पटना : भाजपा
के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य
सरकार कार्यरत शिक्षकों को वेतन देने में सक्षम नहीं है इसलिए बहाने बना
कर शिक्षकों की नई नियुक्तियां टाल रही है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि लालू प्रसाद खुली प्रतियोगिता
परीक्षा से शिक्षकों की नियुक्ति की बात कर रहे हैं, क्या 2011 में
प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हुई
टीइटी और एसटीइटी जिसमें 70 लाख अभ्यर्थी भाग लिए थे, खुली प्रतियोगिता
परीक्षा नहीं थी. सत्ता के नये केंद्र बने लालू को मुख्यमंत्री नीतीश से
पूछना चाहिए कि प्रारंभिक शिक्षकों के 86 हजार और माध्यमिक व उच्च माध्यमिक
शिक्षकों के 30 हजार पद रिक्त रहने के बावजूद चार साल बाद भी टीइटी और
एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की अब तक बहाली क्यों नहीं हुई है.
मोदी ने कहा कि एसटीइटी में विज्ञान, गणित और अंग्रजी विषयों में
रिक्तियों के विरुद्ध मात्र 5 प्रतिशत अभ्यर्थी उत्तीर्ण कर पाये.
रिक्तियों को भरने के लिए दिसंबर में मुख्यमंत्री के स्तर पर विशेष परीक्षा
आयोजित कराने के निर्णय के बावजूद सरकार आज तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर
पायी है. असल में सरकार शिक्षकों की बहाली करना ही नहीं चाह रही है.
नियुक्ति में देरी को लेकर बीपीएससी को बेकार का कमीशन बताने वाले लालू
प्रसाद बताएं कि जब सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए पीएचडीधारकों के
मामले में यूजीसी के 2009 के रेगुलेशन को केन्द्र सरकार ने मई,2016 में ही
संशोधित कर दिया तो क्या सरकार एक निर्देश देकर बीते चार महीने में बहाली
प्रारंभ नहीं करा सकती थी. लालू प्रसाद को शिक्षा और उसकी गुणवत्ता से कुछ
लेना–देना नहीं हैं. बिना सोचे-समझे बयान देकर सरकार पर अपना वर्चस्व
स्थापित करना उनका मकसद है. अगर शिक्षकों की बहाली को लेकर वह वाकई चिन्तित
हैं तो पहले उन हजारों टीइटी और एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को बहाल
कराएं जिन्हें रिक्तियां होने के बावजूद सरकार नियुक्त नहीं कर रही है.
सुशील मोदी में राज्य चलाने की बेचैनी : संजय
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा
नेता सुशील मोदी को राज्य चलाने की बेचैनी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
के राजकीय काम पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है. राज्य के सभी जिलों से हाइ व
प्लस टू स्कूलों के साथ-साथ प्रारंभिक स्कूलों की फिर से रिक्तियां मांगी
गयी हैं. जिलों से मार्च, 2017 तक खाली होनेवाले सभी पदों की संख्या की
मांग की गयी है. इस आधार पर शिक्षक पात्रता परीक्षा व नयी बहाली होगी. अबतक
करीब 86 हजार प्रारंभिक स्कूलों में, छह हजार हाइ स्कूलों में व साढ़े 12
हजार प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली बताये गये थे. हाइ व प्लस टू
स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया फिलहाल चल रही है.
और अगले दो महीनों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जायेगी. उन्होंने
कहा कि विभाग ने जिलों से पूछा है कि मार्च 2017 तक जितने शिक्षक
सेवानिवृत्त होनेवाले हैं और बच्चों के अनुपात में (40 बच्चों पर एक
शिक्षक) कितने शिक्षकों की जरूरत, इसकी जानकारी दी जाये. दिसंबर महीने में
टीइटी लेने के बाद साल 2017 में प्रारंभिक स्कूलों से लेकर प्लस टू स्कूलों
में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी
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