पटना [राज्य ब्यूरो]। प्रदेश के नियोजित शिक्षकों के लिए समान काम-समान
सुविधा की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। मुख्यसचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक
में रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया। अब तैयार रिपोर्ट सरकार 15 मार्च के
पहले सर्वोच्च न्यायालय के सामने पेश करेगी।
सूत्रों ने बताया कि तैयार रिपोर्ट में शिक्षकों की बेहतरी के लिए
राज्य सरकार क्या करेगी इस बात का पूरा विवरण है। इसके साथ ही भविष्य में
नियोजन की प्रक्रिया किस प्रकार की जा सकती है और उसका सिस्टम कैसा होगा
इसकी जानकारी भी है। रिपोर्ट की कोई बात कोर्ट के पहले सार्वजनिक न होने
पाए इसके लिए अधिकारियों को विशेष हिदायत दी गई है। तैयार रिपोर्ट सर्वोच्च
न्यायालय को सौंपने के लिए मंगल अथवा बुधवार को शिक्षा विभाग के अधिकारी
दिल्ली जाएंगे।
यहां बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में
नियोजित शिक्षकों के लिए समान काम-समान सुविधा से जुड़े मामले की सुनवाई
करते हुए फैसला नियोजित शिक्षकों के पक्ष में दिया था। हाईकोर्ट के इस
फैसले के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। जबकि
नियोजित शिक्षकों की ओर से केविएट दायर की गई। 29 जनवरी को इस मामले की
सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार को आदेश दिए थे कि मुख्य
सचिव के स्तर पर तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर सरकार नियोजित शिक्षकों का विवरण
और उन पर वार्षिक खर्च का ब्यौरा दे। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए थे कि
नियोजित शिक्षकों की बेहतरी के लिए कदम उठाए जाएं साथ नियुक्ति प्रक्रिया
में फिल्टर लगाएं और सिस्टम को दुरुस्त करें। कोर्ट के आदेश पर मुख्यसचिव
अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई। कमेटी ने नियोजित
शिक्षकों से सुझाव लेकर उनके पक्ष जानने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दे
दिया है।
'कोर्ट के आदेश पर सरकार ने तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट
तैयार कर ली है, लेकिन रिपोर्ट में क्या है इसे सर्वोच्च न्यायालय को
बताने के पहले सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। 15 मार्च को मामले की
सुनवाई होनी है इसके पूर्व कोर्ट को सरकार अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। '
अंजनी कुमार सिंह
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