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एक शिक्षक पर 128 बच्चों का भविष्य

भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी] जिले में प्राथमिक शिक्षा की हालत काफी खराब है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की अपेक्षा शिक्षक नहीं हैं। औसतन 128 बच्चों की पढ़ाई एक शिक्षक के भरोसे चल रही है।
ऐसे में शिक्षा का अधिकार व बच्चों को बेहतर शिक्षा की बात करना बेमानी साबित हो रही है।
प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ते हैं 5635 बच्चे :
जिले में कुल 1836 प्राथमिक विद्यालय हैं। जिनमें 2908 लड़के और 2727 लड़कियां पढ़ती हैं। यानी कुल 5635 बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन इतने बच्चों की पढ़ाई के लिए पर्याप्त संख्या में शिक्षक नहीं हैं। यहां 44 प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनमें एक-एक शिक्षक के भरोसे ही पठन-पाठन चल रहा है। इस तरह औसतन 128 बच्चों पर सिर्फ एक शिक्षक है जबकि नियमानुसार 40 बच्चों पर एक शिक्षक की नियुक्ति होनी चाहिए। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि मानक से तीन गुना ज्यादा बच्चों के लिए पर्याप्त संख्या में शिक्षक नहीं हैं।
बेहतर शिक्षा का सपना नहीं हो रहा साकार :
यह स्थिति हाल फिलहाल में नहीं हुई है बल्कि यह वर्षो से चल रही है। प्रशासन की इस लापरवाही से देश के भविष्य बच्चों को बेहतर शिक्षा का सपना साकार होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था तबतक नहीं सुरधरेगी जबतक बच्चों को पढ़ाने के लिए मानक के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती न हो जाती है।
60 फीसद बच्चों को नहीं मिल पाई हैं किताबें :
जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां मानक के अनुरूप छात्रों की संख्या से अधिक शिक्षक तैनात हैं। इसे कुव्यवस्था नहीं तो और क्या कहा जा सकता है। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि अब तक 60 फीसद से अधिक बच्चों को किताबें भी नहीं मिल पाई हैं। मध्य विद्यालय से आठवीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं जिन्हें उच्च विद्यालयों के नवम वर्ग में नामांकन कराना है उन्हें अपने स्कूलों से स्थानांतरण प्रमाण पत्र भी नहीं मिल पाया है। जिसके कारण नवम वर्ग में बच्चों का नामांकन नहीं हो पा रहा है।
एक शिक्षक वाले विद्यालयों की है संख्या
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प्रखंड विद्यालयों की संख्या
बिहपुर - 01
गोराडीह 04
इस्माइलपुर 03
जगदीशपुर 04
कहलगांव 01
खरीक 02
नगर निगम 13
नाथनगर 01
पीरपैंती 02
रंगराचौक 01
सबौर 01
सन्हौला 05
शाहकुंड 03
सुल्तानगंज 04
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कोट..
शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए जल्द प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के लिए नियोजित शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। विलंब होने की स्थिति में सरकार से निर्देश प्राप्त होते ही जहां शिक्षक अधिक हैं उन्हें जरूरतमंद विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा।

-फूल बाबू चौधरी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर।
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