बीएड प्रवेश परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद विवि
प्रशासन जल्द से जल्द परीक्षा लेने की तैयारी में जुट गया है. नौ नवंबर से
फॉर्म बिकेंगे व 27 को परीक्षा होगी.
भागलपुर : छात्रों के लिए खुशखबरी है. बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए अब
इंतजार नहीं करने पड़ेंगे. कोर्ट के फैसला के बाद परीक्षा जल्द ही ली
जायेगी. विवि के सीसीडीसी प्रो अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि कोर्ट के
निर्णय आने के बाद विवि प्रशासन परीक्षा लेने की तैयारी में जुट गया है. जो
छात्र बीएड फॉर्म नहीं ले पाये हैं, उन छात्रों के लिए नौ से 12 नवंबर तक
सीसीडीसी कार्यालय से फॉर्म उपलब्ध कर सकते हैं. फॉर्म की कीमत एक हजार
रुपये है. विवि सूत्रों के अनुसार संभवत: 27 नवंबर को प्रवेश परीक्षा ली
जायेगी. परीक्षा के लिए मुख्यालय के कॉलेजों को केंद्र बनाया जायेगा.
परीक्षा में लघु प्रश्न पूछे जायेंगे. पूर्व में बीएड प्रवेश परीक्षा के
लिए 5406 अवेदन जमा हो चुके हैं. परीक्षा को लेकर विशेष कोड के तहत
प्रश्नपत्र तैयार किया जायेगा.
निजी बीएड कॉलेज संघ फैसले के विरोध जायेंगे सुप्रीम कोर्ट : हाइकोर्ट
के फैसला आने के बाद विवि प्रशासन बीएड प्रवेश परीक्षा लेने की तैयारी कर
रहा है. दूसरी तरफ फैसले को लेकर निजी बीएड कॉलेज संघ सुप्रीम कोर्ट में
चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. संगठन के सचिव डॉ अजीत कुमार पांडे ने
बताया कि कोर्ट के निर्णय को लेकर जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में संगठन की ओर
से चुनौती दी जायेगी. नये सत्र के तहत चार माह की पढ़ाई हो चुकी है. पढ़ाने
वाले शिक्षकों को भुगतान किया जा चुका है. दूसरी आेर प्रवेश परीक्षा के
दौरान नामांकित छात्र पास नहीं कर पाते हैं, तो कॉलेज के सामने गंभीर
स्थिति बन सकती है.
इसे लेकर नामांकित छात्र भी हाइकोर्ट के शरण में जायेंगे. उन्होंने
बताया कि नामांकित छात्रों से जुड़े तमाम बिंदु पर कुलपति के साथ बैठक कर
समस्या को रखेंगे.
भागलपुर. टीचर ट्रेनिंग कॉलेज घंटाघर में शुक्रवार को छात्रों ने
क्लास में पढ़ाई नहीं होने पर हंगामा किया. कॉलेज प्रशासन के खिलाफ
नारेबाजी की. छात्र क्लास में नियमित पढ़ाई की मांग कर रहे थे. आंदोलित
छात्रों ने कहा कि 18 अक्तूबर से नये सत्र के तहत पढ़ाई आरंभ हो चुकी है.
लेकिन अब तक कक्षा में पढ़ाई नहीं शुरू की गयी है. कक्षा के समय क्लास रूम
में बैठ कर समय काटते हैं. पढ़ाई के नाम पर छात्रों को सिर्फ क्लास में
बैठा कर रखा जाता है.
छात्रों को कक्षा में 85 फीसदी उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य है.
पढ़ाई को लेकर प्रभारी प्राचार्य से कुछ पूछने पर कहते हैं कि वे यहां
प्रभारी के रूप में कार्यरत है. ज्यादा कुछ बाेलते हैं, तो कॉलेज प्रशासन
कॉलेज की आंतरिक प्रतियोगिता परीक्षा में कम अंक देने की बात करते हैं. नये
सत्र के प्रथम वर्ष में 100 छात्रों का नामांकन है. जबकि द्वितीय वर्ष के
तहत लगभग 90 छात्र नामांकित है. छात्रों ने बताया कि शिक्षकों की कमी के
कारण कुछ विषय की पढ़ाई होती ही नहीं है. परीक्षा के समय किसी तरह छात्र
जवाब दे पाते हैं.
इधर, कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ राकेश कुमार ने बताया कि एक
मीटिंग को लेकर पटना में हैं. तीन व्याख्याता प्रधान सचिव की बैठक में पटना
आये हुए हैं. कॉलेज के दो शिक्षकों को विधि व्यवस्था की ड्यूटी में लगाया
गया है. शिक्षकों की कमी को देखते हुए जिला प्रशासन से दोनों शिक्षकों काे
विधि व्यवस्था ड्यूटी से मुक्त करने के लिए अनुरोध किया जा रहा है. छात्रों
के द्वारा लगाये गये आरोप गलत हैं. शिक्षक क्लास लेते हैं, पढ़ाई होती है.
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC