राज्य ब्यूरो, पटना। हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान स्कूल की
व्यवस्था पर तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि यह स्कूल है या प्राइवेट
लिमिटेड कंपनी? दरअसल स्कूल में प्राचार्य से लेकर मास्टर तक सभी एक परिवार
से थे।
संस्कृत स्कूल को सरकारी राशि न दिए जाने के मसले पर दर्ज याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी ने उक्त टिप्पणी की। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य भी व्यक्त किया कि स्कूल में एक ही घर के लोग प्राचार्य से लेकर शिक्षक तक के पद पर काबिज हैं।
दरअसल स्कूल के हेडमास्टर लडडू लाल मंडल है। उनकी पुत्री गंगा कुमारी और दामाद सूर्य नारायण इसी स्कूल में मास्टर हैं। अदालत ने कहा कि क्या इसी तरह से चलते हैं संस्कृत स्कूल? तब बीच में ही वकील ने टिप्पणी करते हुए कहा कि संस्कृत से ही लोगों में संस्कृति आती है। जबाव में कोर्ट ने कहा कि अब संस्कृत आती किसे है? और इस तरह इस याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी।
अब शिक्षक कहां हैं, सारे हो गये कांट्रेक्टर
शिक्षकों के ही एक अन्य मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि अब शिक्षक बच्चों में पोशाक बांट रहे हैं। बच्चों को भोजन करा रहे हैं। कुछ स्कूल बनवा रहे हैं। दरअसल अब शिक्षक हैं कहां सारे के सारे कांट्रेक्टर हो गये हैं। एक याचिका के माध्यम से पूर्व शिक्षा समिति के सचिव द्वारा 32 लाख रूपये के गबन की जांच कराने की मांग की गई थी। याचिका खारिज कर याचिकाकर्ता उपयुक्त फोरम में जाने को कहा।
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दरअसल स्कूल के हेडमास्टर लडडू लाल मंडल है। उनकी पुत्री गंगा कुमारी और दामाद सूर्य नारायण इसी स्कूल में मास्टर हैं। अदालत ने कहा कि क्या इसी तरह से चलते हैं संस्कृत स्कूल? तब बीच में ही वकील ने टिप्पणी करते हुए कहा कि संस्कृत से ही लोगों में संस्कृति आती है। जबाव में कोर्ट ने कहा कि अब संस्कृत आती किसे है? और इस तरह इस याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी।
अब शिक्षक कहां हैं, सारे हो गये कांट्रेक्टर
शिक्षकों के ही एक अन्य मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि अब शिक्षक बच्चों में पोशाक बांट रहे हैं। बच्चों को भोजन करा रहे हैं। कुछ स्कूल बनवा रहे हैं। दरअसल अब शिक्षक हैं कहां सारे के सारे कांट्रेक्टर हो गये हैं। एक याचिका के माध्यम से पूर्व शिक्षा समिति के सचिव द्वारा 32 लाख रूपये के गबन की जांच कराने की मांग की गई थी। याचिका खारिज कर याचिकाकर्ता उपयुक्त फोरम में जाने को कहा।
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