Advertisement

राजपुर प्रखंड में नियोजित 32 शिक्षक बर्खास्त

रोहतास। लगभग छह वर्ष पूर्व जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार के आदेश के आलोक में जिले के राजपुर प्रखंड में प्रखंड शिक्षक के पद नियोजित ढाई दर्जन से अधिक शिक्षकों को नियोजन इकाई ने सेवामुक्त कर दिया है।
जबकि एक शिक्षक द्वारा पूर्व में त्यागपत्र दिए जाने के कारण उनके विरुद्ध सेवामुक्ति की कार्रवाई नहीं की जा सकी है। इकाई ने यह कार्रवाई निगरानी व सरकार के सख्ती के बाद की है। कार्रवाई संबंधी प्रस्ताव पर पिछले दिनों हुई इकाई की बैठक में मुहर लगाई गई। वहीं कार्रवाई से क्षुब्ध शिक्षकों ने एक बार फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मन बना रहे हैं।

2012 में नियोजित किए गए थे 33 शिक्षक :
बीडीओ सह नियोजन इकाई के सदस्य सचिव सुमिता कुमारी ने बताया कि विभागीय आदेश के आलोक में 32 शिक्षकों को सेवामुक्त किया गया है। जबकि महिला शिक्षक रूबी कुमारी द्वारा स्वेच्छा से त्याग पत्र दिए जाने के कारण उनके विरुद्ध बर्खास्तगी की कार्रवाई नहीं की जा सकी। इन शिक्षकों का नियोजन जून 2012 में अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर की गई थी। नियोजन प्रक्रिया को जदयू नेता अमरेश चौधरी द्वारा चुनौती दिए जाने के बाद डीईओ द्वारा जांच की गई थी। जिसमें अधिकारी ने आनन-फानन में नियोजन प्रक्रिया को पूरा करने की बात को सही पाते हुए अवैध करार दिया था। जिसे ले मामला हाईकोर्ट में लंबित था। कोर्ट द्वारा मामले की जांच निगरानी को सौंपे जाने के बाद उसके द्वारा भी जांच की गई थी। कोर्ट के आदेश के आलोक में सरकार द्वारा फर्जी शिक्षकों के हटाने के लिए गए निर्णय के आलोक में यह कार्रवाई की गई है। कार्रवाई से संबंधित शिक्षकों व विभागीय अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।
जांच में तत्कालीन डीईओ ने दिया था अवैध करार :

जिला अपीलीय प्राधिकार के आदेश के आलोक में राजपुर की प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई ने आनन फानन में तीन दिन के अंदर नियोजन प्रक्रिया को पूरा करते हुए 18 जून 2012 को तीन दर्जन शिक्षकों का नियोजन किया था। मामले को जदयू नेता अमरेश चौधरी द्वारा चुनौती दिए जाने के बाद तत्कालीन डीईओ ओमप्रकाश शुक्ला ने जांच की थी। जिसमें शिकायत को सही पाते हुए नियोजन प्रक्रिया को गलत करार देते हुए नियोजित शिक्षकों हटाने व अन्य कार्रवाई के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा था। जिसके बाद निदेशक नियोजित शिक्षकों के अलावा इकाई के पदाधिकारियों पर प्राथमिकी समेत अन्य कार्रवाई का निर्देश डीएम व डीईओ को दिया था। निर्देश के आलोक में तत्कालीन डीपीओ स्थापना रूपेंद्र कुमार ¨सह ने आठ मार्च 2013 को राजपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें 33 शिक्षकों के अलावा निवर्तमान प्रखंड प्रमुख, बीडीओ व बीईओ को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया था। वहीं दूसरी ओर जितेंद्र कुमार ¨सह ने भी हाई कोर्ट में नियोजन को चुनौती थी।
अधिकारियों पर भी निगरानी ने दर्ज की थी प्राथमिकी :

हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच निगरानी द्वारा भी की गई। जांच में गलत तरीके से नियोजित इन शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं करने व अधिकारियों की लापरवाही मानते हुए निगरानी ने तत्कालीन डीईओ व डीपीओ पर भी निगरानी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, बाद में अधिकारियों ने कोर्ट में पक्ष रख निर्दोष होने की गुहार लगाई थी।

UPTET news

Blogger templates