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फर्जी शिक्षक नियुक्ती को लेकर पत्र लिख रही जनता

मुंगेर। जिला परिषद शिक्षक नियोजन इकाई के द्वारा फर्जी कागजात के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वालों पर की जा रही कार्रवाई से लोगों के अंदर यह उम्मीद जगी है कि अब कोई फर्जी शिक्षक बच नहीं पाएंगे।
इसको लेकर जिले की जनता फर्जी कागजात के आधार पर तैनात शिक्षकों से संबंधित जानकारी डाक के माध्यम से जिला परिषद शिक्षक नियोजन इकाई के सचिव सह डीडीसी को भेज रहे हैं। विदित हो कि अभी भी जबकि पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 2014 से पहले नियोजित सभी शिक्षकों के शैक्षणिक तथा प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र का सत्यापन किया जा रहा है। फिर भी अब तक जिले में सैकड़ों की संख्या में ऐसे फर्जी शिक्षक आराम से नौकरी कर रहे हैं। जबकि न्यायालय ने ऐसे शिक्षकों को एक निर्धारित समय सीमा तक नौकरी छोड़ देने का समय दिया था। लेकिन ऐसे लोग से¨टग गे¨टग पर विश्वास कर अभी भी नौकरी कर रहे हैं। जिले में अब भी ऐसे सैकड़ों शिक्षक कार्यरत हैं जो फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। लेकिन समस्या यह है कि शिक्षकों का नियोजन कई स्तर पर नियोजन इकाई के माध्यम से किये जाने के कारण शिक्षा विभाग ऐसे नियोजित शिक्षक पर कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है। क्योंकि नियोजन इकाईयां कार्रवाई करने में सबसे बड़ी बाधा है। बताते चलें कि अब शिक्षकों का नियोजन पंचायत, प्रखंड तथा जिला परिषद नियोजन इकाई के माध्यम से किया जाता है, वहीं इन शिक्षकों पर कार्रवाई का अधिकार भी नियोजन इकाई को ही प्राप्त है। इसके कारण विभागीय अधिकारी चाह कर भी कुछ कर पाने के लिए स्वतंत्र नहीं है। इधर जबकि इस मामले पर जिला परिषद शिक्षक नियोजन इकाई सक्रिय हुई है पर अन्य नियोजन इकाईयां अब भी सुस्त पड़ी हुई है। यदि नियोजन इकाईयां सख्ती से जांच कराती है तो अभी भी सैकड़ों फर्जी शिक्षक पकड़े जा सकते हैं। इधर जिला परिषद शिक्षक नियोजन इकाई के सचिव सह डीडीसी रामेश्वर पांडेय कहते हैं कि उन्हें अब तक कई लोग डाक से फर्जी शिक्षकों के बारे में पत्र लिख चुके हैं।

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