भागलपुर [जेएनएन]। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय
ने कॉलेज शिक्षकों का तबादला करने का निर्णय लिया है। इसके तहत जिन विषयों
में जिन कॉलेज में ज्यादा शिक्षक हैं, वहां से उन्हें जरूरत वाले कॉलेजों
में भेजा जाएगा। विवि में रैशनलाइजेशन (तर्कसंगत तरीके से तबादला) के तहत
शिक्षकों की कमी दूर करने का मामला अटक गया था।
राजभवन ने कुलपति प्रो. नलिनी कांत झा के समय ही विवि को यह व्यवस्था अपनाते हुए शिक्षकों का तबादला कर कमी दूर करने का आदेश दिया था। विवि ने तब इसके लिए शिक्षकों से आवेदन भी मांगा था और अक्टूबर में 40 से ज्यादा शिक्षकों ने आवेदन दिया था। लेकिन इसके बाद ट्रांसफर कमेटी की बैठक टलती रही और इस बीच पांच नवंबर को प्रो. झा का निधन हो गया।
अब राजभवन ने विवि से पूछा है कि कितने शिक्षकों को रैशनलाइजेशन के तहत एक से दूसरे कॉलेज में भेजा गया है। राजभवन ने अगले महीने महाविद्यालय निरीक्षक के साथ होने वाली बैठक में इसकी रिपोर्ट देने को कहा है। लेकिन विवि में अब तक यह व्यवस्था लागू ही नहीं हुई है।
कुलपति प्रो. लीला चंद साहा ने बताया कि चूंकि वे नियमित कुलपति नहीं हैं, इसलिए उन्हें रैशनलाइजेशन के लिए राजभवन से अलग से अनुमति लेनी होगी। प्रो. साहा ने बताया कि शुक्रवार को जीबी कॉलेज के एक कार्यक्रम में उनसे आग्रह किया गया था कि जेपी कॉलेज नारायणपुर में कुछ विषयों में ज्यादा शिक्षक हैं जबकि जीबी कॉलेज में कम हैं। इसलिए शिक्षक उपलब्ध कराए जाएं। ऐसे मामले कुछ और कॉलेजों में भी हैं। उम्मीद है कि रैशनलाइजेशन से शिक्षकों की कमी जल्द दूर कर ली जाएगी।
राजभवन ने कुलपति प्रो. नलिनी कांत झा के समय ही विवि को यह व्यवस्था अपनाते हुए शिक्षकों का तबादला कर कमी दूर करने का आदेश दिया था। विवि ने तब इसके लिए शिक्षकों से आवेदन भी मांगा था और अक्टूबर में 40 से ज्यादा शिक्षकों ने आवेदन दिया था। लेकिन इसके बाद ट्रांसफर कमेटी की बैठक टलती रही और इस बीच पांच नवंबर को प्रो. झा का निधन हो गया।
अब राजभवन ने विवि से पूछा है कि कितने शिक्षकों को रैशनलाइजेशन के तहत एक से दूसरे कॉलेज में भेजा गया है। राजभवन ने अगले महीने महाविद्यालय निरीक्षक के साथ होने वाली बैठक में इसकी रिपोर्ट देने को कहा है। लेकिन विवि में अब तक यह व्यवस्था लागू ही नहीं हुई है।
कुलपति प्रो. लीला चंद साहा ने बताया कि चूंकि वे नियमित कुलपति नहीं हैं, इसलिए उन्हें रैशनलाइजेशन के लिए राजभवन से अलग से अनुमति लेनी होगी। प्रो. साहा ने बताया कि शुक्रवार को जीबी कॉलेज के एक कार्यक्रम में उनसे आग्रह किया गया था कि जेपी कॉलेज नारायणपुर में कुछ विषयों में ज्यादा शिक्षक हैं जबकि जीबी कॉलेज में कम हैं। इसलिए शिक्षक उपलब्ध कराए जाएं। ऐसे मामले कुछ और कॉलेजों में भी हैं। उम्मीद है कि रैशनलाइजेशन से शिक्षकों की कमी जल्द दूर कर ली जाएगी।