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सहायता भत्ता नहीं, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मांगें छात्र

मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार ने बिहार विकास मिशन की बैठक में हर योजना की प्रक्रिया को आसान बनाने की आवश्यकता जताई, ताकि अधिक से अधिक लोग सात निश्चयों का लाभ उठा सकें। स्वयं सहायता भत्ता के लिए अधिक आवेदन का मामला सामने आने पर उन्होंने कहा कि पढ़ाई कर रहे छात्र या छात्राओं को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना चाहिए, कि स्वयं सहायता भत्ता के लिए।
मुख्यमंत्री ने जीविका के माध्यम से प्रारंभिक स्कूलों की मॉनिटरिंग की व्यवस्था जारी रखने की आवश्यकता जताई। जीविका समूहों ने 12,662 प्रारंभिक स्कूलों का निरीक्षण किया। इसमें 810 विद्यालयों में 2,395 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। इनमें से 1,313 शिक्षकों की वेतन कटौती की गई है, जबकि 802 शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई की गई है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का निर्माण 20.04 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है। वहीं राजगीर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम और स्पोर्ट्स अकादमी के निर्माण के लिए 90 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गई है।

कैपिटलवेंचर फंड में मिले 370 आवेदन : उद्यमीयुवाओं की सहायता के लिए 500 करोड़ रुपए के वेंचर कैपिटल फंड का गठन करने के साथ ही इन्कयूबेशन सेंटर की स्थापना की गई है। अब तक स्टार्टअप के लिए 370 आवेदन प्राप्त हुए हैं। बैठक में कृषि रोड मैप से संबंधित विभिन्न योजनाओं की भी समीक्षा की गई। बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा और डीजीपी पीके ठाकुर समेत तमाम विभागों के मंत्री भी मौजूद थे।

घर तक पक्की गली-नाली बनने की रफ्तार धीमी

चारवर्षों में 1,14,733 वार्ड के सभी संपर्कविहीन घरों तक पक्की गली-नालियों का निर्माण करना है। 2016-17 में ग्रामीण इलाकों में 22,946 वार्ड में काम पूरा करना है, पर 52 योजनाओं पर ही काम शुरू हो पाया है। इसी तरह 140 नगर निकायों में 75 हजार घरों तक पक्की गली-नाली के लक्ष्य की तुलना में 1939 घरों तक काम हो सका है। सौ से अधिक आबादी वाले 13,786 संपर्कविहीन टोलों में पांच साल में 12,500 किमी सड़कों का निर्माण कराने का लक्ष्य है। वर्ष 2016-17 में 2386 टोलों में 2500 किमी सड़कों का निर्माण कराया जाना है। फिलहाल 288 योजनाओं को मंजूर किया गया है।

हर घर नल का जल की हालत खराब

सातनिश्चयों में हर घर नल का जल योजना का हालत सबसे खराब है। चार साल में 5013 पंचायतों के 70,182 वार्ड में 1.02 करोड़ घरों को नल का जल उपलब्ध कराना है। योजना अपने लक्ष्य से कोसों दूर है। वर्ष 2016-17 में 14,036 वार्ड में 20.49 लाख घरों को नल का जल देना है। इसके लिए अभी 12,497 वार्ड समिति का गठन हो चुका है। हालांकि, मात्र 42 पंचायतों में काम शुरू हो सका और 4153 घरों तक नल का जल पहुंचा है। इसी तरह 26 नगर निकायों में 1 लाख घरों के लक्ष्य की तुलना में मात्र 1480 घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया है।

स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए 6111 आवेदन

पढ़ाईके लिए शिक्षा कर्ज लेने की स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में 6,111 आवेदन आए हैं। इनमें 5,849 आवेदकों को जिला निबंधन परामर्श केंद्र पर बुलाया गया, जिनमें 2,171 आवेदक ही केंद्र पर आए। इनमें से 879 आवेदनों को मंजूर किया गया है। इस योजना में 12वीं पास छात्र-छात्रा बीए, बीएससी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रबंधन और विधि की पढ़ाई के लिए कर्ज ले सकेंगे। कर्ज चाहे जितना हो, लेकिन राज्य सरकार चार लाख रुपए तक के मूलधन और ब्याज पर बैंकों को गारंटी देगी।

शौचालय निर्माण, घर का सम्मान

चारसाल में 8343 पंचायतों को खुले में शौच (ओडीएफ) की कुप्रथा से मुक्त बनाना है। फिलहाल 1 अनुमंडल, 8 प्रखंड और 152 पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। वर्ष 2016-17 में 1,999 पंचायतों के 41.2 लाख घरों में शौचालय का निर्माण किया जाना है। 2.7 लाख घरों में यह सुविधा मुहैया हो चुकी है। शहरी इलाकों में इस वर्ष 3.3 लाख घरों में शौचालय का निर्माण किया जाना है। इनमें 49,447 घरों में शौचालय के साथ 350 सामूहिक शौचालय का निर्माण हो चुका है।

अवसरबढ़े, आगे पढ़ें

मधुबनी,वैशाली, सीतामढ़ी, भोजपुर और बेगूसराय में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इसमें से सीतामढ़ी मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन का चयन हो रहा है। अन्य के लिए जमीन उपलब्ध है। प्रत्येक जिले में जीएनएम स्कूल खोला जाना है। पांच जिलों में जीएनएम स्कूल का संचालन हो रहा है, जबकि 10 जिलों में भवन का निर्माण हो रहा है। वहीं 23 जिलों में भवन के लिए टेंडर निकाला गया है। हर जिले में पारा मेडिकल संस्थान बनाने की योजना फिलहाल पांच जिलों में चल रही है। अन्य सभी जिलों में जमीन उपलब्ध है, लेकिन 24 जिलों के लिए टेंडर निकाला गया है। 37 अनुमंडलों में एएनएम स्कूल खोलने की योजना चल रही है, जबकि 10 में भवन निर्माणाधीन है।

स्वयं सहायता भत्ता बना आकर्षण का केंद्र

आर्थिकहल युवाओं को बल कार्यक्रम के तहत राज्य में 2,97,905 आवेदन आए हैं। इनमें 2,39,456 आवेदन सिर्फ स्वयं सहायता भत्ता के लिए मिले। जिला निबंधन परामर्श केंद्रों पर इनमें से 1,96,144 आवेदकों को बुलाया गया, लेकिन 1,02,496 युवा आए। इनमें 81,183 आवेदन स्वीकृत किए गए। चयनित आवेदकों को नौकरी की तलाश के लिए दो साल तक हर माह एक-एक हजार रुपए दिए जाएंगे। 20-25 साल के युवा इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। वैसे गरीब छात्र जो 12वीं पास होने के बाद अध्ययनरत नहीं हों, उनको इस योजना का लाभ मिलेगा।

कुशलयुवा कार्यक्रम में 52 हजार आवेदन

कुशलयुवा कार्यक्रम के तहत 52,338 आवेदन मिले हैं। इनमें 50,930 आवेदकों को जिला निबंधन परामर्श केंद्र पर बुलाया गया, लेकिन 22,384 आवेदक ही केंद्र पर आए। फिलहाल 15,283 आवेदनों को मंजूरी दी गई है। इस कार्यक्रम के लिए 534 प्रखंडों में कौशल प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं। यहां पर युवाओं को बेसिक कंप्यूटर ट्रेनिंग, व्यवहार कौशल और संवाद कौशल (हिन्दी-अंग्रेजी) का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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