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शिक्षकों को चाहिए स्थानांतरण, प्रोन्नति, सेवा निरंतरता अवकाश का अधिकार

राज्यके शिक्षकों ने सरकार के समक्ष अपनी मंशा जाहिर कर दी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन के कार्यालय कक्ष में नियोजित माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए सेवा शर्त नियमावली पर बैठक हुई। सात संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांग निदेशक के समक्ष रखी।
शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने लिए तैयार की जा रही नियमावली में स्थानांतरण, प्रोन्नति, सेवा निरंतरता और अवकाश का अधिकार देने की मांग की।

संगठनों ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सौंपा। निदेशक से शिक्षक प्रतिनिधियों ने वार्ता के दौरान पूछा कि कितने दिनों में नियमावली तैयार हो जाएगी? इस पर निदेशक बोले- इंतजार कीजिए। नियोजित शिक्षकों ने खुद को राज्यकर्मी घोषित करने की भी मांग की। इस संबंध में निदेशक ने कहा कि सभी मांगों को ऊपर पहुंचा दिया जाएगा। शिक्षक संगठन से वार्ता के बाद निदेशक ने कहा कि सात संगठनों के प्रतिनिधियों ने वार्ता की। इस क्रम में सभी संगठनों ने अपनी मांगों को रखा है। कॉमन मांगों को कंपाइल किया जाएगा। इसके अलावा अन्य मांगों को सूचीबद्ध कर ऊपर भेजा जाएगा। अभी हमें यह जानकारी नहीं दी गई है कि शिक्षकों से प्राप्त मांगों को कंपाइल कर रिपोर्ट कहां भेजनी है। हम रिपोर्ट तैयार कराकर आगे की कार्रवाई करेंगे। बैठक के दौरान उप निदेशक अजित कुमार अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

दोस्तरों पर शिक्षकों की रिपोर्ट पेश होने की चर्चा : विभागीयअधिकारियों का मानना है कि इन प्रस्तावों को नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली में शामिल कराने के लिए प्रधान सचिवों की कमेटी के पास भेजा जाएगा। वहीं दूसरा पक्ष यह है कि शिक्षामंत्री के स्तर पर पहले शिक्षक प्रतिनिधियों की मांगों को रखा जाए। वहां पर बैठक में हर बिंदु पर चर्चा हो। सरकार के स्तर पर शिक्षकों की जिन मांगों को नियमावली में शामिल किया जाना है, उन पर वहां भी सहमति बन सकती है।

सबसे पहले माध्यमिक शिक्षक संघ ने रखा पक्ष

सबसेपहले बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने बैठक में अपना पक्ष रखा। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव केदार पांडेय ने कहा कि शिक्षकों के लिए समान सेवा शर्त का निर्धारण होना चाहिए। इसके अलावा छह अन्य संघ ने भी अपना पक्ष रखा। नियोजित शिक्षक महासंघ के विघटन होने के कारण इसका कोई प्रतिनिधि भाग नहीं लिया। इसे देखते हुए नए राज्यस्तरीय स्नातकोत्तर (+2) शिक्षक संगठन को बैठक में भाग लेने का मौका दिया गया। उन्हें सबसे अंत में बैठक में अपना प्रजेंटेशन रखने का मौका दिया गया। संघ के डाॅ. कृतंजय चौधरी डा. राहुल कुमार चौधरी ने कहा कि प्लस टू स्कूल शिक्षकों का हमारा एक मात्र संगठन प्रदेश में है। उन्होंने राज्य के प्लस टू स्कूलों में पढ़ाई की व्यवस्था सुचारु करने की भी मांग की। सभी संगठनों को अपना पक्ष रखने के लिए 10 मिनट का समय दिया गया। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक ने कहा कि सरकार शिक्षकों की मांग के आधार पर सेवा शर्त तैयार करे। शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई जिलास्तर पर ट्रांसफर का नियम बने।

{टीईटी-एसटीईटी पास शिक्षकों को सहायक शिक्षक राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए {टीईटी-एसटीईटी पास शिक्षकों के लिए अंतर जिला या अंतर नियोजन इकाईवार कम से कम दो बार एच्छिक स्थानांतरण की सुविधा दी जाए {नियोजित शिक्षकों के ग्रेड पे के लिए दो वर्ष की बाध्यता समाप्त की जाए। अप्रशिक्षित शिक्षकों को भी ग्रेड पे का लाभ मिले {अप्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों के लिए एकमुश्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए

{उच्च माध्यमिक शिक्षकों (पीजीटी) को अन्य राज्यों की तरह प्रवक्ता या व्याख्याता पदनाम दिया जाए {टीईटी-एसटीईटी पास शिक्षकों को बिहार सरकार के राज्यकर्मियों की तरह सरकारी नौकरी की अधिकतम उम्र सीमा में पांच वर्ष छूट का लाभ दिया जाए {नियोजित शिक्षकों को कालबद्ध प्रोन्नति का लाभ देते हुए कक्षा एक से पांच बेसिक ग्रेड शिक्षकों को कक्षा छह से आठवीं स्नातक ग्रेड के शिक्षकों के रूप में प्रोन्नति दी जाए {नियोजित शिक्षकों के संबोधन से नियोजित शब्द हटाया जाए और उन्हें उनके पदनाम पंचायत, प्रखंड या नगर शिक्षक से ही पुकारा जाए {‘समान काम समान वेतन’ का सिद्धांत लागू करते हुए जिला परिषद या नगर निकाय माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षक पद पर कार्यरत सभी शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तरह 9300 से 34,800 ग्रेड पे 4600 4800 का वेतनमान लागू किया जाए। वर्तमान में देय वेतनमान छठे वेतनमान के अनुरूप एक जुलाई 2015 से लागू किया जाए {न्यू पेंशन स्कीम के तहत नियोजित शिक्षकों वर्तमान में लागू सरकारी पेंशन व्यवस्था दी जाए और पीएफ जीएलआई की कटौती की व्यवस्था की जाए {अर्जित अवकाश की सुविधा दी जाए {माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक नियोजित शिक्षकों पुस्तकालयाध्यक्षों के सेवा संवर्ग का निर्धारण किया जाए {नियोजित शिक्षकों की वरीयता का निर्धारण उनके नियोजन की तिथि के आधार पर की जाए {माध्यमिक शिक्षक से उच्चतर माध्यमिक शिक्षक पद को वरीयता दी जाए। उच्च माध्यमिक के वरीय शिक्षक को प्लस टू स्कूलों का प्रभारी बनाया जाए {माध्यमिक, प्राथमिक उच्च माध्यमिक स्कूलों में नियोजित होने वाले शिक्षकों को सेवा निरंतरता एवं पे-प्रोटेक्शन की सुविधा दी जाए।
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