पटना : जब शिक्षक को अपने ही विषय में पकड़ नहीं हो, तो ऐसे शिक्षकों
से क्वालिटी एजुकेशन की क्या उम्मीद की जा सकती है. स्कूल की परीक्षा में
छात्रों को फेल करने वाले शिक्षक ही अब फेल हो रहे हैं. यह हाल कोई
प्राइमरी या मिडिल स्कूल का नहीं है, बल्कि हाइस्कूल स्तर के शिक्षकों का
है. एससीइआरटी ने फरवरी, 2016 में हाइस्कूल के शिक्षकों की आंतरिक परीक्षा
ली थी.
इस परीक्षा में पटना जिले के 171 शिक्षक शामिल हुए थे. इसमें से एक सौ
शिक्षक फेल कर गये हैं. शिक्षकों का रिजल्ट हाल में एससीइआरटी ने हर जिला
शिक्षा कार्यालय को भेज दिया है. अब इन शिक्षकों का प्रोन्नति
रुक जायेगी. कुछ ऐसा ही हाल प्राचार्य का भी है. परीक्षा में 83
प्राचार्य शामिल हुए थे, जिसमें से 44 प्राचार्य फेल हो गये. विषय वार ली
गयी थी परीक्षा : इस परीक्षा में जो भी शिक्षक और प्राचार्य शामिल होते
हैं, उन्हें उनके विषय से संबंधित ही प्रश्न पूछे जाते हैं. लेकिन,
शिक्षकों को अपने विषय पर ही पकड़ नहीं है. जिला शिक्षा कार्यालय की मानें
तो यह परीक्षा साल में एक बार ली जाती है. इसके लिए शिक्षकों से आवेदन
करवाये जाते हैं. शिक्षकों को वही विषय की परीक्षा देनी होती है, जिस विषय
के वह स्कूल में शिक्षक हैं. लेकिन, अपने विषय में भी शिक्षक अच्छा नहीं कर
पाते हैं. प्राचार्य का भी वहीं हाल है.
सौ अंक की परीक्षा : परीक्षा सौ अंकों की ली गयी थी. 30 अंक पास करने
के लिए चाहिए था. लेकिन, 30 अंक भी शिक्षक और प्राचार्य नहीं ला सके.
अधिकतर शिक्षकों को 20 से 25 अंक ही आये. वहीं, अधिकतर प्राचार्य भी 25
अंकों में ही सिमट गये. जिले में सबसे अधिक फेल होने वाले प्राचार्य पटना
सिटी के 10, मसौढ़ी 9, दानापुर 12, पटना 6 व पालीगंज के 5 प्राचार्य हैं.
वहीं, सबसे अधिक फेल होने वाले शिक्षक मनेर 24, पटना सिटी 11, दानापुर 16,
मसौढ़ी 10, दनियावां 23 व पटना 16 हैं
फेल होने वाले शिक्षक और प्राचार्य को प्रोन्नति नहीं
जो शिक्षक और प्राचार्य फेल हो गये हैं, उनकी प्रोन्नति अब नहीं हो
पायेगी. यह परीक्षा साल में एक बार ही एससीइआरटी द्वारा ली जाती है. इसमें
बड़ी संख्या में शिक्षक और प्राचार्य फेल हो जाते हैं.
मेदो दास, डीइओ, पटना जिला शिक्षा कार्यालय