सुपौल। जिले में विभिन्न पंचायत नियोजन इकाईयों द्वारा शिक्षकों के किये
गए नियोजन के अभिलेखों की जांच के लिए निगरानी ब्यूरो ने 30 जुलाई तक
शिक्षक नियोजन फोल्डर जमा करने की तिथि निर्धारित की थी। सभी फोल्डर जिला
शिक्षा कार्यालय में निगरानी कोषांग में जमा करना था।
परन्तु निगरानी विभाग द्वारा जमा करने की समय सीमा खत्म होने के बाद भी 1744 फोल्डर नियोजन समितियों द्वारा नहीं जमा किया गया है। निगरानी कोषांग के सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार नियोजन इकाई द्वारा किए गये 7444 शिक्षकों के नियोजन अभिलेख उपलब्ध कराने थे। जिसमें से बीते 30 जुलाई तक 5700 अभिलेख ही कोषांग को उपलब्ध हो पाए हैं। 1744 शिक्षक नियोजन के फोल्डर नियोजन इकाई द्वारा अब तक नहीं जमा किये गये हैं। जबकि जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया था कि पंचायत नियोजन समिति द्वारा नियोजित किये गये सभी शिक्षकों के मेधा सूची सहित अन्य अभिलेख हर हाल में उपलब्ध कराना है। अभिलेखों में वैसे शिक्षकों के भी फोल्डर उपलब्ध कराए जाने थे जो सेवा करने के बाद त्याग पत्र दे दिये थे। तय समय-सीमा के अंदर सभी पंचायत नियोजित शिक्षकों का फोल्डर जमा हो जाए इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से निर्गत पत्रांक 1098 दिनांक 25 जुलाई 2016 के माध्यम से सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को कहा गया था। फिलहाल फोल्डर नहीं जमा करने वाली पंचायत नियोजन इकाई के विरुद्ध कार्रवाई करने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है। जबकि इससे पूर्व भी कई नियोजन इकाई पर कार्रवाई की जा चुकी है।
- प्रभार के आदान प्रदान में भी गुम हुए अभिलेख
पंचायत शिक्षक नियोजन समिति में सदस्य के अलावा स्थानीय मुखिया अध्यक्ष व पंचायत सचिव, नियोजन समिति के सचिव होते हैं। वर्षो से चली आ रही शिक्षक नियोजन के दौरान कई पंचायत सचिवों का स्थानान्तरण के साथ-साथ कई जगह मुखिया भी बदल गए। इस बीच सचिव के स्थानान्तरण के कारण अभिलेखों का कोई पता ही नहीं है। प्रभार आदान-प्रदान करते समय या नियोजन से संबंधित प्रभार ही नहीं लिया गया। या फिर लिया भी गया तो अभिलेख का ही कुछ पता नहीं है। जहां है भी तो आधा-अधूरा।
- 63 समिति पर कार्रवाई होना तय
ससमस फोल्डर जमा नहीं करने वाले नियोजन समिति को चिन्हित किया जा चुका है। हालांकि इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है। कार्रवाई के जद में आने वाले वैसे समितियां शामिल हैं जो आधा-अधूरा या फिर पूर्ण रूप से फोल्डर जमा ही नहीं किये हैं।
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शिक्षकों में मचा हड़कंप
जिन शिक्षकों का नियोजन समिति द्वारा विभाग को फोल्डर नहीं उपलब्ध कराया गया है, उन शिक्षकों में हड़कंप मचा है। उन्हें डर इस बात का लगा है कि नियोजन समिति के गलती का खामियाजा अंतत: उन्हें न भुगतना पड़े। वैसे गलत प्रमाण पत्र लगाकर अभी तक नौकरी कर रहे शिक्षक भी खास परेशान नजर आ रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि इस बार जिस तरह से जांच हो रही है उनकी नौकरी जानी तय है।
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परन्तु निगरानी विभाग द्वारा जमा करने की समय सीमा खत्म होने के बाद भी 1744 फोल्डर नियोजन समितियों द्वारा नहीं जमा किया गया है। निगरानी कोषांग के सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार नियोजन इकाई द्वारा किए गये 7444 शिक्षकों के नियोजन अभिलेख उपलब्ध कराने थे। जिसमें से बीते 30 जुलाई तक 5700 अभिलेख ही कोषांग को उपलब्ध हो पाए हैं। 1744 शिक्षक नियोजन के फोल्डर नियोजन इकाई द्वारा अब तक नहीं जमा किये गये हैं। जबकि जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया था कि पंचायत नियोजन समिति द्वारा नियोजित किये गये सभी शिक्षकों के मेधा सूची सहित अन्य अभिलेख हर हाल में उपलब्ध कराना है। अभिलेखों में वैसे शिक्षकों के भी फोल्डर उपलब्ध कराए जाने थे जो सेवा करने के बाद त्याग पत्र दे दिये थे। तय समय-सीमा के अंदर सभी पंचायत नियोजित शिक्षकों का फोल्डर जमा हो जाए इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से निर्गत पत्रांक 1098 दिनांक 25 जुलाई 2016 के माध्यम से सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को कहा गया था। फिलहाल फोल्डर नहीं जमा करने वाली पंचायत नियोजन इकाई के विरुद्ध कार्रवाई करने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है। जबकि इससे पूर्व भी कई नियोजन इकाई पर कार्रवाई की जा चुकी है।
- प्रभार के आदान प्रदान में भी गुम हुए अभिलेख
पंचायत शिक्षक नियोजन समिति में सदस्य के अलावा स्थानीय मुखिया अध्यक्ष व पंचायत सचिव, नियोजन समिति के सचिव होते हैं। वर्षो से चली आ रही शिक्षक नियोजन के दौरान कई पंचायत सचिवों का स्थानान्तरण के साथ-साथ कई जगह मुखिया भी बदल गए। इस बीच सचिव के स्थानान्तरण के कारण अभिलेखों का कोई पता ही नहीं है। प्रभार आदान-प्रदान करते समय या नियोजन से संबंधित प्रभार ही नहीं लिया गया। या फिर लिया भी गया तो अभिलेख का ही कुछ पता नहीं है। जहां है भी तो आधा-अधूरा।
- 63 समिति पर कार्रवाई होना तय
ससमस फोल्डर जमा नहीं करने वाले नियोजन समिति को चिन्हित किया जा चुका है। हालांकि इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है। कार्रवाई के जद में आने वाले वैसे समितियां शामिल हैं जो आधा-अधूरा या फिर पूर्ण रूप से फोल्डर जमा ही नहीं किये हैं।
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शिक्षकों में मचा हड़कंप
जिन शिक्षकों का नियोजन समिति द्वारा विभाग को फोल्डर नहीं उपलब्ध कराया गया है, उन शिक्षकों में हड़कंप मचा है। उन्हें डर इस बात का लगा है कि नियोजन समिति के गलती का खामियाजा अंतत: उन्हें न भुगतना पड़े। वैसे गलत प्रमाण पत्र लगाकर अभी तक नौकरी कर रहे शिक्षक भी खास परेशान नजर आ रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि इस बार जिस तरह से जांच हो रही है उनकी नौकरी जानी तय है।
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