Studies teacher without getting in Bihar : Mahachandra Singh
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बेतिया। सूबे में शिक्षा की हालत काफी
खास्ता है। विश्वविद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं। खास कर विज्ञान जैसे
विषयों में। बिना प्रयोगशाला देखे ही छात्र छात्राएं स्नातक व स्नातकोत्तर
की पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। उक्त बातें लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के
पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह ने कही।
वे रविवार को रालोसपा नेता कैलाश प्रसाद के आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। वे सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र भ्रमण के दौरान रविवार को बेतिया पहुंचे थे। उन्होने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में क्राइम कर रही है। एक तरफ विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी है, तो दूसरी तरफ शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्होने
कहा कि पहली बार होली जैसे त्योहार में सुबे के लाखों शिक्षकों को वेतन नहीं दिया मिला। जबकि पुराने समय में होली व ईद जैसे त्यौहार में वेतन भुगतान के लिए अग्रिम राशि की व्यवस्था की जाती थी। उन्होने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसके लिए मैने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ध्यान आकृष्ट कराया था। जिसपर अमल करते हुए नीतीश कुमार ने होली में सभी नियोजित शिक्षकों को वेतन देने की घोषणा की लेकिन मजे की बात यह है कि शिक्षकों को होली पर वेतन नहीं मिला। श्री सिंह ने कहा कि वे सरकार से हर माह के प्रथम सप्ताह में शिक्षकों को वेतन देने की व्यवस्था करने की मांग किये है। चार पांच माह तक शिक्षकों का वेतन बकाया होने की स्थिति में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावे खोखले है। मौके पर रालोसपा नेता कैलाश प्रसाद, अजय गिरी, विनोद गिरी, प्रमोद सिंह, रामाकांत कुशवाहां, आदि उपस्थित रहे।
वे रविवार को रालोसपा नेता कैलाश प्रसाद के आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। वे सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र भ्रमण के दौरान रविवार को बेतिया पहुंचे थे। उन्होने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में क्राइम कर रही है। एक तरफ विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी है, तो दूसरी तरफ शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्होने
कहा कि पहली बार होली जैसे त्योहार में सुबे के लाखों शिक्षकों को वेतन नहीं दिया मिला। जबकि पुराने समय में होली व ईद जैसे त्यौहार में वेतन भुगतान के लिए अग्रिम राशि की व्यवस्था की जाती थी। उन्होने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसके लिए मैने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ध्यान आकृष्ट कराया था। जिसपर अमल करते हुए नीतीश कुमार ने होली में सभी नियोजित शिक्षकों को वेतन देने की घोषणा की लेकिन मजे की बात यह है कि शिक्षकों को होली पर वेतन नहीं मिला। श्री सिंह ने कहा कि वे सरकार से हर माह के प्रथम सप्ताह में शिक्षकों को वेतन देने की व्यवस्था करने की मांग किये है। चार पांच माह तक शिक्षकों का वेतन बकाया होने की स्थिति में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावे खोखले है। मौके पर रालोसपा नेता कैलाश प्रसाद, अजय गिरी, विनोद गिरी, प्रमोद सिंह, रामाकांत कुशवाहां, आदि उपस्थित रहे।