पटना|बिहार माध्यमिकशिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय (एमएलसी) और
महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह (पूर्व सांसद) ने संयुक्त बयान जारी कर कहा
है कि संघ ने शिक्षा विभाग को शिक्षा में गुणात्मक विकास के लिए जो 18
सूत्री सुझाव दिए थे, उसे लागू तो नहीं किया बल्कि प्रशासकीय प्रताड़ना का
प्रदर्शन छापामारी दस्ता द्वारा किया जा रहा है।
संघ ने शिक्षामंत्री को पत्र लिख कर कहा है कि विद्यालयों में हो रहे पठन-पाठन का निरीक्षण आवश्यक है। लेकिन निरीक्षक को विद्यालयों पर छापामारी के पूर्व उसकी समय सारिणी और पाठ्यक्रम का भी ज्ञान होना चाहिए। राजधानी मुख्यालय के कतिपय विद्यालय तीन-तीन चरणों में संचालित होते हैं। जो साढ़े नौ बजे सुबह से साढ़े नौ बजे रात तक चलते हैं। एक ही विद्यालय परिसर में तीन-तीन स्कूलों का संचालन होता है। सबकी समय सारिणी अलग-अलग निर्धारित है। इसकी जानकारी निरीक्षी पदाधिकारियों को होनी चाहिए। विद्यालयों की समय-सारिणी की जानकारी की अनदेखी कर छापामार दस्ता समय सारिणी के पूर्व या बाद में विद्यालय पहुंचकर शिक्षकों की उपस्थिति पुस्तिका की जांच करता है और वेतन काट लेने का आदेश देता है तो यह कहीं से भी न्यायोचित नहीं होगा। उन्होंने शिक्षामंत्री को सुझाव दिया है कि विद्यालय निरीक्षण के पूर्व निरीक्षण दल के प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला आयोजित की जाए और स्कूल के निरीक्षण मानक भी निर्धारित किया जाय। बता दें कि 75 स्कूलों के निरीक्षण के दौरान 225 शिक्षक उपस्थित नहीं मिले थे उनका वेतन काटा गया है।
संघ ने शिक्षामंत्री को पत्र लिख कर कहा है कि विद्यालयों में हो रहे पठन-पाठन का निरीक्षण आवश्यक है। लेकिन निरीक्षक को विद्यालयों पर छापामारी के पूर्व उसकी समय सारिणी और पाठ्यक्रम का भी ज्ञान होना चाहिए। राजधानी मुख्यालय के कतिपय विद्यालय तीन-तीन चरणों में संचालित होते हैं। जो साढ़े नौ बजे सुबह से साढ़े नौ बजे रात तक चलते हैं। एक ही विद्यालय परिसर में तीन-तीन स्कूलों का संचालन होता है। सबकी समय सारिणी अलग-अलग निर्धारित है। इसकी जानकारी निरीक्षी पदाधिकारियों को होनी चाहिए। विद्यालयों की समय-सारिणी की जानकारी की अनदेखी कर छापामार दस्ता समय सारिणी के पूर्व या बाद में विद्यालय पहुंचकर शिक्षकों की उपस्थिति पुस्तिका की जांच करता है और वेतन काट लेने का आदेश देता है तो यह कहीं से भी न्यायोचित नहीं होगा। उन्होंने शिक्षामंत्री को सुझाव दिया है कि विद्यालय निरीक्षण के पूर्व निरीक्षण दल के प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला आयोजित की जाए और स्कूल के निरीक्षण मानक भी निर्धारित किया जाय। बता दें कि 75 स्कूलों के निरीक्षण के दौरान 225 शिक्षक उपस्थित नहीं मिले थे उनका वेतन काटा गया है।