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नहीं मिल रहा प्रमाणपत्र, विभाग ने खड़े किए हाथ

मधेपुरा। पंचायत नियोजन इकाई द्वारा नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र देने में आनाकानी करने पर शिक्षा विभाग ने अपना हाथ खड़ा कर दिया है। विभाग जिलाधिकारी से सहयोग व कार्रवाई की मांग की है मालूम हो कि पंचातय नियोजन इकाई की मनमानी के कारण शिक्षा विभाग (स्थापना) अभी तक 633 शिक्षकों का प्रमाण पत्र व फोल्डर निगरानी विभाग को नहीं सौंप पाया है।
डीपीओ (स्थापना) शिवशंकर राय द्वारा इस बाबत जिलाधिकारी को पत्र लिखकर सहयोग की मांग की है। डीपीओ ने बताया कि अक्टूबर माह से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के बाद प्राथमिक शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच शुरू हुई। नवंबर माह तक जिला के सभी प्रखंड नियोजित शिक्षकों का प्रमाण पत्र विभाग को सौंप दिया। लेकिन पंचातय सचिव की हठधर्मिता के कारण आज तक निगरानी को प्रमाण पत्र नहीं सौंपा जा सका है।
मालूम हो कि जिले में नियोजित लगभग 6900 उच्च माध्यमिक से लेकर प्राथमिक शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच निगरानी विभाग द्वारा किया जाना है। इसमें 415 माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षक हैं तो 6507 प्रखंड व पंचायत स्तरीय शिक्षक हैं। वर्तमान में 4481 प्रखंड शिक्षक हैं। वहीं 1856 पंचायत शिक्षक हैं।
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गुम है सैकड़ों प्रमाण पत्र
निगरानी विभाग के दबाव में शिक्षा विभाग भले ही प्रमाण पत्र जुटाने में दिन रात मैराथन दौड़ लगा रही हो वहीं पंचातय में नियोजित शिक्षकों का प्रमाण पत्र नहीं मिलने से विभाग के माथे पर बल पड़ गया है। आलम यह है कि शिक्षा विभाग के अधिनस्थ पंचातय सचिव या जनप्रतिनिधि नहीं रहने के कारण लाचार व बेबस नजर आ रहे हैं। विभाग का कहना है कि केवल प्रशासनिक विभाग से कार्रवाई की मांग कर सकते हैं। कार्यवाही करना जिला प्रशासन के जिम्मे है। कुल मिलाकर इस मामले में लाचार बना शिक्षा विभाग यह पाला जिला प्रशासन पर फेंक कर अपना पल्ला झाड़ रही है। दूसरी ओर ऐसे शिक्षकों के प्रमाण पत्र नहीं जमा करने वाले पंचायत सचिव का कहना है कि जिस समय इन शिक्षकों का नियोजन हुआ उस समय वे पंचायत सचिव नहीं थे। पूर्व के पंचायत सचिव मांगने पर भी प्रमाण-पत्र व फोल्डर नहीं होने की बात करते या एक दूसरे पर फेंक रहे हैं। वहीं ऐसे पंचायत सचिव का कहना है कि गड़बड़ी के जड़ में मुखिया व अन्य जनप्रतिनिधि हैं। नियमों को ताक पर रखकर अपने रिस्तेदार व चहेतों का नियोजन किया है। यही कारण है कि ऐसे गड़बड़ी वाले नियोजन इकाई के पास फोल्डर का होना संदिग्ध है।
कोट
पंचायत सचिव कागजात जमा करने में आनाकानी कर रहे हैं। जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की गयी है।
शिवशंकर राय
डीपीओ (स्थापना), मधेपुरा।


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