बेतिया। नियोजित शिक्षकों को राज्य सरकार का कर्मचारी नहीं मानने व सातवें
वेतन नहीं दिये जाने के फैसले पर बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के
जिला सचिव रवीन्द्र किशोर राय ने हैरानी व क्षोभ जाहिर किया है। श्री राय
ने सरकार के इस फैसले को मनमाना बताते हुए उसे वापस लेने की मांग की है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि नियोजित शिक्षक उतना ही काम करते है, जितना वरिष्ठ शिक्षक करते है। फिर नियोजित शिक्षकों के साथ भेद-भाव करना ठीक नहीं है। शिक्षक नेता रविन्द्र किशोर राय ने जोर देकर कहा कि न्याय की यही मांग है कि नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देने के साथ साथ उन्हें सातवें वेतन का लाभ दिया है। मनमानी फैसले वापस नहीं लिए जाने पर उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर असर पड़ने की आशंका जाहिर की।
उन्होंने जोर देकर कहा कि नियोजित शिक्षक उतना ही काम करते है, जितना वरिष्ठ शिक्षक करते है। फिर नियोजित शिक्षकों के साथ भेद-भाव करना ठीक नहीं है। शिक्षक नेता रविन्द्र किशोर राय ने जोर देकर कहा कि न्याय की यही मांग है कि नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देने के साथ साथ उन्हें सातवें वेतन का लाभ दिया है। मनमानी फैसले वापस नहीं लिए जाने पर उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर असर पड़ने की आशंका जाहिर की।