बिहार के नियोजित शिक्षक पूरी तरह से सरकार के निशाने पर आ गए हैं और सरकार
इनसे निपटने के लिए हर तरह की तैयारी शुरू कर दी है. अब शिक्षकों का हर 6
महीने पर मूल्यांकन होगा और जीरो पर आउट होनेवाले शिक्षक सेवा से हटाए
जाएंगे.
शुरुआत मगध प्रमंडल से हुई है.प्रमंडलीय आयुक्त ने गया,औरंगाबाद,नवादा,अरवल और जहानाबाद के डीएम और डीईओ को पत्र लिखकर नियोजन ईकाइयों से हर 6 माह पर शिक्षकों का मूल्यांकन करने का निर्देश पत्र जारी किया है.
बतौर मूल्यांकन के लिए निर्देशिका भी बनाए गए हैं जिसमें विषय की जानकारी,टीचिंग स्किल,हाजिरी के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा. ये कार्रवाई इसीलिए की जा रही है क्योंकि हाल में नियोजित शिक्षकों के द्वारा समान काम समान वेतन को लेकर सरकार से आरपार की लड़ाई तोज हो चुकी है.
सरकार समान वेतनमान देने के नाम पर बैकफुट पर आ चुकी है क्योंकि शिक्षकों के वेतन पर सरकार पर 15 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. नियोजित शिक्षकों के अलावे मूल्यांकन नियमित शिक्षकों का भी होगा जिन स्कूलों में जीरो परफॉर्मेस है वहां के शिक्षकों पर 15 जनवरी से कार्रवाई होगी.
सरकार के इस रवैये से शिक्षक संघों का आक्रोश काफी बढ़ गया है.माध्यमिक शिक्षक संघ से लेकर प्रारंभिक संघ काफी आक्रोशित है और सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.
शुरुआत मगध प्रमंडल से हुई है.प्रमंडलीय आयुक्त ने गया,औरंगाबाद,नवादा,अरवल और जहानाबाद के डीएम और डीईओ को पत्र लिखकर नियोजन ईकाइयों से हर 6 माह पर शिक्षकों का मूल्यांकन करने का निर्देश पत्र जारी किया है.
बतौर मूल्यांकन के लिए निर्देशिका भी बनाए गए हैं जिसमें विषय की जानकारी,टीचिंग स्किल,हाजिरी के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा. ये कार्रवाई इसीलिए की जा रही है क्योंकि हाल में नियोजित शिक्षकों के द्वारा समान काम समान वेतन को लेकर सरकार से आरपार की लड़ाई तोज हो चुकी है.
सरकार समान वेतनमान देने के नाम पर बैकफुट पर आ चुकी है क्योंकि शिक्षकों के वेतन पर सरकार पर 15 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. नियोजित शिक्षकों के अलावे मूल्यांकन नियमित शिक्षकों का भी होगा जिन स्कूलों में जीरो परफॉर्मेस है वहां के शिक्षकों पर 15 जनवरी से कार्रवाई होगी.
सरकार के इस रवैये से शिक्षक संघों का आक्रोश काफी बढ़ गया है.माध्यमिक शिक्षक संघ से लेकर प्रारंभिक संघ काफी आक्रोशित है और सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.