हाइस्कूल के शिक्षकों ने जांची स्नातक की कॉपियां

मुजफ्फरपुर: ललित नारायण मिथिला विवि दरभंगा के बीए पार्ट-थर्ड 2016 की काॅपियों की जांच में गड़बड़ी की शिकायत मिली है. बताया जाता है कि कुछ विषय की कॉपियां इंटर कॉलेज के शिक्षकों ने जांच की है. वहीं कुछ ऐसे शिक्षकों ने भी कॉपियां जांची है, जिन्हें कॉलेज का पता तक नहीं है. राजभवन में शिकायत पहुंचने के बाद विवि में काफी हलचल है. 
 सूत्र के मुताबिक इसमें बड़े अधिकारियों के अलावा चार दर्जन से अिधक शिक्षकों की गर्दन फंसती नजर आ रही है. बताया जाता है कि कॉपियों की जांच के लिए बीआरए बिहार विवि के पाॅलिटिकल साइंस के शिक्षक डॉ बीके राय को मूल्यांकन समन्वयक बनाया गया था. शिकायतकर्ता विकास कुमार का आरोप है कि इंटर कॉलेज के शिक्षकों से स्नातक की कॉपियाें की जांच करवा ली गयी. इसमें रामजस प्रसाद सिंह इंटर कॉलेज नरमा के शिक्षक भी शामिल हैं. इसके अलावा चोचहां कॉलेज प्राचीन इतिहास के शिक्षक आधुनिक इतिहास की कॉपी की जांच की है. बताया जाता है कि विवि की जो 115 संभावित परीक्षकों की सूची सौंपी गई है. इसमें ज्यादातर शिक्षकों को कॉपी जांच का अनुभव तक नहीं है. मामले में दरभंगा विवि ने जांच शुरू करते हुये मूल्यांकन समन्वयक डॉ बीके राय को नोटिस भी भेज चुका है साथ ही मामले को परीक्षा बोर्ड में भी ले जाया जा चुका है. वही मामले एलएनएमयू के वीसी ने बीआरए बिहार विवि के कुलपति को जानकारी दे दी है.
 
इन संस्थानों का पता नहीं : विवि को मिली सूची में पंडित टीवाइजे कॉलेज मुजफ्फरपुर, जेड ए इस्लामिया काॅलेज गोपालगंज, पंडित टीकेजे काॅलेज बगाही का नाम शामिल हैं. शिकायतकर्ता विकास कुमार का कहना है कि इस नाम से कोई कॉलेज ही नहीं है. 
बताया जाता है कि बिना अनुभव के आधार पर कॉपी जांच की जिम्मेवारी मूल्यांकन समन्वयक ने दे दी. परीक्षक सूची में विवि के विभागों और अंगीभूत महाविद्यालयों से अवकाश प्राप्त सहित कार्यरत 23 शिक्षकों का नाम दर्शाया गया है. बाकी सभी शिक्षक संबद्ध महाविद्यालयों के हैं, इसमें अधिकांश की नियुक्ति मात्र सचिव द्वारा असृजित पद पर जोर दिया गया है. 
 
उनकी सेवा में न तो काॅलेज सर्विस कमीशन से है और न ही चयन समिति की अनुशंसा पर विवि द्वारा अनुमोदित है. ऐसे संबद्ध महाविद्यालयों में एसएनएस कॉलेज से 30 शिक्षकों का नाम दर्शाया गया है. इसमें अधिकांश की नियुक्ति वर्ष 2015 में शासी निकाय द्वारा की गई है, जबकि स्नातक स्तर की उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए पांच वर्ष का अनुभव होना जरूरी है.
 
संभावित सूची में इंटर काॅलेज के शिक्षकों का नाम विवि को सौंप दिया गया था. इसमें रामजस प्रसाद सिंह नरमा का इंटर कॉलेज शामिल था. कहा, उन कॉलेज के शिक्षकों से कॉपियों की जांच नहीं कराई गई है. आरोप पूरी तरह से गलत है.
डॉ विपिन कुमार राय, पूर्व डीओ विवि
 
काॅपियां आई थी. चेक होकर चली गई है. जांच की सूची देखने के बाद ही सही कारणों का पता चल सकेगा. मामला एलएनएमयू का है. इसकी पूरी जानकारी विवि के पास ही होगी . 
डॉ सतीश कुमार राय, प्रॉक्टर
 
जानकारी मिली है कि कई इंटर कॉलेज सहित हाइस्कूल के शिक्षकों से कॉपी जांच कराई गई है. डॉ बीके राय से लिखित तौर पर जवाब मांगा गया है. उनके जवाब के बाद ही सही तथ्याें की जानकारी के लिए विवि अपने स्तर से जांच करवाएगा.

डॉ कुलानंद यादव, कंट्रोलर, एलएमएनयू, दरभंगा
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