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तीन माह से वेतन न मिलने पर शिक्षकों का हंगामा

मुजफ्फरनगर। तीन माह से वेतन नहीं मिलने पर शिक्षकों का धैर्य जवाब दे गया। गुस्साए शिक्षकों ने कलक्ट्रेट में हंगामा कर बेसिक शिक्षा विभाग पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। घंटो तक कलक्ट्रेट में हंगामा होता रहा, बाद में शिक्षकों ने डीएम से मिलकर कार्रवाई की मांग की है।
शिक्षकों के हंगामे से कचहरी में भी अफरातफरी का आलम रहा। बीएसए की मौजूदगी में डीएम से भी वार्ता विफल होने पर शिक्षक धरना देकर बैठ गए। शाम को सीओ सिटी हरीश भदौरिया धरनास्थल पर पहुंचे। धरना समाप्त करने की बात कहने पर शिक्षकों की सीओ के साथ नोकझोंक हुई। मामले की जानकारी पर सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम भी पहुंच गए, मगर बात नहीं बनी। देर शाम तक शिक्षकों का धरना जारी था।
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को तीन माह से वेतन नहीं मिल सका है। आरोप है कि शिक्षकों को बीएसए स्तर से भुगतान नहीं किया जा रहा है। विभाग में शिक्षकों का जून और जुलाई का वेतन रुका हुआ है, जिसको लेकर शिक्षक परेशान हैं। शिक्षक सातवें वेतन आयोग के हिसाब से वेतन मांग रहे है, जबकि बीएएस उन्हें छठे वेतन आयोग के हिसाब से ही वेतन देने की बात कर रहे हैं, इसी को लेकर विवाद है। वेतन भुगतान की मांग को लेकर शिक्षकों ने सोमवार दोपहर को कलक्ट्रेट में पहुंचकर हंगामा किया। शिक्षक नेता संजीव बालियान ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश जिलों में सातवें वेतन आयोग से वेतन दिया जा रहा है, जबकि जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहा है। जून, जुलाई माह का वेतन तक नहीं दिया गया है। शिक्षा विभाग छठे वेतनायोग से भुगतान की हामी भर रहा है, जबकि शिक्षक सातवें आयोग से वेतन लेने पर अड़े हैं। इसी रस्साकसी में करीब जिले के चार हजार से अधिक शिक्षकों का भुगतान जारी नहीं किया जा सका है। कलक्ट्रेट में शिक्षकों ने हंगामा कर विभाग से भुगतान जारी करने की मांग की है। शिक्षकों ने साफ कर दिया कि वेतन भुगतान नहीं किया गया तो स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था ठप कर दी जाएगी। प्रदर्शनकारियों में संजीव बालियान, अश्वनी, अविनाश कुमार, बालेंद्र कुमार, इंदू भूषण, योगेश कुमार, राजकुमार कटारिया, सुरेंद्र कुमार, बलेराम, अरविंद, राकेश राठी, सूर्यकुमार समेत सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे।

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