मामला औराई व बोचहां प्रखंड का है। वहीं बोचहां के फर्जी शिक्षक के जून के वेतन भुगतान का एडवाइस वापस कर दिया गया है। इस प्रकरण में कई अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है।
औराई में वर्ष 2016 में दर्ज हुई थी प्राथमिकी
शिक्षक बहाली को लेकर निगरानी विभाग ने वर्ष 2016 में औराई प्रखंड में जाच की थी। इसमें पता चला कि शंभू प्रसाद उम्र में हेराफेरी कर शिक्षक बन गए। इसके बाद निगरानी के पुलिस निरीक्षक मुरारी प्रसाद ने उनके खिलाफ 15 सितंबर 2016 को औराई थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें जन्मतिथि छिपाकर दूसरी जन्मतिथि से मध्यमा परीक्षा एवं अन्य परीक्षा उत्तीर्ण होकर नौकरी हासिल करने की बात कही गई है। फर्जी शिक्षक चिह्नित होने के बाद भी प्रखंड शिक्षा अधिकारी वेतन विपत्र तैयार कर डीपीओ स्थापना को सौंपते रहे और वे जून 2018 तक उसका भुगतान कराते रहे। बोचहां बीईओ ने भेजी भुगतान के लिए एडवाइस
बोचहां प्रखंड शिक्षा अधिकारी ने प्राथमिक विद्यालय बाबूराम के फर्जी शिक्षक विरेंद्र कुमार के जून के वेतन भुगतान के लिए विपत्र भेज दिया। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालय के संबंधित लिपिक ने मामले को पकड़ा। इसके बाद उसका एडवाइस वापस लौटा दिया गया। इस पर डीपीओ स्थापना ने वेतन विपत्र से फर्जी शिक्षक का नाम हटाकर फिर से एडवाइस भेजने का निर्देश दिया।