मुंगेर :
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अंगीभूत जेएमएस कॉलेज मुंगेर के नोटिस
बोर्ड पर नामांकन संबंधी एक सूचना चिपका हुआ है. जिसमें महाविद्यालय
प्रशासन ने पूरी पारदर्शिता के साथ महाविद्यालय में शिक्षकों की वर्तमान
स्थिति को भी प्रदर्शित किया है और यह अभी अंकित कर दिया है कि जिन विषयों
में शिक्षक नहीं हैं उन विषयों के छात्र-छात्राओं को अपने स्तर से पढ़ाई
करनी है. बावजूद यहां अंगरेजी, अर्थशास्त्र एवं इतिहास विषय में स्नातक
प्रतिष्ठा के सभी सीट फुल हैं.
कॉलेज में नामांकन कराने वाले छात्र-छात्राएं अपने भरोसे ही नामांकन
करा रहे और डिग्रियां प्राप्त कर रहे. अलबत्ता यह कि जिन विषयों के िशक्षक
यहां मौजूद हैं उनके छात्र भी पढ़ाई के लिए नहीं आते. प्राचार्य डॉ
राजकिशोर प्रसाद सिन्हा दावा करते हैं कि जो बच्चे पढ़ाई के लिए आते हैं
उन्हें निश्चित रूप से हमारे िशक्षक पढ़ाते हैं.
डिग्री लेनी है...
प्रमंडलीय मुख्यालय मुंगेर में भागलपुर विश्वविद्यालय के चार अंगीभूत
महाविद्यालय हैं. आरडी एंड डीजे कॉलेज, बीआर महिला महाविद्यालय, जेएमएस
कॉलेज मुंगेर एवं जेआरएस कॉलेज जमालपुर है. यूं तो जेआरएस कॉलेज का नाम
जमालपुर से जुड़ा है. किंतु यह महाविद्यालय मुंगेर शहर में ही स्थापित है.
इन सभी महाविद्यालयों की बदहाली यह है कि यहां कला, विज्ञान एवं वाणिज्य
संकाय में छात्र नामांकन तो ले रहे. लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए प्राध्यापक
नहीं हैं. महाविद्यालय प्रशासन अपने विश्वविद्यालय को पत्र लिख-लिख कर थक
चुके हैं. लेकिन शिक्षकों का पदस्थापन नहीं हो रहा. फलत: कॉलेज में विषयवार
पढ़ाई नहीं हो पा रही और ज्ञान का यह मंदिर सिर्फ डिग्री बांटने वाला
कार्यालय बनकर रह गया है.
कहते हैं प्राचार्य
प्राचार्य डॉ राजकिशोर प्रसाद सिन्हा का कहना है कि वे लगातार
महाविद्यालय में शिक्षकों के पदस्थापन के लिए विश्वविद्यालय को पत्र भेज कर
अनुरोध करते रहे हैं. लेकिन अब तक विषयवार शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पा रहा.
जिसके कारण उन्होंने अपने नोटिस बोर्ड में यह अंकित कर रखा है कि जिन
विषयों में शिक्षक नहीं हैं उन विषयों की पढ़ाई की तैयारी स्वयं करनी होगी.
जेएमएस कॉलेज मुंगेर में नोटिस बोर्ड पर शिक्षकों की वर्तमान स्थिति को किया गया है प्रदर्शित
छह शिक्षक के भरोसे जेएमएस कॉलेज
जेएमएस कॉलेज मुंगेर में वाणिज्य व कला संकाय की पढ़ाई होती है. यहां
हिंदी, अंगरेजी, वाणिज्य, इतिहास, राजनीति शास्त्र, दर्शन शास्त्र व
अर्थशास्त्र में स्नातक प्रतिष्ठा की पढ़ाई की व्यवस्था है. इतिहास व
राजनीति शास्त्र के स्नातक प्रतिष्ठा में 195-195 एवं अन्य विषयों में
130-130 ऑनर्स का सीट निर्धारित है
और लगभग सभी विषयों में सीट फुल है. लेकिन बदहाली यह है कि यहां
अर्थशास्त्र, इतिहास व अंगरेजी में पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं है.
अर्थात इन विषयों के छात्र-छात्राओं को कॉलेज के बदले कोचिंग संस्थाओं के
भरोसे अपना कोर्स पूरा करना पड़ रहा. इस कॉलेज में सत्र 2016-17 स्नातक
प्रतिष्ठा में कुल 735 छात्र नामांकित हैं. जिन्हें पढ़ाने के लिए
प्राचार्य सहित छह शिक्षक हैं.
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