संवाद सहयोगी, काको, जहानाबाद
शिक्षा विभाग के जिले में दम जोड़ते दिख रहे हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षक, संसाधनों व भवन की कमी है। बच्चों को किताब उपलब्ध नहीं हो पाई है। सिलेबस समाप्त होने वाला है। लेकिन, विभाग को इस बात की सुधि ही नहीं है।
काको प्रखंड क्षेत्र स्थित अनंत साहू प्लस टू हाई स्कूल का हाल भी कुछ ऐसा ही है। स्कूल में गणित, विज्ञान, कंप्यूटर समेत महत्वपूर्ण विषय के शिक्षक ही नहीं हैं। भवन जर्जर हो चुके हैं।
1978 में स्थापित इस विद्यालय ने कई प्रतिभाओं को उभारा। लेकिन वर्तमान हालात में संसाधनों के साथ-साथ शिक्षकों की कमी विद्यालय की गरिमा को धूमिल हो रही है। परिणामस्वरूप यहां के छात्र-छात्राओं को इन विषय की शिक्षा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। विद्यालय में रखे कम्प्यूटर धूल फांक रहे हैं। विभाग ने पुस्तकालय के लिए पुस्तकें हैं। लेकिन पुस्तकालाध्यक्ष के पद रिक्त रहने के कारण छात्र-छात्राओं को पुस्तके भी नहीं मिल पाती है। उच्च माध्यमिक की कक्षाएं आयोजित ही नहीं होती है। विद्यालय में इंटर विज्ञान में 42 और कला में 16 छात्र-छात्राओं का नामांकन है जबकि इनके पढ़ाने के लिए मात्र तीन शिक्षक ही यहां पदस्थापित हैं। इसमें से एक फिलहाल प्रशिक्षण पर चले गए हैं। ऐसे में इंटर की कक्षाएं महज दो शिक्षकों के भरोसे ही है। स्वभाविक है कि इस हालात में कक्षाएं संचालित होना संभव नहीं है। छात्र को¨चग व ट्यूशन पर निर्भर हैं। परिणामस्वरूप यह विद्यालय इंटर के छात्र-छात्राओं के लिए महज नामांकन कराने का एक जरिया बनकर रह गया है।
सुनें छात्र-छात्राओं की
अंग्रेजी, हिन्दी और गणित विषय के शिक्षक उपलब्ध नहीं है। जिससे इन विषयों की पढ़ाई बाधित है। सत्र के कई महीने बीत जाने के बाद भी अब तक इन विषयों की पढ़ाई प्रारंभ नहीं हुई है।
शशिकांत राज
फोटो-08
विद्यालय की चाहरदीवारी नहीं रहने से खेलने में परेशानी होती है। खेल की घंटी में परिसर में ग्रामीणों का जमावड़ा लगा रहता है। स्कूल प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
मोनू कुमार
फोटो-09
विद्यालय में कम्प्यूटर को देखकर इसके संबंध में जानकारी प्राप्त करने की इच्छा होती है। कंप्यूटर शिक्षा को लेकर कई बार शिक्षकों को कहा गया। लेकिन, शिक्षकों की कमी बताकर छात्र-छात्राओं को टहला दिया जाता है।
अंशु कुमारी
फोटो- 10
पुस्तकालय से बच्चों को पुस्तक नहीं मिल रही है। दूसरे स्कूलों में बच्चों को पुस्तकें दी जा रहीं हैं। लेकिन, यहां पुस्तक होने के बावजूद बच्चों को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
अंजली कुमारी
फोटो-11
सुनें प्रभारी की
विद्यालय की चाहरदीवारी नहीं होने से स्टूडेंट्स को परेशानी हो रही है। शिक्षकों की भी कमी है। इन समस्याओं को लेकर विभाग को सूचना दे दी गई है। शीघ्र ही समस्याओं का समाधान कराया जाएगा।
राजेश कुमार
फोटो-07
शिक्षा विभाग के जिले में दम जोड़ते दिख रहे हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षक, संसाधनों व भवन की कमी है। बच्चों को किताब उपलब्ध नहीं हो पाई है। सिलेबस समाप्त होने वाला है। लेकिन, विभाग को इस बात की सुधि ही नहीं है।
काको प्रखंड क्षेत्र स्थित अनंत साहू प्लस टू हाई स्कूल का हाल भी कुछ ऐसा ही है। स्कूल में गणित, विज्ञान, कंप्यूटर समेत महत्वपूर्ण विषय के शिक्षक ही नहीं हैं। भवन जर्जर हो चुके हैं।
1978 में स्थापित इस विद्यालय ने कई प्रतिभाओं को उभारा। लेकिन वर्तमान हालात में संसाधनों के साथ-साथ शिक्षकों की कमी विद्यालय की गरिमा को धूमिल हो रही है। परिणामस्वरूप यहां के छात्र-छात्राओं को इन विषय की शिक्षा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। विद्यालय में रखे कम्प्यूटर धूल फांक रहे हैं। विभाग ने पुस्तकालय के लिए पुस्तकें हैं। लेकिन पुस्तकालाध्यक्ष के पद रिक्त रहने के कारण छात्र-छात्राओं को पुस्तके भी नहीं मिल पाती है। उच्च माध्यमिक की कक्षाएं आयोजित ही नहीं होती है। विद्यालय में इंटर विज्ञान में 42 और कला में 16 छात्र-छात्राओं का नामांकन है जबकि इनके पढ़ाने के लिए मात्र तीन शिक्षक ही यहां पदस्थापित हैं। इसमें से एक फिलहाल प्रशिक्षण पर चले गए हैं। ऐसे में इंटर की कक्षाएं महज दो शिक्षकों के भरोसे ही है। स्वभाविक है कि इस हालात में कक्षाएं संचालित होना संभव नहीं है। छात्र को¨चग व ट्यूशन पर निर्भर हैं। परिणामस्वरूप यह विद्यालय इंटर के छात्र-छात्राओं के लिए महज नामांकन कराने का एक जरिया बनकर रह गया है।
सुनें छात्र-छात्राओं की
अंग्रेजी, हिन्दी और गणित विषय के शिक्षक उपलब्ध नहीं है। जिससे इन विषयों की पढ़ाई बाधित है। सत्र के कई महीने बीत जाने के बाद भी अब तक इन विषयों की पढ़ाई प्रारंभ नहीं हुई है।
शशिकांत राज
फोटो-08
विद्यालय की चाहरदीवारी नहीं रहने से खेलने में परेशानी होती है। खेल की घंटी में परिसर में ग्रामीणों का जमावड़ा लगा रहता है। स्कूल प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
मोनू कुमार
फोटो-09
विद्यालय में कम्प्यूटर को देखकर इसके संबंध में जानकारी प्राप्त करने की इच्छा होती है। कंप्यूटर शिक्षा को लेकर कई बार शिक्षकों को कहा गया। लेकिन, शिक्षकों की कमी बताकर छात्र-छात्राओं को टहला दिया जाता है।
अंशु कुमारी
फोटो- 10
पुस्तकालय से बच्चों को पुस्तक नहीं मिल रही है। दूसरे स्कूलों में बच्चों को पुस्तकें दी जा रहीं हैं। लेकिन, यहां पुस्तक होने के बावजूद बच्चों को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
अंजली कुमारी
फोटो-11
सुनें प्रभारी की
विद्यालय की चाहरदीवारी नहीं होने से स्टूडेंट्स को परेशानी हो रही है। शिक्षकों की भी कमी है। इन समस्याओं को लेकर विभाग को सूचना दे दी गई है। शीघ्र ही समस्याओं का समाधान कराया जाएगा।
राजेश कुमार
फोटो-07