सीतामढ़ी। प्रारंभिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति व
पदस्थापना में बरती गई भारी अनियमितता के मामले में शिक्षकों ने कोर्ट जाने
की तैयारी शुरू कर दी है। मामले को लेकर परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के अलावा
कई शिक्षकों ने डीएम को आवेदन देकर पूरे मामले की जांच कराकर दोषी
व्यक्तियों पर कार्रवाई की गुहार लगाई है।
क्या है मामला
प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति व पदस्थापन को लेकर पिछले नौ माह से शिक्षा महकमा सुर्खियों में रहा है। जिसमें धरना प्रदर्शन से लेकर मारपीट व दुव्यर्वहार का भी दौर चलता। जिस प्रकार आदेश व निर्देश को ताक पर रखकर शिक्षा अधिकारियों ने पदस्थापना पत्र निर्गत किया है उस पर कई सवाल उठाए जा रहे है।
प्रोन्नति को लेकर हुई गतिविधियों पर एक नजर
20 फरवरी : पीओ रामजी पासवान के नेतृत्व में मध्य विद्यालय सोशल क्लब में दो दिवसीय शिविर आयोजित की गई थी। जिसमें तीन बीईओ की निगरानी में करीब 600 से अधिक शिक्षकों का शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा कराया ।
अप्रैल 2016 : अपर सचिव के निर्देश के बाद प्रोन्नति को लेकर जिला स्तरीय कमेटी का हुआ गठन। 3 अप्रैल को पैनल निर्माण समिति ने दिया औपबंधिक मेधा सूची निर्माण का निर्देश। इसके बाद शिक्षक संघ की अलग अलग प्रतिनिधिमंडल ने डीईओ व डीपीओ से मिलकर बढ़ाने लगे दबाब।
जुलाई 2016 : औपबंधिक मेधा सूची का प्रकाशन नहीं होने पर शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का किया गया घेराव। 9 जुलाई को अराजपत्रित शिक्षक संघ ने शिक्षा अधिकारियों को घेराव कर जताया था विरोध।
28 जुलाई : प्रोन्नति समिति की बैठक में 324 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति दिए जाने की सहमति बनी।
11 अगस्त : प्रोन्नति की स्व कृति के बाद भी पत्र निर्गत नहीं होने पर शिक्षकों के दबाब के बाद शिविर आयोजित कर प्रोन्नति पत्र व पदस्थापन पत्र देने की घोषणा की गई।
14 अगस्त : विभागीय निर्देश का हवाला देते हुए एमपी हाई स्कूल में काउंस¨लग कराई गई। जिसमें प्रोन्नति प्राप्त दिव्यांग, महिला व एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों से अधिच्छा प्राप्त कर स्कूल आवंटन करने का निर्णय लिया गया। जिसमें 51 शिक्षक व शिक्षिकाएं शामिल हुई।
14 अगस्त : काउंस¨लग के बाद 16 व 17 अगस्त को होने वाली काउंस¨लग को रद किए जाने की घोषणा की गई। साथ ही वंचित शिक्षकों को 18 अगस्त को प्रोन्नति एवं पदस्थापना पत्र देने का आश्वासन दिया गया।
18 अगस्त : अधिकारियों में अन्तकर्लह शुरू हुई और शिक्षकों को नहीं मिला पदस्थापन पत्र। डीइओ कार्यालय में पहुंचे दो संघ भिड़े। देर शाम को जमकर हुई झड़प।
19 अगस्त : डीपीओ स्थापना व पीओ दिन भर कार्यालय में बैठे रहे, शिक्षकों से भरा रहा डीईओ कार्यालय, नहीं पहुंचे डीईओ। कई शिक्षक की टोली डीईओ को मनाने में जुटे रहे लेकिन परिणाम सिफर रहा।
24 अगस्त : पदस्थापना पत्र को लेकर अराजपत्रित शिक्षक संघ ने किया धरना का एलान कर दिया, आश्वासन के बाद धरना कार्यक्रम को किया स्थगित।
28 अगस्त : डीपीओ स्थापना प्रेमचंद्र ने डीपीओ सुरेश प्रसाद को दिया स्थापना का प्रभार।
29 अगस्त : अराजपत्रित शिक्षक संघ सत्याग्रह पर बैठ गए, शिक्षा मंत्री के निर्देश की भनक पर शिक्षा अधिकारियों की मंत्रणा हुई श रू, देर रात तक चली मंत्रणा के बाद भी नहीं बनी सहमति ।
30 अगस्त : शिक्षा मंत्री के निर्देश पर डीएम ने प्रोन्नति को लेकर गठित की तीन सदस्यीय कमेटी।
17 सितम्बर : डीएम द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष डीडीसी ने बुलाई ब ठक को किया स्थगित।
16 अक्टूबर : आरडीडीई द्वारा डीईओ को भेजे गए पत्र के आलोक में शिक्षक संघ ने डीईओ के साथ वार्ता की।
17 अक्टूबर : अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के तत्वावधान में शिक्षक बैठे अनशन पर।
20 अक्टूबर : डीएम के पहल पर शिक्षकों ने अनशन तोड़ा।
22 अक्टूबर : मुख्यालय डुमरा स्थित नेहरू भवन में शिविर आयोजित कर नवप्रोन्नत शिक्षकों से मांगा अधिच्छा। अधिच्छा के आधार पर 217 शिक्षकों को पदस्थापना पत्र निर्गत किया गया।
23 अक्टूबर : शिक्षा कार्यालय में वंचित शिक्षकों की लगी रही जमघट, नहीं मिला वंचितों को पदस्थापना पत्र।
24 अक्टूबर : वंचित शिक्षकों के पदस्थापना पर हस्ताक्षर के लिए होता रहा हाई प्रोफाईल ड्रामा, दिन भर भागते रहे डीपीओ स्थापना। डीएम ने लिया संज्ञान और जांच का दिया निर्देश।
26 अक्टूबर : पटना पहुंचे डीपीओ स्थापना की मुलाकात डीईओ से हुई और दोनों की सहमति पर वंचित शिक्षकों का किया गया पदस्थापना।
कोर्ट जाने की तैयारी में जुटे शिक्षक
अधिकारियों ने निर्देश व नियमावली के विरुद्ध हुई पदस्थापना को लेकर शिक्षकों ने कोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षिका रंजना झा ने कहा कि विभागीय निर्देश के आलोक में महिला, दिव्यांग व एक वर्ष के भीतर सेवा निवृत होने वाले शिक्षकों से अधिच्छा प्राप्त कर पदस्थापना करना था। इसके तहत 14 अगस्त को अधिच्छा प्राप्त किया गया। लेकिन डीईओ द्वारा बगैर प्रोन्नति समिति की बैठक किए ही उक्त अधिच्छा को रद करते हुए पुन: अधिच्छा लिया गया। चहेते को मनोनुकूल में पदस्थापन करने के लिए डीईओ द्वारा साजिश किया गया है। मामले को लेकर आरडीडीई व डीएम को आवेदन दिया गया है। कार्रवाई नहीं हुई तो सीधा कोर्ट का दरबाजा खटखटाएंगे। वहीं परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के महासचिव शशिरंजन सुमन ने बताया है कि निर्देश के आलोक में अनुपातिक रिक्ति की सूची जारी किया गया है। जिसमें कम छात्र की संख्या वाले स्कूल को शामिल किया गया है जबकि अधिक बच्चों की संख्या वाले स्कूल को वंचित किया गया। इतना ही नहीं अनुपातिक रिक्ति से अधिक सीटों पर शिक्षकों पदस्थापित किया गया है। यह भी बात समाने आई है कि जिस शिक्षक ने जिस स्कूल के लिए अधिच्छा दिया था उसके विरुद्ध अन्य स्कूलों में पदस्थापित किया गया है।
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क्या है मामला
प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति व पदस्थापन को लेकर पिछले नौ माह से शिक्षा महकमा सुर्खियों में रहा है। जिसमें धरना प्रदर्शन से लेकर मारपीट व दुव्यर्वहार का भी दौर चलता। जिस प्रकार आदेश व निर्देश को ताक पर रखकर शिक्षा अधिकारियों ने पदस्थापना पत्र निर्गत किया है उस पर कई सवाल उठाए जा रहे है।
प्रोन्नति को लेकर हुई गतिविधियों पर एक नजर
20 फरवरी : पीओ रामजी पासवान के नेतृत्व में मध्य विद्यालय सोशल क्लब में दो दिवसीय शिविर आयोजित की गई थी। जिसमें तीन बीईओ की निगरानी में करीब 600 से अधिक शिक्षकों का शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा कराया ।
अप्रैल 2016 : अपर सचिव के निर्देश के बाद प्रोन्नति को लेकर जिला स्तरीय कमेटी का हुआ गठन। 3 अप्रैल को पैनल निर्माण समिति ने दिया औपबंधिक मेधा सूची निर्माण का निर्देश। इसके बाद शिक्षक संघ की अलग अलग प्रतिनिधिमंडल ने डीईओ व डीपीओ से मिलकर बढ़ाने लगे दबाब।
जुलाई 2016 : औपबंधिक मेधा सूची का प्रकाशन नहीं होने पर शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का किया गया घेराव। 9 जुलाई को अराजपत्रित शिक्षक संघ ने शिक्षा अधिकारियों को घेराव कर जताया था विरोध।
28 जुलाई : प्रोन्नति समिति की बैठक में 324 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति दिए जाने की सहमति बनी।
11 अगस्त : प्रोन्नति की स्व कृति के बाद भी पत्र निर्गत नहीं होने पर शिक्षकों के दबाब के बाद शिविर आयोजित कर प्रोन्नति पत्र व पदस्थापन पत्र देने की घोषणा की गई।
14 अगस्त : विभागीय निर्देश का हवाला देते हुए एमपी हाई स्कूल में काउंस¨लग कराई गई। जिसमें प्रोन्नति प्राप्त दिव्यांग, महिला व एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों से अधिच्छा प्राप्त कर स्कूल आवंटन करने का निर्णय लिया गया। जिसमें 51 शिक्षक व शिक्षिकाएं शामिल हुई।
14 अगस्त : काउंस¨लग के बाद 16 व 17 अगस्त को होने वाली काउंस¨लग को रद किए जाने की घोषणा की गई। साथ ही वंचित शिक्षकों को 18 अगस्त को प्रोन्नति एवं पदस्थापना पत्र देने का आश्वासन दिया गया।
18 अगस्त : अधिकारियों में अन्तकर्लह शुरू हुई और शिक्षकों को नहीं मिला पदस्थापन पत्र। डीइओ कार्यालय में पहुंचे दो संघ भिड़े। देर शाम को जमकर हुई झड़प।
19 अगस्त : डीपीओ स्थापना व पीओ दिन भर कार्यालय में बैठे रहे, शिक्षकों से भरा रहा डीईओ कार्यालय, नहीं पहुंचे डीईओ। कई शिक्षक की टोली डीईओ को मनाने में जुटे रहे लेकिन परिणाम सिफर रहा।
24 अगस्त : पदस्थापना पत्र को लेकर अराजपत्रित शिक्षक संघ ने किया धरना का एलान कर दिया, आश्वासन के बाद धरना कार्यक्रम को किया स्थगित।
28 अगस्त : डीपीओ स्थापना प्रेमचंद्र ने डीपीओ सुरेश प्रसाद को दिया स्थापना का प्रभार।
29 अगस्त : अराजपत्रित शिक्षक संघ सत्याग्रह पर बैठ गए, शिक्षा मंत्री के निर्देश की भनक पर शिक्षा अधिकारियों की मंत्रणा हुई श रू, देर रात तक चली मंत्रणा के बाद भी नहीं बनी सहमति ।
30 अगस्त : शिक्षा मंत्री के निर्देश पर डीएम ने प्रोन्नति को लेकर गठित की तीन सदस्यीय कमेटी।
17 सितम्बर : डीएम द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष डीडीसी ने बुलाई ब ठक को किया स्थगित।
16 अक्टूबर : आरडीडीई द्वारा डीईओ को भेजे गए पत्र के आलोक में शिक्षक संघ ने डीईओ के साथ वार्ता की।
17 अक्टूबर : अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के तत्वावधान में शिक्षक बैठे अनशन पर।
20 अक्टूबर : डीएम के पहल पर शिक्षकों ने अनशन तोड़ा।
22 अक्टूबर : मुख्यालय डुमरा स्थित नेहरू भवन में शिविर आयोजित कर नवप्रोन्नत शिक्षकों से मांगा अधिच्छा। अधिच्छा के आधार पर 217 शिक्षकों को पदस्थापना पत्र निर्गत किया गया।
23 अक्टूबर : शिक्षा कार्यालय में वंचित शिक्षकों की लगी रही जमघट, नहीं मिला वंचितों को पदस्थापना पत्र।
24 अक्टूबर : वंचित शिक्षकों के पदस्थापना पर हस्ताक्षर के लिए होता रहा हाई प्रोफाईल ड्रामा, दिन भर भागते रहे डीपीओ स्थापना। डीएम ने लिया संज्ञान और जांच का दिया निर्देश।
26 अक्टूबर : पटना पहुंचे डीपीओ स्थापना की मुलाकात डीईओ से हुई और दोनों की सहमति पर वंचित शिक्षकों का किया गया पदस्थापना।
कोर्ट जाने की तैयारी में जुटे शिक्षक
अधिकारियों ने निर्देश व नियमावली के विरुद्ध हुई पदस्थापना को लेकर शिक्षकों ने कोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षिका रंजना झा ने कहा कि विभागीय निर्देश के आलोक में महिला, दिव्यांग व एक वर्ष के भीतर सेवा निवृत होने वाले शिक्षकों से अधिच्छा प्राप्त कर पदस्थापना करना था। इसके तहत 14 अगस्त को अधिच्छा प्राप्त किया गया। लेकिन डीईओ द्वारा बगैर प्रोन्नति समिति की बैठक किए ही उक्त अधिच्छा को रद करते हुए पुन: अधिच्छा लिया गया। चहेते को मनोनुकूल में पदस्थापन करने के लिए डीईओ द्वारा साजिश किया गया है। मामले को लेकर आरडीडीई व डीएम को आवेदन दिया गया है। कार्रवाई नहीं हुई तो सीधा कोर्ट का दरबाजा खटखटाएंगे। वहीं परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के महासचिव शशिरंजन सुमन ने बताया है कि निर्देश के आलोक में अनुपातिक रिक्ति की सूची जारी किया गया है। जिसमें कम छात्र की संख्या वाले स्कूल को शामिल किया गया है जबकि अधिक बच्चों की संख्या वाले स्कूल को वंचित किया गया। इतना ही नहीं अनुपातिक रिक्ति से अधिक सीटों पर शिक्षकों पदस्थापित किया गया है। यह भी बात समाने आई है कि जिस शिक्षक ने जिस स्कूल के लिए अधिच्छा दिया था उसके विरुद्ध अन्य स्कूलों में पदस्थापित किया गया है।
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