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विद्यालयों में अब तक नहीं पहुंची बिजली

सहरसा। प्रखंड क्षेत्र की भौगोलिक बनावट को बाधक समझो अथवा सरकार की नीति में खामियों का असर। प्रखंड के 137 प्राथमिकी व मध्य विद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों में से किसी भी विद्यालय के छात्रों को विद्यालय में बिजली के पंखा की हवा लगाने का सौभाग्य नहीं मिल सका है।
प्रखंड क्षेत्र के 94 प्राथमिक विद्यालय मध्य विद्यालय तटबंध के अन्दर होने के कारण उन तक बिजली की सुविधा नहीं पहुंच सकी। जबकि तटबंध के बाहर के 43 विद्यालयों में सरकारी आदेश व पंचायतों राशि भेजे जाने के बावजूद भी सिर्फ 21 विद्यालय हैं जिनमें बिजली पहुंच सकी है। बावजूद इसके जिन विद्यालयों में बिजली पहुंच भी गई है। वहां इसका लाभ सिर्फ कार्यालय में बैठने वाले शिक्षक को ही मिल पा रहा है। छात्रों को बिजली का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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लोकसभा चुनाव के दौरान आई थी राशि
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गत लोकसभा चुनाव के दौरान पंचायतों में राशि भेज कर विद्यालयों में बिजली लगवाने के सरकारी आदेश दिए गए थे। जिनमें से उक्त राशि द्वारा बिजली को लेकर पंचायतों का नहीं रहा झुकाव। जिन प्रधानाध्यापकों द्वारा इस दौरान विद्यालयों में बिजली लगवाया गया, उन्हें अब तक पंचायत से राशि का नहीं किया गया भुगतान। ऐसे प्रतीक्षारत विद्यालयों में मध्य विद्यालय कन्दाहा, मध्य विद्यालय लहुआर सहित अन्य विद्यालय हैं। जबकि चार माह पूर्व मध्य विद्यालय नहरवार में प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय में बिजली तो लगवाया गया परन्तु राशि के अभाव में कक्षाओं में पंखा नहीं लगवाया जा सका है। जबकि इन चार माह में कार्यालय में खर्च किए गए बिजली के बिल के रूप में 2000 की राशि भुगतान की समस्या बनी हुई है। वहीं तटबंध के अन्दर कोठिया के छात्रों व शिक्षकों को विद्यालय तक बिजली नहीं पहुंचने का मलाल है। धूप व गर्मी से बच्चों का बुरा हाल देखने लायक रहता है, परन्तु मजबूरी है कि वो चाह रखते हुए भी कुछ नहीं कर पाते।------------
क्या थी योजना------------
लोकसभा के दौरान बिजली से जुड़े गांवों के विद्यालयों में बिजली पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा आदेश दिया गया था। जिसके तहत पंचायतों को प्रत्येक मध्य विद्यालय बीस हजार एवं प्रत्येक पंचायत दस हजार की राशि पंचायतों के माध्यम से विद्यालयों को बिजली कनेक्शन व बिल सहित बिजली के उपकरण में खर्च करने के थे निर्देश।------------
क्या कहते हैं छात्र----------
मध्य विद्यालय नहरवार के कक्षा चार की छात्रा कहती है कि बिजली नहीं रहने से गर्मी में पढ़ाई के समय पढ़ाई पर पूरा ध्यान केन्द्रित नहीं रख पाती है।
जबकि इसी विद्यालय के कक्षा दो का छात्र राजवंश बतता है कि बिजली के अभाव में विद्यालय पंखा नहीं लग पाया है, जिससे गर्मी के समय छात्रों को अपने किताबों को पंखा बना कर हवा झोलनी पड़ती है।
मध्य विद्यालय कोठिया के कक्षा चार के छात्र राजेश कुमार बताता है कि गर्मी के कारण स्कूल आने जाने से लेकर कक्षा में गर्मी से कई बार उनकी तबीयत खराब हो जाती है जिस कारण पढ़ाई बाधित हो जाती है। जबकि कक्षा चार के छात्र ध्रुव कुमार बताते हैं कि बढ़ रहा गर्मी में विद्यालय में पंखा नहीं रहने से शिक्षकों व छात्रों को तटबंध के अन्दर बालू के गर्म होने के बाद भवन के अन्दर रहना भी कठिन हो जाता है।
---कहते हैं शिक्षक
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विद्यालय के शिक्षकों द्वारा किसी प्रकार बिजली का उपभोगता तो बना दिया गया, परन्तु बिजली का बिल व कक्षा तक बिजली पहुंचाने के लिए न तो राशि दिया गया और न ही मार्ग मार्गदर्शन
सुमनकांत चौधरी
सहायक शिक्षक नहरवार-------------
बढ़ रही गर्मी के कारण कई बार ऐसा भी हो जाता है कि छोटे बच्चे कक्षा में ही उल्टी करने लगते हैं या फिर कभी-कभी तो बेहोश तक हो जाते हैं जिससे बच्चों की सुरक्षा की ¨चता हमेशा बनी रहती है।
खेमराज बिन्द

प्रभारी प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय कोठिया।

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