कि उनकी सेवा नियमितीकरण के बाद जो वेतन निर्धारण किया गया है, उसके लिए उन्हें कायदे से इसके लिए बने आयोग के पास जाना चाहिए था। लेकिन यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। ऐसे मामले कुछ दूसरे कॉलेजों में भी मिल सकते हैं। बताया जा रहा है कि जो सीजर लिस्ट विजिलेंस की टीम ढूंढ रही है वह विवि के पास भी है और कॉलेज के पास भी। लेकिन इसे ढूंढने की बात कहकर मामले को अटकाया जा रहा है।
सूची लेने विश्वविद्यालय पहुंचे थे डीएसपी
14 मार्च को सीजर लिस्ट लेने विजिलेंस के डीएसपी विवि गए थे। प्रभारी रजिस्ट्रार डॉ. सरोज राय ने उन्हें बताया था कि नियमित रजिस्ट्रार के आने पर ही जानकारी मिल पाएगी। 16 मार्च को नियमित रजिस्ट्रार अरुण कुमार सिंह छुट्टी से लौटकर आए तो कहा कि जो कर्मचारी रिकॉर्ड रखता है, वह छुट्टी पर है। उसके लौटने पर सीजर लिस्ट की जानकारी ली जाएगी।