बिहार से शुरू होकर राष्ट्रीय आंदोलन बनेगी शराबबंदी : नीतीश कुमार

भागलपुर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा है कि जीविका कार्यकर्ताओं को छह साल का सेवा विस्तार दिया जा रहा है। इस काम में 2700 करोड़ रुपये खर्च होंगे। विश्व बैंक की मदद से राशि की व्यवस्था कर ली गई है। सीएम ने सैंडिस कंपाउंड में जीविका द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में इस आशय की घोषणा की। उन्होंने शराबबंदी आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर शुरू करने की भी घोषणा की।


उन्होंने कहा कि सूबे में दस लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन करने की योजना है। इनमें पांच लाख समूहों का गठन कर लिया गया है। एक समूह में 10 से 15 महिलाएं रहेंगी। एक से डेढ़ करोड़ महिलाएं एसएचजी से जुड़ेंगी।
सीएम ने कहा कि प्रखंड व पंचायत स्तर पर जीविका का काम ले जाया जाएगा। इससे महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। रोजगार के साधन बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पूरे देश में जीविका का मॉडल अपनाया जाएगा।
शराबबंदी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिस थाना क्षेत्र में शराब की बिक्री का मामला सामने आएगा, वहां के थानेदार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दस वर्षों तक ऐसे थानेदारों की थाने में पोस्टिंग नहीं होगी। सभी थानेदारों से लिखवा कर ले लिया गया है कि उनके थाना क्षेत्र में शराब की बिक्री नहीं होगी। अगर शराब पीने से किसी की मौत होती है तो शराब बनाने व बेचने वाले को फांसी की सजा दी जाएगी। शराब पीकर हंगामा करने वाले को दस साल की सजा दी जाएगी।
नीतीश ने कहा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, नेपाल व बंगाल से शराब पीकर आने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। सीमा पर ब्रेथ एनालाइजर मशीन से शराब पीने वालों की जांच की जाएगी। पकड़े जाने पर ऐसे लोगों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
कहा, बिहार के शराबबंदी आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया जाएगा। महिलाओं का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है। किसी भी तरह की सूचना देने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में सरकार बनने के साथ ही महिलाओं को पंचायत व नगर परिषद में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। प्राथमिक शिक्षक बनने में भी 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया गया। पोशाक व साइकिल योजना लागू की गई। स्कूलों में लड़कियों की संख्या काफी बढ़ गई है।
जहां पहले नौवीं कक्षा में एक लाख 70 हजार लड़कियां ही स्कूल जा पाती थीं, अब आठ लाख से ज्यादा स्कूल जा रही हैं। पहले घरों से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाएं आज आरक्षण के कारण सशक्त होकर विभिन्न कार्यालयों में जाकर काम निपटा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं संगठित हुई हैं। सात जिलों के 44 प्रखंडों में विश्व बैंक के सहयोग से स्वयं सहायता समूह चल रहे थे। महिलाएं अब संगठित हुई हैं। डेयरी, मुर्गी व बकरी पालन आदि के माध्यम से राज्य के विकास में महिलाओं का योगदान होगा।
उन्होंने कहा कि बिहार में उपजाऊ जमीन है, मेहनतकश लोग हैं, मेधावी छात्र हैं। सभी मिलकर बिहार को ऊंचाई पर ले जाएंगे। शराब पर प्रतिबंध लगने से घरेलू ङ्क्षहसा में कमी आई है। मद्य निषेध को और भी प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। एक करोड़ 19 लाख बच्चों ने अपने अभिभावकों से शपथ पत्र लिया है कि वे शराब नहीं पीएंगे और ना ही पीने देंगे। नौ लाख जगहों पर नारे लिखे गए हैं। प्रभात फेरी, जागरूकता कार्यक्रम चल रहे हैं।

मौके पर जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, गृह सचिव आमिर सुवाहनी, एडीजी सुनील कुमार, धर्मेन्द्र गंगवार, अरविंद चौधरी आदि मौजूद थे।

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