खगड़िया। घनी आबादी के बीच स्थित राजकीय कृत जगन्नाथराम उच्च विद्यालय
सलारपुर आज समस्याओं की ढेर पर है। इस विद्यालय के जर्जर भवन में प्लस टू
तक की पढ़ाई होती है। यहां एक नहीं अनेकों समस्याएं है। बावजूद अधिकारियों
की नजरों से यह ओझल है।
अपनी उपेक्षा पर यह विद्यालय आठ-आठ आंसू बहाने को विवश है। बताया जाता है कि इसकी स्थापना वर्ष 1948 में हुई थी। विद्यालय के पास कहने को तो सात एकड़ जमीन है। जिसके पांच एकड़ पर भवन व क्रिड़ा मैदान है, लेकिन इसके बाद यह चारो तरफ से अतिक्रमित होते जा रहा है। दो एकड़ जमीन दियारा में है, इसका अनाज कहां जाता है, यह पता नहीं है। विद्यालय को 11 पुराना कमरा है जो खंडहर में तब्दील है। कई बार पठप-पाठन के समय छात्र-छात्राओं के सिर पर छत की परत टूटकर गिर चुकी है।
जबकि, इस विद्यालय में सात सौ छात्र-छात्राएं नवम एवं दशम में अध्ययनरत है। जिसका पठन-पाठन विद्यालय प्रधान समेत पांच शिक्षकों के सहारे होता है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2015 से प्लस टू की पढ़ाई भी इस विद्यालय में शुरू हो चुकी है। इस बार बारहवीं की परीक्षा में करीब 150 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। किन्तु प्लस टू में एक भी शिक्षक नहीं है। जबकि, इस विद्यालय तक जाने वाला पहुंच पथ भी जर्जर है। कई विषयों के शिक्षक भी यहां नहीं हैं। जबकि, इस विद्यालय में प्लस टू को छोड़कर शिक्षकों के सृजित पद 12 है। जबकि दो आदेशपाल एवं एक किरानी का भी पद है। हैरत इस बात से है कि विद्यालय में आदेशपाल तक नहीं है। हालांकि, विद्यालय प्रधान विरेन्द्र मोहन मंडल ने कहा कि वे विभाग में इस समस्या को लिखे हुए हैं।
अपनी उपेक्षा पर यह विद्यालय आठ-आठ आंसू बहाने को विवश है। बताया जाता है कि इसकी स्थापना वर्ष 1948 में हुई थी। विद्यालय के पास कहने को तो सात एकड़ जमीन है। जिसके पांच एकड़ पर भवन व क्रिड़ा मैदान है, लेकिन इसके बाद यह चारो तरफ से अतिक्रमित होते जा रहा है। दो एकड़ जमीन दियारा में है, इसका अनाज कहां जाता है, यह पता नहीं है। विद्यालय को 11 पुराना कमरा है जो खंडहर में तब्दील है। कई बार पठप-पाठन के समय छात्र-छात्राओं के सिर पर छत की परत टूटकर गिर चुकी है।
जबकि, इस विद्यालय में सात सौ छात्र-छात्राएं नवम एवं दशम में अध्ययनरत है। जिसका पठन-पाठन विद्यालय प्रधान समेत पांच शिक्षकों के सहारे होता है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2015 से प्लस टू की पढ़ाई भी इस विद्यालय में शुरू हो चुकी है। इस बार बारहवीं की परीक्षा में करीब 150 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। किन्तु प्लस टू में एक भी शिक्षक नहीं है। जबकि, इस विद्यालय तक जाने वाला पहुंच पथ भी जर्जर है। कई विषयों के शिक्षक भी यहां नहीं हैं। जबकि, इस विद्यालय में प्लस टू को छोड़कर शिक्षकों के सृजित पद 12 है। जबकि दो आदेशपाल एवं एक किरानी का भी पद है। हैरत इस बात से है कि विद्यालय में आदेशपाल तक नहीं है। हालांकि, विद्यालय प्रधान विरेन्द्र मोहन मंडल ने कहा कि वे विभाग में इस समस्या को लिखे हुए हैं।