पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में 2013 से पहले बहाल करीब 16 हजार अनट्रेंड शिक्षकों की ट्रेनिंग टीइटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास अप्रशिक्षित शिक्षकों से पहले होगी. इन अप्रशिक्षित शिक्षकों को ओपेन एंड डिस्टेंस लर्निंग के जरिये ट्रेनिंग दी जायेगी. दूसरे चरण में दिसंबर महीने टीइटी पास करीब 50 हजार अनट्रेंड शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू होगा. इनका पाठ्यक्रम भी दो सालों का होगा.
राज्य के सभी 60 जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान(डायट), प्रखंड शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (बायट) व प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय (पीटीइसी) में इनका प्रशिक्षण होगा. वर्तमान में एक जनवरी 2013 से पहले बहाल अप्रशिक्षित शिक्षकों (जो टीइटी पास नहीं है) का नामांकन डायट, बायट और पीटीइसी में होने जा रहा है.
इनका कोर्स भी दो सालों का होगा और पहले सेमेस्टर की परीक्षा दिसंबर महीने में होगी. राज्य के 60 डायट, बायट व पीटीइसी के लिए के लिए 85-85 अप्रशिक्षित शिक्षकों की लिस्ट जारी कर दी गयी है. कुछ अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रतिक्षा सूची में रखा गया है.
एससीइआरटी को शिकायत मिली है कि कुछ जिलों ने टीइटी पास अप्रशिक्षित शिक्षकों के नामों को भी लिस्ट में जारी कर दिया है, लेकिन उनका नामांकन नहीं हो सकेगा. वरीयता के आधार पर एक जनवरी 2013 से पहले योगदान करने वाले शिक्षकों का नामांकन होगा. राज्य में टीइटी पास अप्रशिक्षित शिक्षक मार्च-अप्रैल 2013 से बहाल होने शुरू हुए थे.
इन संस्थानों में उनका नामांकन इसी साल दिसंबर महीने से शुरू होने वाले दूसरे सत्र से हो सकेगा. जिन अप्रशिक्षित शिक्षकों का नाम चयन सूची में आ गया है वे बेबसाइट से अपने नाम के आगे डाउनलोड बटन पर क्लिक कर फॉर्म डाउनलोड कर अपने संबंधित जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी से एप्रूवल लेंगे और अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्रों व कागजातों को संबंधित डायट, बायट या पीटीइसी में जमा कर उसकी रिसिविंग लेंगे. इसके बाद ही उस संस्थान में उनका नामांकन हो सकेगा, नहीं तो उनका दावा भी समाप्त हो सकता है.
जिन शिक्षकों का नाम फिलहाल प्रतिक्षा सूची में है उनके लिए खाली सीटों के आधार पर दूसरी सूची जारी की जायेगी, जिसके बाद वे नामांकन ले सकेंगे.
प्वाइंटर :-
कुल अप्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या : करीब 66 हजार
टीइटी पास अनट्रेंड शिक्षकों की संख्या : करीब 50 हजार
बिना टीइटी पास अनट्रेंड शिक्षकों की संख्या : करीब 16 हजार
गैर सरकारी 242 प्लस टू स्कूलों की भी होगी जांच
राज्य के गैर सरकारी 242 प्लस टू स्कूलों की राज्य सरकार जांच कराने जा रही है. इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन होगा. कमेटी जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को अगले दो महीने में देगी. इन संस्थानों को पिछले तीन सालों में कितना अनुदान दिया गया? अनुदान पाने के लिए ये स्कूल निर्धारित मानकों पर खरे उतरे या नहीं और नामांकन से लेकर संबंधित प्लस टू स्कूलों के बिल्डिंग की भी जांच की जायेगी. शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है और अगले दो-तीन दिन में कमेटी का गठन कर दिये जाने की संभावना है. इंटर टॉपर्स घोटाले के बाद शिक्षा विभाग ऑपरेशन क्लीन के तहत यह कार्रवाई करने जा रहा है. सभी 242 गैर सरकारी प्लस टू स्कूलों के नामांकन की जांच की जायेगी. जितने छात्र नामांकित हैं, उनकी क्लास नियमित रूप से चलती है या नहीं. शिक्षकों हैं भी या फिर सिर्फ कागजों पर हैं, इसकी पड़ताल होगी. जांच कमेटी यह भी देखेगी कि छात्रों की संख्या के आधार पर इन प्लस टू स्कूलों की बिल्डिंग व अन्य आधारभूत संरचनाएं हैं या नहीं. स्कूल का अपनी जमीन व अपनी बिल्डिंग है या नहीं, क्लास रूम, शौचालय, पेयजल की व्यवस्था है या नहीं. इन स्कूलों की जांच कर तीन सदस्यीय कमेटी दो महीने में अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेंगी.
इसके बाद जो स्कूल निर्धारित मापदंडों पर खरे नहीं उतरते हैं उनका एफेलिएशन भी रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी.
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राज्य के सभी 60 जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान(डायट), प्रखंड शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (बायट) व प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय (पीटीइसी) में इनका प्रशिक्षण होगा. वर्तमान में एक जनवरी 2013 से पहले बहाल अप्रशिक्षित शिक्षकों (जो टीइटी पास नहीं है) का नामांकन डायट, बायट और पीटीइसी में होने जा रहा है.
इनका कोर्स भी दो सालों का होगा और पहले सेमेस्टर की परीक्षा दिसंबर महीने में होगी. राज्य के 60 डायट, बायट व पीटीइसी के लिए के लिए 85-85 अप्रशिक्षित शिक्षकों की लिस्ट जारी कर दी गयी है. कुछ अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रतिक्षा सूची में रखा गया है.
एससीइआरटी को शिकायत मिली है कि कुछ जिलों ने टीइटी पास अप्रशिक्षित शिक्षकों के नामों को भी लिस्ट में जारी कर दिया है, लेकिन उनका नामांकन नहीं हो सकेगा. वरीयता के आधार पर एक जनवरी 2013 से पहले योगदान करने वाले शिक्षकों का नामांकन होगा. राज्य में टीइटी पास अप्रशिक्षित शिक्षक मार्च-अप्रैल 2013 से बहाल होने शुरू हुए थे.
इन संस्थानों में उनका नामांकन इसी साल दिसंबर महीने से शुरू होने वाले दूसरे सत्र से हो सकेगा. जिन अप्रशिक्षित शिक्षकों का नाम चयन सूची में आ गया है वे बेबसाइट से अपने नाम के आगे डाउनलोड बटन पर क्लिक कर फॉर्म डाउनलोड कर अपने संबंधित जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी से एप्रूवल लेंगे और अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्रों व कागजातों को संबंधित डायट, बायट या पीटीइसी में जमा कर उसकी रिसिविंग लेंगे. इसके बाद ही उस संस्थान में उनका नामांकन हो सकेगा, नहीं तो उनका दावा भी समाप्त हो सकता है.
जिन शिक्षकों का नाम फिलहाल प्रतिक्षा सूची में है उनके लिए खाली सीटों के आधार पर दूसरी सूची जारी की जायेगी, जिसके बाद वे नामांकन ले सकेंगे.
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कुल अप्रशिक्षित शिक्षकों की संख्या : करीब 66 हजार
टीइटी पास अनट्रेंड शिक्षकों की संख्या : करीब 50 हजार
बिना टीइटी पास अनट्रेंड शिक्षकों की संख्या : करीब 16 हजार
गैर सरकारी 242 प्लस टू स्कूलों की भी होगी जांच
राज्य के गैर सरकारी 242 प्लस टू स्कूलों की राज्य सरकार जांच कराने जा रही है. इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन होगा. कमेटी जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को अगले दो महीने में देगी. इन संस्थानों को पिछले तीन सालों में कितना अनुदान दिया गया? अनुदान पाने के लिए ये स्कूल निर्धारित मानकों पर खरे उतरे या नहीं और नामांकन से लेकर संबंधित प्लस टू स्कूलों के बिल्डिंग की भी जांच की जायेगी. शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है और अगले दो-तीन दिन में कमेटी का गठन कर दिये जाने की संभावना है. इंटर टॉपर्स घोटाले के बाद शिक्षा विभाग ऑपरेशन क्लीन के तहत यह कार्रवाई करने जा रहा है. सभी 242 गैर सरकारी प्लस टू स्कूलों के नामांकन की जांच की जायेगी. जितने छात्र नामांकित हैं, उनकी क्लास नियमित रूप से चलती है या नहीं. शिक्षकों हैं भी या फिर सिर्फ कागजों पर हैं, इसकी पड़ताल होगी. जांच कमेटी यह भी देखेगी कि छात्रों की संख्या के आधार पर इन प्लस टू स्कूलों की बिल्डिंग व अन्य आधारभूत संरचनाएं हैं या नहीं. स्कूल का अपनी जमीन व अपनी बिल्डिंग है या नहीं, क्लास रूम, शौचालय, पेयजल की व्यवस्था है या नहीं. इन स्कूलों की जांच कर तीन सदस्यीय कमेटी दो महीने में अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेंगी.
इसके बाद जो स्कूल निर्धारित मापदंडों पर खरे नहीं उतरते हैं उनका एफेलिएशन भी रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी.
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