सासाराम स्थित नौहट्टा के चुटिया थाना में इलाके के ग्यारह शिक्षकों
के विरुद्ध जालसाजी व धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। जाली प्रमाण
पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करके वेतन लेने वाले शिक्षकों की गिरफ्तारी के
लिए पुलिस छापामारी भी कर रही है।
शिक्षक अपना गांव छोड़ फरार
गिरफ्तारी के डर से कई शिक्षक अपने गांव-घर को छोड़कर फरार हो चुके हैं। बताया जाता है कि वरीय अधिकारियों के आदेश पर थानाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने शिक्षकों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की है। इलाके शिक्षक रंजीत कुमार, सुनील मिश्रा, मनोज पाल, नारद ठाकुर, साधना कुमारी, पूजा कुमारी, त्रिपुरारी दुबे, रविकांत सिंह, रामकुमार चौधरी व राजन कुमार राम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज गई है। जानकार बताते हैं कि प्रखंड में करीब 52 शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी प्रमाण पत्र पर हुई है।
पांच साल से कर रहे थे नौकरी
करीब पांच वर्षों से फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे थे सभी नामजद शिक्षक। वे वेतन भी हासिल कर रहे थे। जांच के दौरान किसी का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया, तो किसी ने प्रमाण पत्र जारी करने वाले संस्थान ही फर्जी हैं। बताया जाता है कि प्रखंड में छह वर्षो से कार्य कर रहे अन्य शिक्षकों के भी प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। विदित हो कि पिछले वर्ष प्रखंड के दो शिक्षक त्यागपत्र दिए थे। लेकिन, फर्जी तरीके से नौकरी लेने वाले उन दोनों पर भी एफआईआर दर्ज की गई है।
तलाश में जुटी है पुलिस
प्रखंड क्षेत्र में फर्जी प्रमाणपत्र की व्यवस्था करने वाले गिरोह की तलाश में पुलिस जुट गई है। कहा जाता है कि पुलिस ने कुछ ऐसे लोगों को चिन्हित भी कर लिया है। ऐसे लोगों की शीघ्र गिरफ्तारी हो सकती है। बताया जाता है कि एक से डेढ़ लाख रुपए लेकर शिक्षकों को फर्जी प्रमाण पत्र मुहैया कराया गया है। थानाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि पुलिस कई बिंदुओं पर अनुसंधान कर रही है।
शिक्षक अपना गांव छोड़ फरार
गिरफ्तारी के डर से कई शिक्षक अपने गांव-घर को छोड़कर फरार हो चुके हैं। बताया जाता है कि वरीय अधिकारियों के आदेश पर थानाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने शिक्षकों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की है। इलाके शिक्षक रंजीत कुमार, सुनील मिश्रा, मनोज पाल, नारद ठाकुर, साधना कुमारी, पूजा कुमारी, त्रिपुरारी दुबे, रविकांत सिंह, रामकुमार चौधरी व राजन कुमार राम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज गई है। जानकार बताते हैं कि प्रखंड में करीब 52 शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी प्रमाण पत्र पर हुई है।
पांच साल से कर रहे थे नौकरी
करीब पांच वर्षों से फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे थे सभी नामजद शिक्षक। वे वेतन भी हासिल कर रहे थे। जांच के दौरान किसी का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया, तो किसी ने प्रमाण पत्र जारी करने वाले संस्थान ही फर्जी हैं। बताया जाता है कि प्रखंड में छह वर्षो से कार्य कर रहे अन्य शिक्षकों के भी प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। विदित हो कि पिछले वर्ष प्रखंड के दो शिक्षक त्यागपत्र दिए थे। लेकिन, फर्जी तरीके से नौकरी लेने वाले उन दोनों पर भी एफआईआर दर्ज की गई है।
तलाश में जुटी है पुलिस
प्रखंड क्षेत्र में फर्जी प्रमाणपत्र की व्यवस्था करने वाले गिरोह की तलाश में पुलिस जुट गई है। कहा जाता है कि पुलिस ने कुछ ऐसे लोगों को चिन्हित भी कर लिया है। ऐसे लोगों की शीघ्र गिरफ्तारी हो सकती है। बताया जाता है कि एक से डेढ़ लाख रुपए लेकर शिक्षकों को फर्जी प्रमाण पत्र मुहैया कराया गया है। थानाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि पुलिस कई बिंदुओं पर अनुसंधान कर रही है।