पटना । बिहार पंचायत नगर
प्रारंभिक शिक्षक संघ और प्रधान सचिव, सामान्य प्रशासन के बीच हुई वार्ता
के दौरान संघ ने मजबूती से सेवा-शर्त के संदर्भ में अपनी बातों को रखा। संघ
ने सभी नियोजन इकाइयों को भंग करते हुए जिला कैडर का निर्धारण करने,
स्नातक ग्रेड प्रोन्नति, प्रशिक्षण, 10 जुलाई, 2015 से ही सभी
अप्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड पे देने, सेवांत लाभ, चिकित्सीय अवकाश, मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश, शिशु देखभाल, पेंशन, प्रखंड संसाधन केंद्र स्तर पर सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों का एक साथ प्रशिक्षण शुरू करने आदि की मांग की।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष पूरन कुमार और प्रदेश महासचिव केशव कुमार ने कहा कि सेवा शर्त पर वार्ता महज एक औपचारिकता भर थी। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर ब्रजवासी, प्रदेश संयुक्त सचिव रामकलेश्वर ने कहा कि हजारों शिक्षकों को प्रतिदिन सैकड़ों किलोमीटर दूर पढ़ाने जाना पड़ता है। शिक्षिकाओं को शादी के बाद मैके में ही नौकरी करनी पड़ रही है। ऐसे शिक्षकों को बिना शर्त ऐच्छिक जगहों पर स्थानांतरण मिलना चाहिए।
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि राज्य के शिक्षाहित में शिक्षकों की समस्याओं का समाधान प्रमुख पहलू है। सरकार को शिक्षकों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाने की जरूरत है। नियोजित शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण, प्रोन्नति, वरीयता, सेवा निरंतरता, स्नातक ग्रेड में समायोजन, भविष्य निधि, ग्रुप बीमा, ग्रेच्युटी, पेंशन, अनुकंपा, उपादान, अर्जितावकाश समेत अन्य सुविधाएं प्रदान की जायें।
नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. गणोश शंकर पांडेय व राज्य सचिव संतोष कुमार ने कहा कि सेवा शर्त निर्धारण को लेकर सरकार की नीति व नीयत स्पष्ट नहीं है। सरकार सेवा शर्त का सारा ठिकरा शिक्षक संगठनों पर फोड़ने के फिराक में है। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक व प्रदेश उपाध्यक्ष राजू सिंह ने कहा कि जिस सेवा शर्त को 2015 में ही प्रकाशित हो जाना चाहिए था, उसके लिए दो वर्ष बाद भी सुझाव ही आमंत्रित किये जा रहे हैं।
जबकि, विभाग के पास नियमित शिक्षकों की सेवाशर्त मौजूद है। बिहार प्रदेश प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ ने भी तीन सूत्री मांगों को रखा। वहीं नियोजित शिक्षक न्याय मोर्चा ने सहायक शिक्षकों को वेतनमान एवं सेवा शर्त देने की मांग की।बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सेवाशर्त निर्धारण कमेटी को दिये 13 सूत्री सुझावनियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के सेवाशर्त निर्धारण के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाई गई उच्चस्तरीय कमेटी के समक्ष बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव एवं पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने 13 सूत्री सुझाव रखे।
निदेशक, माध्यमिक शिक्षा ने पत्र लिख कर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ को कमेटी से वार्ता करने तथा अपने सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया था। वार्ता में श्री सिंह ने कमेटी को सुझाव दिया कि 2006 की नियोजन नियमावली को निरस्त करते हुए शिक्षकों के लिए 1983 से लागू सेवाशर्त नियमावली अथवा झारखंड की सेवाशर्त नियमावली, 2015 को ही लागू किया जाए।
साथ ही 2006 से नियुक्त शिक्षकों को सिर्फ एक बार ऐच्छिक स्थानान्तरण, पुराने शिक्षकों की भांति सभी प्रकार की छुट्टियों का लाभ, पुस्तकालयाध्यक्ष के पद को समाप्त कर शिक्षक सह पुस्तकालयाध्यक्ष पद नामित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। तेरह सूत्री सुझाव के अंतर्गत नियोजित शिक्षकों की सेवा अवधि में मृत्यु होने पर आश्रितों को योग्यतानुसार अनुकंपा पर नियुक्ति/ अनुदानित माध्यमिक विद्यालय एवं प्लस-टू विद्यालय के शिक्षकों के लिए उच्चतर वेतनमान सहित सभी शिक्षकों को भविष्य निधि, पेंशन, बीमा का लाभ देने की मांग रखी।
इस बात पर भी जोर दिया कि शिक्षकों को प्राकृतिक आपदा को छोड़कर किसी भी हालत में गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जाये। बैठक में आमिर सुबहानी, प्रधान सचिव, गृह सह सामान्य प्रशासन विभाग, आरके महाजन, प्रधान सचिव, शिक्षा विभाग, सुजाता चतुव्रेदी, प्रधान सचिव, वित्त विभाग, राहुल सिंह, सचिव, वित्त व्यय, अमित कुमार, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा उपस्थित थे।
अप्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड पे देने, सेवांत लाभ, चिकित्सीय अवकाश, मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश, शिशु देखभाल, पेंशन, प्रखंड संसाधन केंद्र स्तर पर सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों का एक साथ प्रशिक्षण शुरू करने आदि की मांग की।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष पूरन कुमार और प्रदेश महासचिव केशव कुमार ने कहा कि सेवा शर्त पर वार्ता महज एक औपचारिकता भर थी। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर ब्रजवासी, प्रदेश संयुक्त सचिव रामकलेश्वर ने कहा कि हजारों शिक्षकों को प्रतिदिन सैकड़ों किलोमीटर दूर पढ़ाने जाना पड़ता है। शिक्षिकाओं को शादी के बाद मैके में ही नौकरी करनी पड़ रही है। ऐसे शिक्षकों को बिना शर्त ऐच्छिक जगहों पर स्थानांतरण मिलना चाहिए।
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि राज्य के शिक्षाहित में शिक्षकों की समस्याओं का समाधान प्रमुख पहलू है। सरकार को शिक्षकों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाने की जरूरत है। नियोजित शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण, प्रोन्नति, वरीयता, सेवा निरंतरता, स्नातक ग्रेड में समायोजन, भविष्य निधि, ग्रुप बीमा, ग्रेच्युटी, पेंशन, अनुकंपा, उपादान, अर्जितावकाश समेत अन्य सुविधाएं प्रदान की जायें।
नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. गणोश शंकर पांडेय व राज्य सचिव संतोष कुमार ने कहा कि सेवा शर्त निर्धारण को लेकर सरकार की नीति व नीयत स्पष्ट नहीं है। सरकार सेवा शर्त का सारा ठिकरा शिक्षक संगठनों पर फोड़ने के फिराक में है। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक व प्रदेश उपाध्यक्ष राजू सिंह ने कहा कि जिस सेवा शर्त को 2015 में ही प्रकाशित हो जाना चाहिए था, उसके लिए दो वर्ष बाद भी सुझाव ही आमंत्रित किये जा रहे हैं।
जबकि, विभाग के पास नियमित शिक्षकों की सेवाशर्त मौजूद है। बिहार प्रदेश प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ ने भी तीन सूत्री मांगों को रखा। वहीं नियोजित शिक्षक न्याय मोर्चा ने सहायक शिक्षकों को वेतनमान एवं सेवा शर्त देने की मांग की।बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सेवाशर्त निर्धारण कमेटी को दिये 13 सूत्री सुझावनियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के सेवाशर्त निर्धारण के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाई गई उच्चस्तरीय कमेटी के समक्ष बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव एवं पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने 13 सूत्री सुझाव रखे।
निदेशक, माध्यमिक शिक्षा ने पत्र लिख कर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ को कमेटी से वार्ता करने तथा अपने सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया था। वार्ता में श्री सिंह ने कमेटी को सुझाव दिया कि 2006 की नियोजन नियमावली को निरस्त करते हुए शिक्षकों के लिए 1983 से लागू सेवाशर्त नियमावली अथवा झारखंड की सेवाशर्त नियमावली, 2015 को ही लागू किया जाए।
साथ ही 2006 से नियुक्त शिक्षकों को सिर्फ एक बार ऐच्छिक स्थानान्तरण, पुराने शिक्षकों की भांति सभी प्रकार की छुट्टियों का लाभ, पुस्तकालयाध्यक्ष के पद को समाप्त कर शिक्षक सह पुस्तकालयाध्यक्ष पद नामित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। तेरह सूत्री सुझाव के अंतर्गत नियोजित शिक्षकों की सेवा अवधि में मृत्यु होने पर आश्रितों को योग्यतानुसार अनुकंपा पर नियुक्ति/ अनुदानित माध्यमिक विद्यालय एवं प्लस-टू विद्यालय के शिक्षकों के लिए उच्चतर वेतनमान सहित सभी शिक्षकों को भविष्य निधि, पेंशन, बीमा का लाभ देने की मांग रखी।
इस बात पर भी जोर दिया कि शिक्षकों को प्राकृतिक आपदा को छोड़कर किसी भी हालत में गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जाये। बैठक में आमिर सुबहानी, प्रधान सचिव, गृह सह सामान्य प्रशासन विभाग, आरके महाजन, प्रधान सचिव, शिक्षा विभाग, सुजाता चतुव्रेदी, प्रधान सचिव, वित्त विभाग, राहुल सिंह, सचिव, वित्त व्यय, अमित कुमार, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा उपस्थित थे।