पटना [वेब डेस्क]। राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट
प्रोफेसर के 3364 पदों के आवेदकों को बड़ी राहत मिली है। पटना हाइकोर्ट
ने राज्य सरकार के उस आदेश को मंगलवार को रद्द कर दिया, जिसमें बिहार लोक
सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा इन पदों पर नियुक्ति के लिए लिये जा रहे
इंटरव्यू पर रोक लगा दी गयी थी।
जस्टिस एके त्रिपाठी की एकलपीठ ने समाजशास्त्र विषय की एक अभ्यर्थी अर्चना भारती की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय और बीपीएससी के बीच राज्य सरकार की कहीं कोई भूमिका नहीं है और सरकार विश्वविद्यालय की रिक्तियों को भरने के लिए बीपीएससी द्वारा लिये जा रहे इंटरव्यू पर रोक नहीं लगा सकती।
कोर्ट ने इंटरव्यू लिये जाने और रिजल्ट के प्रकाशन पर लगी रोक हटाने का आदेश दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद बीपीएससी द्वारा राज्य के विभिन्न विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर के 3364 पदों के लिए पूर्व में जारी निर्धारित प्रक्रिया के तहत इंटरव्यू पुन: लिया जा सकेगा।
शिक्षा विभाग ने 12 अगस्त को बीपीएससी द्वारा लिये जा रहे इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी। विभाग की ओर से कहा गया था कि असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए जिन विषयों के इंटरव्यू हो चुके हैं, वैसे अभ्यर्थियों के रिजल्ट जारी होंगे और वे कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में ज्वाइन (योगदान) भी करेंगे। वहीं, जिन विषयों का इंटरव्यू नहीं हो सका है, उनके इंटरव्यू की प्रक्रिया नहीं होगी।
बीपीएससी को भेजे गये पत्र में शिक्षा विभाग ने कहा था कि असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली प्रक्रिया यूजीसी की 2009 गाइडलाइन के अनुसार शुरू की गयी थी।
इसमें नेट पास या फिर 2009 की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी होना आवश्यक था, लेकिन यूजीसी ने मई, 2016 में 2009 की गाइडलान से पहले पीएचडी की डिग्री हासिल करनेवालों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में नेट क्वालिफाइ की बाध्यता हटा दी है, जिसके बाद से ऐसे पीएचडी डिग्रीधारियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने की लगातार मांग उठने लगी।
इसके बाद शिक्षा विभाग समेत सरकार ऊपरी स्तर पर कई बैठकें हुईं और वर्तमान नियुक्ति प्रक्रिया में रोक लगाने का निर्णय लिया गया।
अंग्रेजी का आया रिजल्ट मैथिली में हो चुका योगदान
असस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में मैथिली विषय का रिजल्ट आने के बाद शिक्षकों ने कॉलेजों में योगदान कर लिया है। वहीं, अंग्रेजी विषय का भी रिजल्ट आ चुका है। इसके अलावा छह विषयों का इंटरव्यू हो चुका है। दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र, मनोवज्ञिान, गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान के रिजल्ट अभी नहीं आये हैं।
बीपीएससी ने इनका रिजल्ट तैयार कर रखा है। अब इनका रिजल्ट जारी होगा और वे योगदान कर सकेंगे। वहीं, 33 अन्य विषयों में इंटरव्यू नहीं होना बाकी है।
डोमिसाइल मुद्दा उठने के बाद नियुक्ति पर लगायी गयी थी रोक
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पिछले दिनों डोमिसाइल का मुद्दा उठाया था। इसका समर्थन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत विपक्ष ने भी किया था और मुख्यमंत्री ने इस पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात भी कही थी।डोमिसाइल लागू नहीं होने से असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में बिहार के लोगों का कम प्रतिनिधित्व मिलने की मांग भी उठी।
-विधानमंडल के मॉनसून सत्र में इसे लेकर हुआ था हंगामा
- सरकार ने इंटरव्यू प्रक्रिया में 2009 की गाइडलाइन से पहले पीएचडी करनेवाले अभ्यर्थियों को मौका देने का निर्णय लिया
-सितंबर, 2014 में 41 विषयों के 3364 पदों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का विज्ञापन निकला
-यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी करनेवाले या नेट क्वालिफाइ करनेवालों को इसके लिए योग्य माना गया।
-हाइकोर्ट के निर्देश के बाद 2009 गाइडलाइन से पहले पीएचडी करनेवाले अभ्यर्थियों से भी आवेदन लिये गये
-सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के अनुसार नियुक्ति का फैसला दिया
-इसके बाद 2009 गाइडलाइन के पहले पीएचडी करनेवाले करीब 35 हजार अभ्यर्थियों के आवेदनों को अलगकर मैथिली विषय से इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू की गयी
-मार्च, 2016 तक की रिक्तियों पर एक साथ असिस्टेंट प्रोफेसर की िनयुिक्त
-विवि को एक महीने में रोस्टर क्लियर कर रिक्तियां देने का निर्देश
-एक साथ होनी थी नौ हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति
-वर्तमान में जिनका हो चुका इंटरव्यू उनका आयेगा रिजल्ट, होंगे बहाल
-मैथिली के 53 पदों में से 49 व अंगरेजी के 239 में से करीब 169 का रिजल्ट आ चुका है अंग्रेजी, गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान व अर्थशास्त्र का इंटरव्यू पूरा
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जस्टिस एके त्रिपाठी की एकलपीठ ने समाजशास्त्र विषय की एक अभ्यर्थी अर्चना भारती की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय और बीपीएससी के बीच राज्य सरकार की कहीं कोई भूमिका नहीं है और सरकार विश्वविद्यालय की रिक्तियों को भरने के लिए बीपीएससी द्वारा लिये जा रहे इंटरव्यू पर रोक नहीं लगा सकती।
कोर्ट ने इंटरव्यू लिये जाने और रिजल्ट के प्रकाशन पर लगी रोक हटाने का आदेश दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद बीपीएससी द्वारा राज्य के विभिन्न विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर के 3364 पदों के लिए पूर्व में जारी निर्धारित प्रक्रिया के तहत इंटरव्यू पुन: लिया जा सकेगा।
शिक्षा विभाग ने 12 अगस्त को बीपीएससी द्वारा लिये जा रहे इंटरव्यू पर रोक लगा दी थी। विभाग की ओर से कहा गया था कि असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए जिन विषयों के इंटरव्यू हो चुके हैं, वैसे अभ्यर्थियों के रिजल्ट जारी होंगे और वे कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में ज्वाइन (योगदान) भी करेंगे। वहीं, जिन विषयों का इंटरव्यू नहीं हो सका है, उनके इंटरव्यू की प्रक्रिया नहीं होगी।
बीपीएससी को भेजे गये पत्र में शिक्षा विभाग ने कहा था कि असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली प्रक्रिया यूजीसी की 2009 गाइडलाइन के अनुसार शुरू की गयी थी।
इसमें नेट पास या फिर 2009 की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी होना आवश्यक था, लेकिन यूजीसी ने मई, 2016 में 2009 की गाइडलान से पहले पीएचडी की डिग्री हासिल करनेवालों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में नेट क्वालिफाइ की बाध्यता हटा दी है, जिसके बाद से ऐसे पीएचडी डिग्रीधारियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने की लगातार मांग उठने लगी।
इसके बाद शिक्षा विभाग समेत सरकार ऊपरी स्तर पर कई बैठकें हुईं और वर्तमान नियुक्ति प्रक्रिया में रोक लगाने का निर्णय लिया गया।
अंग्रेजी का आया रिजल्ट मैथिली में हो चुका योगदान
असस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में मैथिली विषय का रिजल्ट आने के बाद शिक्षकों ने कॉलेजों में योगदान कर लिया है। वहीं, अंग्रेजी विषय का भी रिजल्ट आ चुका है। इसके अलावा छह विषयों का इंटरव्यू हो चुका है। दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र, मनोवज्ञिान, गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान के रिजल्ट अभी नहीं आये हैं।
बीपीएससी ने इनका रिजल्ट तैयार कर रखा है। अब इनका रिजल्ट जारी होगा और वे योगदान कर सकेंगे। वहीं, 33 अन्य विषयों में इंटरव्यू नहीं होना बाकी है।
डोमिसाइल मुद्दा उठने के बाद नियुक्ति पर लगायी गयी थी रोक
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पिछले दिनों डोमिसाइल का मुद्दा उठाया था। इसका समर्थन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत विपक्ष ने भी किया था और मुख्यमंत्री ने इस पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात भी कही थी।डोमिसाइल लागू नहीं होने से असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में बिहार के लोगों का कम प्रतिनिधित्व मिलने की मांग भी उठी।
-विधानमंडल के मॉनसून सत्र में इसे लेकर हुआ था हंगामा
- सरकार ने इंटरव्यू प्रक्रिया में 2009 की गाइडलाइन से पहले पीएचडी करनेवाले अभ्यर्थियों को मौका देने का निर्णय लिया
-सितंबर, 2014 में 41 विषयों के 3364 पदों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति का विज्ञापन निकला
-यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी करनेवाले या नेट क्वालिफाइ करनेवालों को इसके लिए योग्य माना गया।
-हाइकोर्ट के निर्देश के बाद 2009 गाइडलाइन से पहले पीएचडी करनेवाले अभ्यर्थियों से भी आवेदन लिये गये
-सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के अनुसार नियुक्ति का फैसला दिया
-इसके बाद 2009 गाइडलाइन के पहले पीएचडी करनेवाले करीब 35 हजार अभ्यर्थियों के आवेदनों को अलगकर मैथिली विषय से इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू की गयी
-मार्च, 2016 तक की रिक्तियों पर एक साथ असिस्टेंट प्रोफेसर की िनयुिक्त
-विवि को एक महीने में रोस्टर क्लियर कर रिक्तियां देने का निर्देश
-एक साथ होनी थी नौ हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति
-वर्तमान में जिनका हो चुका इंटरव्यू उनका आयेगा रिजल्ट, होंगे बहाल
-मैथिली के 53 पदों में से 49 व अंगरेजी के 239 में से करीब 169 का रिजल्ट आ चुका है अंग्रेजी, गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान व अर्थशास्त्र का इंटरव्यू पूरा
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